ETV Bharat / state

Hamirpur Sinking Villages: आपदा आई, आफत लाई... रहस्यमय तरीके से धंस रहे हैं ये 5 गांव, सिंकिंग जोन घोषित

हिमाचल प्रदेश में बारिश का दौर तो थम गया है, लेकिन तबाही के निशान अब भी बाकी हैं. कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहां आपदा आने के बाद खतरे की घंटी बज रही है. हमीरपुर जिले के 5 गांवों पर खतरा मंडरा रहा है, अगर जल्द कुछ नहीं किया गया तो बड़ा हादसा हो सकता है. पढ़ें पूरी ख़बर (Hamirpur Sinking Zone) (Hamirpur Sinking Villages)

Hamirpur news
Hamirpur news
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 8, 2023, 7:26 PM IST

Updated : Sep 8, 2023, 7:41 PM IST

जिला उपायुक्त हेमराज बैरवा जानकारी देते हुए.

हमीरपुर : हिमाचल प्रदेश में इस साल हो रही लगातार बारिश का दौर तो फिलहाल थम गया है लेकिन आपदा के आफ्टर इफेक्ट अब सामने आ रहे हैं. हमीरपुर जिले में पांच गांवों में जमीन रहस्यमयी तरीके से धंस रही है. बेशक बारिश का कहर थम गया है कि, लेकिन जिले में पांच गांवों में जमीन के धंसने से लोग खौफ में हैं.

कई आशियाने तबाह- इन 5 गांवों में हालात ऐसे हैं कि 18 के लगभग परिवारों के घर जमीन धंसने से तबाह हो चुके हैं और दर्जनों के घर तबाह होने की कगार पर हैं. फिलहाल प्रशासन ने इन पांच ऐसे गांवों को सिकिंग जोन घोषित कर दिया है, हालांकि इस आंकड़े में इजाफे की आशंका भी जताई जा रही है. जिला प्रशासन हमीरपुर ने ऐसे पांच गांवों की सूची तैयार कर प्रदेश सरकार को भेज दी है. उपायुक्त हमीरपुर हेमराज बैरवा ने बताया कि हमीरपुर जिले के जब्बल खेरियां, सदोह, गुरु द वन, समताना खुर्द, मनसाई, इत्यादि गांवों में जमीन धंस रही है.

इन गांवों का करवाया जाएगा सर्वे- प्रशासन के मुताबिक इन गांवों में जमीन का जिओलॉजिकल सर्वे करवाया जाएगा. प्रशासन को जिले के अन्य कई स्थानों पर भी जमीन धंसने की घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं. इन स्थानों को भी प्रशासन सिंकिंग जोन घोषित कर सकता है. लोगों की जमीने तबाह न हो इसके लिए भू-वैज्ञानिक इस जगहों में सर्वे करेंगे. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल भी इनमें से अधिकतर जगहों का दौरा कर चुके है.

जिला उपायुक्त हेमराज बैरवा के मुताबिक प्रदेश सरकार के निर्देशों पर जिला प्रशासन जल्द ही एक्सपर्ट एंजेसी से सर्वे करवाया जाएगा. संभावना जताई जा रही है कि हमीरपुर में एनआईटी हमीरपुर के विशेषज्ञों की इसमें मदद ली जा सकती है. हालांकि अंतिम फैसला सरकार ही लेगी और उसके बाद सर्वे का काम शुरू होगा.

प्रभावितों को मुआवजा मिलेगा- जमीन धंसने से उजड़े लोगों को जमीन और मकान बनाने का पैसा सरकार की तरफ से दिया जाएगा और प्रभावित को विशेष राहत दी जाएगी. इन सभी क्षेत्रों की रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार को भेजी गई है. जिले में 16 से 18 परिवार ऐसे है जो सीधे तौर पर जमीन के धंसने की वजह से बेघर हुए है जबकि कई परिवार बेघर होने की कगार पर हैं. लोगों की दर्जनों कनाल भूमि भी तबाह हो गई है. इन क्षेत्रों में प्रभावित क्षेत्रों को अन्य जगहों पर बसाने अथवा जमीन के सुधार के लिए भी कार्य किया जाएगा. जल्द ही सरकार से निर्देश मिलने के बाद एंजेसी इन प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे करेगी. एक्सपर्ट एंजेसी की सिफारिश पर इन क्षेत्रों में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे.

जिला उपायुक्त ने बताया कि सरकार द्वारा इस जमीन का भू संरक्षण में एक्सपर्ट एजेंसी के द्वारा जांच करवाई जाएगी. सरकार निर्णय लिया जाएगा कि इन परिवारों को किसी दूसरी सुरक्षित जगह में शिफ्ट किया जाएगा या अच्छी सुरक्षा लगाकर उसी जगह पर बसाया जाएगा. यह निर्णय भू संरक्षण एजेंसी की रिपोर्ट के बाद आने पर लिया जाएगा. उपायुक्त हमीरपुर के मुताबिक सरकार की ओर से राहत और जमीन आवंटित करने का काम शुरू हो चुका है. जिन किसानों की जमीन ने पूरी तरह से बारिश के कारण बर्बाद हो चुकी है उन्हें सरकार की ओर से स्पेशल राहत पैकेज के आधार पर राशि वितरित की जाएगी.

ग्रामीणों की मांग- हमीरपुर जिला में गुरु द वन गांव में तीन परिवारों को 6 मरले भूमि घर बनाने के लिए आवंटित कर दी गई है अन्य जगहों पर प्रक्रिया शुरू है. जल्दी ही लोगों को घर बनाने के लिए जमीन ने आवंटित कर दी जाएगी. धंस रही जमीन से करीब 16 से 18 परिवार प्रभावित हुए हैं हालांकि समताना खुर्द में जमीन धसने से तीन परिवारों को ज्यादा खतरा है. उनके लिए सरकार उचित कदम उठा रही है. समताना खुर्द में जमीन धंसने से 12 परिवारों को नुकसान पहुंचा है यहां पर ज्यादा नुकसान तीन परिवारों को ही हुआ है. भू संरक्षण एजेंसी की रिपोर्ट आने के बाद ही अन्य परिवारों के लिए सरकार द्वारा निर्णय लिया जाएगा.

जनैहन ग्राम पंचायत प्रधान उधम सिंह का कहना है कि लगभग 11 परिवारों के घरों को भूस्खलन के कारण खतरा पैदा हो गया है. यहां कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है. प्रशासन मौके का मुआयना करे तथा पीड़ितों के रहने के लिए कोई सुरक्षित जगह आवंटित की जाए. यह क्षेत्र अब रहने लायक नहीं है खतरे को देखते हुए इन सभी परिवारों का पुनर्वास जरूरी है. गौरतलब है कि बीते दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री इन गांवों का दौरा कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें: रामपुर में भारी बारिश के बाद 100 से ज्यादा मकानों में आई दरारें, आशियानों पर मंडराया खतरा, सरकार से लगाई मदद की गुहार

ये भी पढ़ें: Mandi Land sinking: मंडी के थनेहड़ा और सन्यारड़ी वार्ड में धंस रही जमीन, कई घरों में आई बड़ी-बड़ी दरारें, प्रभावितों ने लगाई सरकार से गुहार

ये भी पढ़ें: Mandi News: लगातार धंस रहा है हिमाचल! पराशर और रिवालसर की पहाड़ियों पर पड़ी दरारें

जिला उपायुक्त हेमराज बैरवा जानकारी देते हुए.

हमीरपुर : हिमाचल प्रदेश में इस साल हो रही लगातार बारिश का दौर तो फिलहाल थम गया है लेकिन आपदा के आफ्टर इफेक्ट अब सामने आ रहे हैं. हमीरपुर जिले में पांच गांवों में जमीन रहस्यमयी तरीके से धंस रही है. बेशक बारिश का कहर थम गया है कि, लेकिन जिले में पांच गांवों में जमीन के धंसने से लोग खौफ में हैं.

कई आशियाने तबाह- इन 5 गांवों में हालात ऐसे हैं कि 18 के लगभग परिवारों के घर जमीन धंसने से तबाह हो चुके हैं और दर्जनों के घर तबाह होने की कगार पर हैं. फिलहाल प्रशासन ने इन पांच ऐसे गांवों को सिकिंग जोन घोषित कर दिया है, हालांकि इस आंकड़े में इजाफे की आशंका भी जताई जा रही है. जिला प्रशासन हमीरपुर ने ऐसे पांच गांवों की सूची तैयार कर प्रदेश सरकार को भेज दी है. उपायुक्त हमीरपुर हेमराज बैरवा ने बताया कि हमीरपुर जिले के जब्बल खेरियां, सदोह, गुरु द वन, समताना खुर्द, मनसाई, इत्यादि गांवों में जमीन धंस रही है.

इन गांवों का करवाया जाएगा सर्वे- प्रशासन के मुताबिक इन गांवों में जमीन का जिओलॉजिकल सर्वे करवाया जाएगा. प्रशासन को जिले के अन्य कई स्थानों पर भी जमीन धंसने की घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं. इन स्थानों को भी प्रशासन सिंकिंग जोन घोषित कर सकता है. लोगों की जमीने तबाह न हो इसके लिए भू-वैज्ञानिक इस जगहों में सर्वे करेंगे. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल भी इनमें से अधिकतर जगहों का दौरा कर चुके है.

जिला उपायुक्त हेमराज बैरवा के मुताबिक प्रदेश सरकार के निर्देशों पर जिला प्रशासन जल्द ही एक्सपर्ट एंजेसी से सर्वे करवाया जाएगा. संभावना जताई जा रही है कि हमीरपुर में एनआईटी हमीरपुर के विशेषज्ञों की इसमें मदद ली जा सकती है. हालांकि अंतिम फैसला सरकार ही लेगी और उसके बाद सर्वे का काम शुरू होगा.

प्रभावितों को मुआवजा मिलेगा- जमीन धंसने से उजड़े लोगों को जमीन और मकान बनाने का पैसा सरकार की तरफ से दिया जाएगा और प्रभावित को विशेष राहत दी जाएगी. इन सभी क्षेत्रों की रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार को भेजी गई है. जिले में 16 से 18 परिवार ऐसे है जो सीधे तौर पर जमीन के धंसने की वजह से बेघर हुए है जबकि कई परिवार बेघर होने की कगार पर हैं. लोगों की दर्जनों कनाल भूमि भी तबाह हो गई है. इन क्षेत्रों में प्रभावित क्षेत्रों को अन्य जगहों पर बसाने अथवा जमीन के सुधार के लिए भी कार्य किया जाएगा. जल्द ही सरकार से निर्देश मिलने के बाद एंजेसी इन प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे करेगी. एक्सपर्ट एंजेसी की सिफारिश पर इन क्षेत्रों में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे.

जिला उपायुक्त ने बताया कि सरकार द्वारा इस जमीन का भू संरक्षण में एक्सपर्ट एजेंसी के द्वारा जांच करवाई जाएगी. सरकार निर्णय लिया जाएगा कि इन परिवारों को किसी दूसरी सुरक्षित जगह में शिफ्ट किया जाएगा या अच्छी सुरक्षा लगाकर उसी जगह पर बसाया जाएगा. यह निर्णय भू संरक्षण एजेंसी की रिपोर्ट के बाद आने पर लिया जाएगा. उपायुक्त हमीरपुर के मुताबिक सरकार की ओर से राहत और जमीन आवंटित करने का काम शुरू हो चुका है. जिन किसानों की जमीन ने पूरी तरह से बारिश के कारण बर्बाद हो चुकी है उन्हें सरकार की ओर से स्पेशल राहत पैकेज के आधार पर राशि वितरित की जाएगी.

ग्रामीणों की मांग- हमीरपुर जिला में गुरु द वन गांव में तीन परिवारों को 6 मरले भूमि घर बनाने के लिए आवंटित कर दी गई है अन्य जगहों पर प्रक्रिया शुरू है. जल्दी ही लोगों को घर बनाने के लिए जमीन ने आवंटित कर दी जाएगी. धंस रही जमीन से करीब 16 से 18 परिवार प्रभावित हुए हैं हालांकि समताना खुर्द में जमीन धसने से तीन परिवारों को ज्यादा खतरा है. उनके लिए सरकार उचित कदम उठा रही है. समताना खुर्द में जमीन धंसने से 12 परिवारों को नुकसान पहुंचा है यहां पर ज्यादा नुकसान तीन परिवारों को ही हुआ है. भू संरक्षण एजेंसी की रिपोर्ट आने के बाद ही अन्य परिवारों के लिए सरकार द्वारा निर्णय लिया जाएगा.

जनैहन ग्राम पंचायत प्रधान उधम सिंह का कहना है कि लगभग 11 परिवारों के घरों को भूस्खलन के कारण खतरा पैदा हो गया है. यहां कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है. प्रशासन मौके का मुआयना करे तथा पीड़ितों के रहने के लिए कोई सुरक्षित जगह आवंटित की जाए. यह क्षेत्र अब रहने लायक नहीं है खतरे को देखते हुए इन सभी परिवारों का पुनर्वास जरूरी है. गौरतलब है कि बीते दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री इन गांवों का दौरा कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें: रामपुर में भारी बारिश के बाद 100 से ज्यादा मकानों में आई दरारें, आशियानों पर मंडराया खतरा, सरकार से लगाई मदद की गुहार

ये भी पढ़ें: Mandi Land sinking: मंडी के थनेहड़ा और सन्यारड़ी वार्ड में धंस रही जमीन, कई घरों में आई बड़ी-बड़ी दरारें, प्रभावितों ने लगाई सरकार से गुहार

ये भी पढ़ें: Mandi News: लगातार धंस रहा है हिमाचल! पराशर और रिवालसर की पहाड़ियों पर पड़ी दरारें

Last Updated : Sep 8, 2023, 7:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.