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खंडहर बन रहे सरकारी स्कूलों के भवनों का होगा इस्तेमाल, संबंधित पंचायतों को करने होंगे प्रयास

कम एनरोलमेंट की वजह से कई सालों से बंद पड़े हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के तहत चलने वाले सरकारी प्राइमरी स्कूल के भवनों का इस्तेमाल संभव हो सकेगा. शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने एक सवाल के जवाब में हमीरपुर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान यह खुलासा किया है.

closed school buildings usage
खंडहर बनते जा रहे सरकारी स्कूलों के भवनों का इस्तेमाल करेगी होगा संभव
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Published : Jan 4, 2020, 10:33 AM IST

हमीरपुर: कम एनरोलमेंट की वजह से कई सालों से बंद पड़े हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के तहत चलने वाले सरकारी प्राइमरी स्कूल के भवनों का इस्तेमाल संभव हो सकेगा. शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने एक सवाल के जवाब में हमीरपुर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान यह खुलासा किया है.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि स्थानीय पंचायत की तरफ से इस तरह का प्रस्ताव आने पर सरकार इन खाली पड़े भवनों में सरकारी कार्यालय चलाने की दिशा में कदम उठाएगी.

वीडियो रिपोर्ट

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि विभाग ने इस मामले को ध्यान में लाया है. इस बारे में पंचायतों और आंगनबाड़ी केंद्रों को यहां भवन दिए जाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन जहां भवन खाली हुए हैं शायद वहां पर इनकी जरूरत अभी नहीं पड़ी है. इसके लिए नई योजना तैयार की जा रही है.

उन्होंने कहा कि जिस भी विभाग या सरकार की संस्था को इसकी जरूरत होगी, उसके लिए इन भवनों का इस्तेमाल किया जाएगा. लेकिन ये यहां संबंधित पंचायत पर निर्भर करता है. बता दें कि प्रदेश में कई ऐसे प्राइमरी स्कूल है, जिन्हें प्रदेश सरकार ने कम एनरोलमेंट की वजह से बंद कर दिया है.

इन स्कूलों के भवन खंडहर बनते जा रहे हैं, जबकि इनका कोई इस्तेमाल सरकार नहीं कर पा रही है. अब शिक्षा मंत्री के बयान से खंडहर होते जा रहे भवनों के इस्तेमाल की उम्मीद जगी है, लेकिन स्थानीय पंचायतों को इसके लिए प्रयास करने होंगे.

ये भी पढ़ें: हरिजन बस्तियों को जाने वाले रास्ते किए बंद! अंबेडकर महासभा ने उपायुक्त से उठाई कार्रवाई की मांग

हमीरपुर: कम एनरोलमेंट की वजह से कई सालों से बंद पड़े हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के तहत चलने वाले सरकारी प्राइमरी स्कूल के भवनों का इस्तेमाल संभव हो सकेगा. शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने एक सवाल के जवाब में हमीरपुर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान यह खुलासा किया है.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि स्थानीय पंचायत की तरफ से इस तरह का प्रस्ताव आने पर सरकार इन खाली पड़े भवनों में सरकारी कार्यालय चलाने की दिशा में कदम उठाएगी.

वीडियो रिपोर्ट

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि विभाग ने इस मामले को ध्यान में लाया है. इस बारे में पंचायतों और आंगनबाड़ी केंद्रों को यहां भवन दिए जाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन जहां भवन खाली हुए हैं शायद वहां पर इनकी जरूरत अभी नहीं पड़ी है. इसके लिए नई योजना तैयार की जा रही है.

उन्होंने कहा कि जिस भी विभाग या सरकार की संस्था को इसकी जरूरत होगी, उसके लिए इन भवनों का इस्तेमाल किया जाएगा. लेकिन ये यहां संबंधित पंचायत पर निर्भर करता है. बता दें कि प्रदेश में कई ऐसे प्राइमरी स्कूल है, जिन्हें प्रदेश सरकार ने कम एनरोलमेंट की वजह से बंद कर दिया है.

इन स्कूलों के भवन खंडहर बनते जा रहे हैं, जबकि इनका कोई इस्तेमाल सरकार नहीं कर पा रही है. अब शिक्षा मंत्री के बयान से खंडहर होते जा रहे भवनों के इस्तेमाल की उम्मीद जगी है, लेकिन स्थानीय पंचायतों को इसके लिए प्रयास करने होंगे.

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Intro:खंडहर बनते जा रहे सरकारी स्कूलों के भवनों का इस्तेमाल करेगी होगा संभव, संबंधित पंचायतों को करने होंगे प्रयास
हमीरपुर.
कम एनरोलमेंट की वजह से कई सालों से बंद पड़े हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के तहत चलने वाले सरकारी प्राइमरी स्कूल के भवनों का इस्तेमाल संभव हो सकेगा. शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने एक सवाल के जवाब में हमीरपुर हमीरपुर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान यह खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि यदि स्थानीय पंचायत की तरफ से इस तरह का प्रस्ताव आता है तो इन खाली पड़े भवनों में सरकारी कार्यालय चलाने की दिशा में सरकार कदम उठाएगी.


Body:शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कहा कि विभाग ने इस मामले को टेकप किया है. इस बारे में पंचायतों को और आंगनवाड़ी केंद्रों को यहां भवन दिए जाने का निर्णय लिया गया था. लेकिन जहां भवन खाली हुए हैं शायद वहां पर इनकी जरूरत था अभी नहीं पड़ी है. जिस कारण तो नहीं योजना तैयार की जा रही है. जिस भी विभाग अथवा सरकार के संस्था को इसकी जरूरत होगी उसके लिए इन भवनों का इस्तेमाल किया जाएगा लेकिन यहां संबंधित पंचायत पर निर्भर करता है.


Conclusion:बता दें कि प्रदेश में कई ऐसे प्राइमरी स्कूल है जिन्हें प्रदेश सरकार ने कम एनरोलमेंट की वजह से बंद कर दिया है अब इन स्कूलों के भवन खंडहर बनते जा रहे हैं जबकि इनका कोई इस्तेमाल सरकार नहीं कर पा रही है. लेकिन अब शिक्षा मंत्री के बयान से खंडहर होते जा रहे भवनों के इस्तेमाल की उम्मीद जगी है लेकिन स्थानीय पंचायतों को इसके लिए प्रयास करने होंगे। इस बारे में शिक्षा मंत्री ने बयान देकर स्पष्ट कर दिया है।
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