हमीरपुर: संगठित क्षेत्रों के साथ ही गैर संगठित क्षेत्रों के मजदूरों दिहाड़ीदारों पर भी कोरोना की मार पड़ी है. कर्फ्यू के कारण लंबे समय से गैर संगठित क्षेत्र के इन लोगों का कमाई का जरिया बंद हो गया है. सरकार ने इस अब दोबारा से बढ़ा दिया है जिससे इस क्षेत्र की परेशानी दोगुनी होना लाजमी है.
फिलहाल प्रशासन की तरफ से राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है. हिमाचल में बाहरी राज्यों के मजदूर भी रेहड़ी इत्यादि लगाते हैं. इन लोगों को प्रशासन की तरफ से राशन तो उपलब्ध करवाया जा रहा है, लेकिन कमाई बंद होने से अन्य खर्च निकाल पाना मुश्किल हो गया है. सब परिवार यह लोग कई सालों से हिमाचल में बस गए हैं. इसके अलावा हिमाचल के कई लोग भी रेहड़ी अथवा छोटी दुकानें जिला मुख्यालय हमीरपुर में चलाते हैं.
चाय की दुकान चलाने वाले विक्रम का कहना है कि दिक्कतें तो बहुत ज्यादा हैं. उनका कहना है कि यदि यह लॉकडाउन 3 मई के बाद भी बढ़ाया जाता है तो परेशानी बढ़ सकती है. उनका काम तो दिहाड़ी लगाकर ही चलता है उनकी चाय बिकेगी तब ही उनकी कमाई होगी.
रेहड़ी लगाने वाले हरि ओम का कहना है कि उनका काम तो ऐसा है कि रोज कुआं खोदेंगे तभी पानी पीने को मिलेगा. हरिओम का कहना है कि जैसे-तैसे गुजारा हो रहा है, लेकिन परेशानी बढ़ ही रही है.
दिहाड़ीदार प्रहलाद का कहना है कि सब काम चौपट हो गया है यदि लॉकडाउन बढ़ता है तो उनकी परेशानी और भी बढ़ जाएगी. फिलहाल राशन डिपो से मिल रहा है, लेकिन कमाई नहीं होगी तो खाएंगे क्या.
आपको बता दें कि जिला मुख्यालय हमीरपुर की ही बात की जाए तो यहां पर 100 से ज्यादा रेहड़ी वाले काम करते हैं, जबकि छोटी-बड़ी दुकानें चलाने वाले भी कई लोग हैं. इसमें चाय की दुकान, मोची इत्यादि भी शामिल हैं. गैर संगठित क्षेत्र के इन मजदूरों और दिहाड़ीदारों के लिए दिन प्रतिदिन समस्या बढ़ती जा रही है.
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