हमीरपुर: महान व्यक्तित्व श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी का महान नेतृत्व हमें मिला यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है. महान अटल जी का आशीर्वाद और प्यार हिमाचल प्रदेश को मिला इसके लिए हम जब तक जीवित हैं तब तक उनके आभारी रहेंगे. वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने श्रद्धेय अटल के जन्मदिवस पर हिमाचल प्रेम से जुड़ी अटल जी की यादों को सांझा करते हुए यह बात कही.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी एक महान व्यक्तित्व के मालिक थे. हिमाचल प्रदेश की ओर से हमने जब जब उनसे कुछ भी मांगा, उन्होंने हमेशा वो दिया. 1998 के जून महीने में प्रधानमंत्री बनने के बाद वह पहली बार हिमाचल आए तो उनके स्वागत में कुल्लू के मैदान में एक जनसभा हुई. किसी ने कोई मांग नहीं रखी सिर्फ उनका स्वागत किया.
जब अटल जी ने भाषण दिया तो उन्होंने कहा कि वह हिमाचल प्रदेश को 100 करोड़ रुपये देते हैं. एक सप्ताह बाद ही अटल जी का किसी कार्यक्रम के दौरान शिमला आना हुआ. तब मैंने उनसे कहा कि आपको इस बार कुछ देना होगा. उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते तो दिया है. मैंने कहा कि आप पहली बार राजधानी आये हैं तो सब लोगों को आपसे आशा है. मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि तब उन्होंने 200 करोड़ रुपये प्रदेश को और दिए.
जब अटल जी पार्वती प्रोजेक्ट का शिलान्यास करने हिमाचल आए
पूर्व मुख्यमंत्री ने अटल जी जुड़ी एक और स्मृति को सांझा करते हुए कहा कि दिसम्बर 1999 को अटल जी पार्वती प्रोजेक्ट का शिलान्यास करने हिमाचल प्रदेश आ रहे थे. मैं उनको लेने चंडीगढ़ गया था और वहां से हम एक साथ कुल्लू तक हवाई जहाज में आये थे.
रास्ते में मैंने उन्हें कहा कि आर्थिक संकट है, प्रदेश को कम से कम 400 करोड़ रुपये चाहिए. सारी चर्चा हुई, हवाईअड्डे से हम सभास्थल तक पहुंचे और शिलान्यास हुआ और जनसभा प्रारम्भ हो गयी. मैंने उन्हें पहले ही मना कर दिया था कि मैं मांगूंगा नहीं. मैंने मांगा और आपने दिया तो उसकी कोई शोभा नहीं रहती. आप स्वयं से देना, लेकिन हमारे किसी वक्ता ने मांग रख दी और अटल जी थोड़े उखड़ से गये.
उस वक्त के बाद मैं बोला और मैंने कुछ नही मांगा. फिर अटल जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि जब भी हिमाचल आते हैं तो कुछ मांग रखते हो, हिमाचल आएं या ना आएं यह सोचना पड़ेगा. अंत में उन्होंने 200 करोड़ रुपये देने की घोषणा की. मंच से उतरते ही उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रख कर पूछा कि सही हो गया. मैंने कहा कि जनसभा तो ठीक हो गयी लेकिन मैंने तो 400 करोड़ की बात की थी, एक व्यक्ति के कारण सारे प्रदेश को सजा क्यों मिले. हम आगे भी बढ़ते गए जहां खाना था वहां पहुंच कर खाना खाने बैठ गए.
'अटल जी ने कहा सूप पियो'
वहां पर तत्कालीन ऊर्जा मंत्री स्वर्गीय कुमार मंगलम, शांता कुमार और पंडित सुखराम जी भी मौजूद थे. मैं अपने ध्यान में बैठा था तो अटल जी ने कहा सूप पियो और मेरे मुंह से फिर निकला कि हमने 400 करोड़ रुपये मांगे थे.
एक अधिकारी ने बीच में कहा कि इससे ज्यादा नहीं हो सकते, मैंने कहा कि मैं देश के प्रधानमंत्री से बात कर रहा हूं किसी अधिकारी से नहीं. अटल जी मुझे कहा कि तुम सूप पियो मैं 400 करोड़ ही दूंगा. खाने के बाद जैसे ही वहां से निकले तो बाहर एक प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठ गए और मीडिया के लोगों को बुला के कहा कि मैंने 400 करोड़ रुपये देने का ही वायदा किया था, गलती से 200 करोड़ मुंह से निकल गया.
हम हिमाचल को 400 करोड़ ही देंगे. सब जगह यह खबर फ़्लैश हो गई. पूर्व मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि वह जब-जब इस घटना को याद करते हैं तो द्रवित हो जाते हैं. अटल जी का भरपूर आशीर्वाद उन्हें मिला इसके लिए वह जब तक जीवित हैं तब तक अटल जी के आभारी रहेंगे.