हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में भंग कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के बहुचर्चित पेपर लीक मामले की मुख्य आरोपी उमा आजाद जमानत मिलने के बावजूद भी जेल में ही रहेगी. जमानत मिलने के बावजूद उमा आजाद की घर वापसी नहीं हुई है. हालांकि उसके छोटे बेटे को 8 महीने बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया है. पेपर लीक मामले की मुख्य आरोपी उमा का बेटा निखिल आजाद और एजेंट संजीव कुमार जमानत पर रिहा हो गए हैं.
छोटा बेटा और एजेंट रिहा: मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार देर शाम आरोपी निखिल और संजीव रिहा हो गए हैं. उमा आजाद और उसके बेटे निखिल आजाद को 1-1 लाख रुपए बांड पर जमानत मिली है. जबकि एजेंट संजीव कुमार को 50 हजार रुपए के बांड पर जमानत मिली है. जमानत पर रिहा हुए निखिल और संजीव 8 महीने 15 दिन बाद जेल की सलाखों से बाहर आए हैं.बताया जा रहा है कि पेपर लीक प्रकरण में उमा आजाद की संलिप्तता लगभग हर मामले में पाई गई है. ऐसे में अभी उसे रिहा नहीं किया गया है.
2022 को हुई थी पहली FIR: बता दें कि इन आरोपियों को पेपर लीक प्रकरण में दर्ज पहली एफआईआर पोस्ट कोड 965 में यह जमानत मिली है. 23 दिसंबर 2022 को ये एफआईआर विजिलेंस थाना हमीरपुर में दर्ज हुई थी. उमा आजाद को इससे पहले भी एक अन्य पोस्ट कोड में जमानत मिल चुकी है. गौरतलब है कि पेपर लीक प्रकरण में अब तक कुल 14 विभिन्न पोस्ट कोड में 13 से अधिक एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. जिसमें 25 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं. पेपर लीक मामले में विजिलेंस की टीम लगातार छानबीन में जुटी है. जानकारी के अनुसार यह भी संभावना जताई जा रही है कि अभी अन्य पोस्टकार्ड में भी एफआईआर दर्ज की जा सकती है.
बड़ा बेटा मां के साथ न्यायिक हिरासत में: मुख्य आरोपी उमा आजाद को पेपर लीक प्रकरण में दर्ज पहले केस में जमानत मिल गई है, लेकिन अब बड़े बेटे नितिन के साथ ऑक्शन रिकॉर्डर भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक करने के मामले में न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. गौरतलब है कि उमा आजाद के बड़े बेटे नितिन ने इस परीक्षा को उत्तीर्ण किया था. विजिलेंस की जांच में इस भर्ती परीक्षा का पर्चा भी लीक होने की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद उमा आजाद के बड़े बेटे को भी गिरफ्तार कर दिया गया था. अब दोनों मां-बेटे इस मामले में न्यायिक हिरासत में है.
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