हमीरपुर: हिमाचल की बेटी ने ऐसा स्कूल बैग तैयार किया है जिसके कई फायदे हैं. हिमाचल के ऊना जिले के निजी स्कूल की आठवीं कक्षा की छात्रा एकमजीत कौर ने यह अनूठा बस्ता तैयार किया है. इंस्पायर मानक अवॉर्ड योजना के अंतर्गत छात्रों (Inspire Standard Award Scheme) ने इस अनूठे आइडिया को जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रस्तुत किया था जिसे अब प्रदेश स्तर की प्रतियोगिता के लिए चयनित कर लिया गया है. (multi facility school bag)
बैग में हैं ये खूबियां: एकम जीत कौर ने ऐसा स्कूल बैग तैयार किया है जो कुर्सी में भी तब्दील हो जाता है. इतना ही नहीं इसमें और भी बहुत सारी खूबियां हैं, जैसे कि इसमें मूविंग व्हील भी लगाए गए हैं. ऐसे में स्कूल बस्तों के बोझ के तले दब रहे बचपन को कुछ हद तक राहत मिलेगी. छात्रा एकम जीत कौर ने इस स्कूल को मल्टीस्पेशलिटी बैग नाम दिया है. जिला स्तरीय प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल ने इस छात्रा के आइडिया को खूब सराहा है. खास बात यह है कि इस बैग की कीमत 500 से 1000 के बीच में ही आएगी. आमतौर पर भी बैग इस कीमत पर बाजार में मिल रहे हैं जिनमें इस तरह की सुविधाएं नहीं होती.
एकम जीत कौर को ऐसे आया आइडिया: छात्रा एकम जीत कौर का कहना है कि उनको यह बैग बनाने का आइडिया बस्ता उठाकर बस का इंतजार कर रहे छात्रों को देखकर ही मिला है. उन्होंने सोचा कि क्यों ना ऐसा बैग तैयार किया जाए जो बस के इंतजार में एक कुर्सी भी बन जाए और आराम से छात्र उस कुर्सी पर बैठकर बस का इंतजार कर सकें इतना ही नहीं इस बैग में मूविंग व्हील भी दिए गए हैं ताकि अच्छी सड़क अथवा रास्ता होने पर छात्र अपनी पीठ के बोझ को बेहद ही कम ताकत के साथ सड़क पर खींचकर सुविधा प्राप्त कर सकें.
बैग में रेनकोट की भी दी गई है सुविधा: बैग में एक पॉकेट में रेनकोट को भी इस तरह से फिट किया गया है ताकि यह बारिश होने पर छात्र के काम आ सके. यह रेनकोट इतना बड़ा होगा कि यह स्कूल बैग के साथ ही छात्र की पूरी बॉडी को कवर कर लेगा. ऐसे में जहां एक तरफ छात्र भी भीगने से बचेगा तो वहीं, दूसरी ओर बैग भी सुरक्षित रहेगा.
काफी फायदेमंद हो सकता है ये बैग: जिला विज्ञान और पर्यवेक्षक सुधीर चंदेल ने कहा कि छात्रा का यह मॉडल बेहद अनूठा है और निर्णायक मंडल तथा एक्सपर्ट्स ने इस आइडिया को बेहद सराहा है. छात्रों ने अपनी दिनचर्या की समस्याओं पर विचार करके यह स्कूल बैग तैयार किया है. जो कि काफी फायदेमंद हो सकता है. इस बैग की लागत भी ज्यादा नहीं है. बैग का वजन अधिक ना हो इसके लिए स्टील रॉड का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने कहा कि इसको और भी रिफाइन करने के लिए विकल्प मौजूद हैं जिस पर यह छात्रा काम कर सकती हैं. एक्सपोर्ट्स ने भी उन्हें यह राय दी है.
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