हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ ने प्रदेश सरकार द्वारा उनकी वेतन (new pay commission implemented in himachal) विसंगतियों की मांगों की तरफ ध्यान न दिए जाने पर रोष प्रकट किया है. प्रदेश सरकार से पंजाब वेतनमान को अक्षरशः लागू करने की मांग की हैं. मांगें न माने जाने पर प्रदेश के चिकित्सक संयुक्त मोर्चे के बैनर तले जल्द ही बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी सरकार को दी है. चिकित्सकों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने पूर्ण राज्यत्व दिवस पर सभी वर्गों का ख्याल रखा, लेकिन प्रदेश के चिकित्सकों की मांग को अनेदखा कर दिया.
चिकित्सक संघ के महासचिव (General Secretary of Himachal Doctors Association) पुष्पेंद्र वर्मा ने हमीरपुर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी चिकित्सकों जिसमें दूसरी पैथी के चिकित्सक भी शामिल है, उनकी संयुक्त संघर्ष समिति ने और खुद हर एक चिकित्सक संघ ने अलग से सबसे पहले इस वेतन आयोग में चिकित्सकों के वेतन भत्तों के साथ हुई नाइंसाफी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री को रिप्रजेंट किया था.
मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस पर विचार कर रहे हैं और जल्द ही हम इन विसंगतियों को दूर करेंगे. एक तरफ तो आज मान्य मुख्यमंत्री घोषणा कर रहे हैं कि पंजाब के वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करेंगे, लेकिन दूसरी तरफ कोई भी अधिसूचना चिकित्सकों के वेतनमान को लेकर नहीं की गई. आश्चर्य करने वाला तथ्य यह है कि हमारे मौजूदा अनुबंध पर लगे चिकित्सकों और नए लगने वाले अनुबंध पर चिकित्सकों के हितों पर कुठाराघात किया गया है.
ये भी पढ़ें: ऊना में आम आदमी पार्टी की प्रेसवार्ता: अनूप केसरी बोले- भाजपा और कांग्रेस दोनों ही एक ही सिक्के के दो पहलू
उनका जो वेतनमान का एंट्री लेवल है उसको 60 फीसदी कर दिया गया है और साथ में उनके नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस पर भी कैंची चला दी गई है. पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि इसे हरगिज भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से पंजाब वेतनमान को अक्षरशः लागू करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि एक दो दिनों के भीतर प्रदेश चिकित्सक संयुक्त मोर्चे की बैठक हो जाएगी और उसमें रणनीति तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस बार चिकित्सक केवल काले बिल्ले लगाकर नहीं बैठेंगे. उन्होंने कहा कि संघ इस बार बड़ा आंदोलन करने के लिए तैयार है.
ये भी पढ़ें: कुल्लू एनएचएम कर्मचारी ने काले बिल्ले पहनकर सरकार के खिलाफ जताया रोष, जानिए क्या हैं मांगें