हमीरपुर: नगर परिषद हमीरपुर के कचरा ट्रीटमेंट प्लांट दगनेहडी में कोर्ट के आदेशों के बावजूद कथित तौर पर निर्माण गतिविधियां के चलते बवाल हो गया है. यहां पर नई मशीनरी को इंस्टॉल करने के लिए लोहे के एंगल से शेड का निर्माण कार्य शुरू करने पर विवाद हुआ है. 11 सितंबर को हमीरपुर जिला अदालत की तरफ से यथास्थिति बनाए रखने को लेकर आदेश जारी किया गया था. स्थानीय ग्रामीणों ने इस जगह पर कचरा ट्रीटमेंट प्लांट का विरोध जताया था. लोगों ने यह दावा किया है कि यह जमीन स्थानीय ग्रामीणों की चरागाह है.
महिलाओं का विरोध: इस मामले में अदालत की तरफ से यह आदेश जारी किया गया था कि जब तक अंतिम निर्णय नहीं आता है यहां पर यथा स्थिति बनाए रखें और कचरा निष्पादन पहले की तरह होता रहे. अदालत के आदेशों के बावजूद यहां पर मशीनरी स्थापित करने के लिए शुरू की गई निर्माण गतिविधियों का स्थानीय लोगों ने विरोध जताया. बताया जा रहा है कि यहां पर ठेकेदार द्वारा यह कार्य किया जा रहा था. इस दौरान स्थानीय महिलाएं मौके पर पहुंच गई. यहां पर मशीनरी के लिए बनाए जा रहे शेड की वेल्डिंग के कार्य को महिलाओं ने रोक दिया. जिस पर कार्य कर रहे कर्मचारियों ने महिलाओं के साथ कथित तौर पर बदतमीजी और दुर्व्यवहार किया.
पुलिस में शिकायत के बाद समझौता: मामले में महिलाओं ने 100 नंबर पर कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दी. काफी देर तक यहां पर वाद-विवाद होता रहा और हमीरपुर पुलिस की तरफ से भी महिलाओं से संपर्क किया गया. हालांकि बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया. विरोध के बाद यहां पर इस निर्माण को रोक दिया गया है और कर्मचारियों ने अपना सामान भी समेट लिया.
स्थानीय महिलाओं के आरोप: स्थानीय महिलाओं मीना, समिता, रामप्यारी, सुनीता मीरा देवी, राजकुमारी, सुमन कुमारी और रीता शास्त्री का कहना है कि कोर्ट के आदेशों के बावजूद यहां पर निर्माण गतिविधियां करने का महिलाओं ने विरोध जताया है. जिस पर निर्माण कार्य में जुटे कर्मचारियों ने महिलाओं के साथ बदतमीजी और दुर्व्यवहार किया है. उन्होंने बताया कि मामले की शिकायत 100 नंबर पर भी दी गई. हमीरपुर पुलिस की तरफ से भी महिलाओं से संपर्क किया गया है जिसके बाद मामले का समाधान हुआ.
जिला प्रशासन से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल: महिलाओं का कहना है कि कर्मचारियों ने विरोध के बाद फिलहाल निर्माण कार्य रोक दिया है, लेकिन यह अदालत के आदेशों की अवहेलना है. अदालत की तरफ से बाकायदा यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए गए हैं. बावजूद इसके नगर परिषद हमीरपुर की तरफ से यहां पर निर्माण कार्यों पर रोक नहीं लगाई जा रही है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की इस कारगुजारी को जिला प्रशासन के समक्ष भी रखा जाएगा. जल्द ही जिला प्रशासन को इस विषय पर एक प्रतिनिधिमंडल मिलेगा.
नगर परिषद हमीरपुर करेगी मामले की जांच: नगर परिषद हमीरपुर के कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार का कहना है कि संभवत यहां पर ठेकेदार की तरफ से कर्मचारी भेजे गए होंगे. उन्होंने कहा कि कोर्ट की तरफ से यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया गया है. नगर परिषद हमीरपुर की तरफ आदेशों का पालन किया जा रहा है. यदि ठेकेदार की तरफ से यहां पर कोई निर्माण गतिविधि की गई है तो उसकी जांच की जाएगी.