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लॉकडाउन में भी सेवा कर रहा है भोरंज गौरक्षा दल, 7 सालों से बेजुबानों की कर रहा इलाज

उपमंडल भोरंज में गौरक्षा दल लॉकडाउन में भी अपना फर्ज निभा कर बेसहारा वारिस पशुओं का मुफ्त में इलाज कर रहे हैं. युवाओं का यह दल करीब सात सालों से बेसहारा पशुओं का इलाज कर रहा है.

treatment of stray animals during lockdown
लॉकडाउन में भी सेवा कर रहा है भोरंज गौरक्षा दल,
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Published : Apr 30, 2020, 12:18 AM IST

भोरंज/हमीरपुरः जिला के उपमंडल भोरंज में गौरक्षा दल लॉकडाउन में भी अपना फर्ज निभा कर बेसहारा पशओं का मुफ्त में इलाज कर रहे हैं.

गौरक्षा दल के सदस्य अपनी जेब से पैसे खर्च कर सैंकड़ों बेसहारा पशुओं का इलाज कर चुके हैं. उन्होंने भोरंज के विभिन्न कस्बों में बेसहारा पशुओं का रस्सियों के सहारे काबू कर इलाज किया है.

जिन पशुओं को लोगों ने आवारा समझ मरने के लिए छोड़ रखा है. जिन्हें हर कोई दुत्कार रहा है, उन्हें भरेड़ी का यह गौरक्षा दल निशुल्क इलाज कर लोगों के लिए मिसाल बन गया है.

गौ रक्षा दल के प्रधान अभिमन्यु शर्मा ने बताया की हम अपनी जेब से रुपये खर्च करके इन सभी पशुओं की सेवा कर रहे हैं, जब हम अपने काम से फ्री होते हैं, तो क्षेत्र में जहां बेसहारा पशुओं की तादाद अधिक होती है, वहां जाते हैं और पशुओं का इलाज करते हैं.

इसके अलावा आसपास के गांवों में भी अपने फोन नंबर दिए हैं, जिससे बीमार आवारा पाशुओं की सूचना मिलते ही उनका इलाज कर सकें.

ये युवा लगभग 7 सालों से बीमार पशुओं कि सेवा करते आ रहे हैं, उन्होंने बताया कि उनका दल भोरंज के किसी इलाके व गांव में यदि किसी को घायल या बीमार बेसहारा पशु दिखे, तो इलाज के पहुंच जाते हैं.

पढ़ेंः 5 महीने बाद मिला गुमशुदा शुभम का मोबाइल, जांच के लिए FSL भेजा गया

भोरंज/हमीरपुरः जिला के उपमंडल भोरंज में गौरक्षा दल लॉकडाउन में भी अपना फर्ज निभा कर बेसहारा पशओं का मुफ्त में इलाज कर रहे हैं.

गौरक्षा दल के सदस्य अपनी जेब से पैसे खर्च कर सैंकड़ों बेसहारा पशुओं का इलाज कर चुके हैं. उन्होंने भोरंज के विभिन्न कस्बों में बेसहारा पशुओं का रस्सियों के सहारे काबू कर इलाज किया है.

जिन पशुओं को लोगों ने आवारा समझ मरने के लिए छोड़ रखा है. जिन्हें हर कोई दुत्कार रहा है, उन्हें भरेड़ी का यह गौरक्षा दल निशुल्क इलाज कर लोगों के लिए मिसाल बन गया है.

गौ रक्षा दल के प्रधान अभिमन्यु शर्मा ने बताया की हम अपनी जेब से रुपये खर्च करके इन सभी पशुओं की सेवा कर रहे हैं, जब हम अपने काम से फ्री होते हैं, तो क्षेत्र में जहां बेसहारा पशुओं की तादाद अधिक होती है, वहां जाते हैं और पशुओं का इलाज करते हैं.

इसके अलावा आसपास के गांवों में भी अपने फोन नंबर दिए हैं, जिससे बीमार आवारा पाशुओं की सूचना मिलते ही उनका इलाज कर सकें.

ये युवा लगभग 7 सालों से बीमार पशुओं कि सेवा करते आ रहे हैं, उन्होंने बताया कि उनका दल भोरंज के किसी इलाके व गांव में यदि किसी को घायल या बीमार बेसहारा पशु दिखे, तो इलाज के पहुंच जाते हैं.

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