हमीरपुर: पेपर लीक प्रकरण में आखिरकार आरोपी हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर को बुधवार को हमीरपुर की अदालत सशर्त जमानत मिल गई. जानकारी के मुताबिक अदालत ने आरोपी जितेंद्र को व्यक्तिगत 75 हजार के मुचलके व इतने ही मूल्य की अन्य सुरक्षा राशि पर यह जमानत दी है. आरोपी मामले की जांच पूरी होने तक देश छोड़कर नहीं जा सकता है. आरोपी जितेंद्र 36 दिन से न्यायिक हिरासत में चल रहे थे. पेपर लीक प्रकरण में दर्ज प्रथम एफआईआर में पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर का नाम जोड़ा गया था और पिछले महीने 4 अप्रैल को उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
जांच में करना होगा सहयोग: अदालत की तरफ से पहले आरोपी को पुलिस रिमांड पर भेजा गया था और उसके बाद दो दफा न्यायिक हिरासत में भेजा गया. आखिरकार बचाव पक्ष की दलीलों को संतोषजनक पाकर अदालत की तरफ से आरोपी को बुधवार को जमानत मिल गई. जमानत के फैसले को अदालत ने बुधवार के लिए सुरक्षित रखा था. अदालत से आरोपी को जमानत मिल गई है ,लेकिन जांच में जुटी टीम को आरोपी को पूर्ण सहयोग करना होगा.
23 दिसंबर 2022 को पेपर लीक मामला आया था सामने: बता दें कि 23 दिसंबर 2022 को जब पहली बार आयोग में पेपर लीक का मामला सामने आया था. विजिलेंस ने केस दर्ज किया था उसके बाद से लेकर गिरफ्तारी तक लगभग 100 दिनों तक डॉ. जितेंद्र ने जांच एजेंसियों का पूछताछ में पूरा सहयोग किया. हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग में 23 दिसंबर 2022 को सामने आए परीक्षा भर्ती लीक के विभिन्न मामलों में अब तक आयोग के पूर्व सचिव रहे एचएएस अधिकारी, एक सीनियर असीस्टेंट और दो चपरासियों समेत 20 आरोपियों पर विजिलेंस रिकॉर्ड में छह एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. इन आरोपियों में से अब तक पूर्व सचिव समेत सात लोगों को जमानत मिल चुकी है. डॉ. जितेंद्र कंवर के अधिवक्ता किशोर शर्मा ने बताया कि उनके क्लाइंट ने शुरू से लेकर पूरा सहयोग जांच टीम के साथ किया है. उनका नाम सिर्फ एक एफआईआर में है.
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