हमीरपुर: मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में अव्यवस्था से मरीज परेशान हो रहे हैं. मेडिकल कॉलेज के गायनी वार्ड में एक बेड पर दो-दो मरीज दाखिल करना तो जैसे आम बात हो गई हो. जहां एक तरफ कोरोना महामारी से बचाव के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लोगों को सामाजिक दूरी का पाठ पढ़ा रहा है और बाकायदा नियमों की अवहेलना करने पर लोगों के चालान काटे जा रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ से सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों ने इसकी सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
हमीरपुर जिला में कोरोना संकटकाल में अभी तक सामाजिक दूरी के नियम का पालन ना करने और मास्क न पहनने पर 700000 से अधिक जुर्माना किया जा चुका है. तीमारदार शशिबाला का कहना है कि गाने भारत में एक बेड पर दो-दो मरीज दाखिल किए गए थे. हालांकि अब मरीज शिफ्ट कर दिए गए हैं, लेकिन यहां पर सरकार को बेड के संख्या बढ़ानी चाहिए.
'बेड की संख्या कम होने का कारण अक्सर दिक्कत पेश आती है'
रूमा देवी का कहना है कि सरकार को यहां पर सुविधाएं बढ़ाने चाहिए ताकि लोगों को दिक्कत पेश न आए अधिकतर महिलाएं यहां पर बच्चों वाली होती है. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके अग्निहोत्री का कहना है कि बेड की संख्या कम होने का कारण अक्सर दिक्कत पेश आती है, लेकिन एमसीआई की गाइडलाइन के अनुसार एक वार्ड के मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट नहीं किया जा सकता है.
'हमीरपुर जिला के साथ ही मंडी और अन्य जिलों के मरीज भी अस्पताल में आते हैं'
आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि यह कोई आज या कल की समस्या नहीं है. साल में कई बार इस तरह की दिक्कत गायनी वार्ड में पेश आती है. इसके पीछे अस्पताल प्रबंधन का तर्क है कि हमीरपुर जिला के साथ ही मंडी और अन्य जिलों के मरीज भी अस्पताल में आते हैं जिस वजह यह परेशानी पेश आती है, लेकिन यह भी किसी से छुपा नहीं है कि वर्तमान समय में भी फीमेल मेडिकल वार्ड समेत कई ऐसे वार्ड हैं जहां पर बेड खाली पड़े हैं, लेकिन वहां पर मरीजों को शिफ्ट नहीं किया जाता है अथवा गायनी वार्ड में भीड़ होने पर दाखिल नहीं किया जाता है.