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CM सुक्खू के ग्रीन हिमाचल के लक्ष्य को पूर्व सीएम धूमल ने सराहा, साथ में दी ये नसीहत - हिमाचल प्रदेश न्यूज़

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने कार्यकाल के पहले बजट में हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा है. यह सराहनीय है. ग्रीन स्टेट के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रयास गंभीरता से हो, लेकिन केंद्र की योजनाओं के नाम बदलना भी सही नहीं है. (Dhumal Reaction On Himachal Budget 2023)

Dhumal Reaction On Himachal Budget 2023
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की सुखविंदर सिंह सुक्खू के बजट पर प्रतिक्रिया.
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Published : Mar 18, 2023, 5:13 PM IST

Updated : Mar 18, 2023, 5:43 PM IST

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की सुखविंदर सिंह सुक्खू के बजट पर प्रतिक्रिया.

हमीरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने प्रदेश कांग्रेस सरकार के पहले बजट में ग्रीन हिमाचल के लक्ष्य को सराहा है, लेकिन केंद्र की योजनाओं के नाम ना बदलने की नसीहत भी दी है. बजट में पेश किए गए आंकड़ों पर भी पूर्व मुख्यमंत्री ने शायराना अंदाज में बड़ा कटाक्ष किया है. धूमल ने कहा कि एक शायर ने कहा है दिखा रहा है ख्वाब महलों के जो में खिलौना खरीद कर दे नहीं सकता. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने कार्यकाल के पहले बजट में हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा है. यह सराहनीय है. ग्रीन स्टेट के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रयास गंभीरता से हो, लेकिन केंद्र की योजनाओं के नाम बदलना भी सही नहीं है.

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि पूर्व में भी प्रदेश से प्लास्टिक और पॉलिथीन पर बैन लगाया गया था. जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले थे. विश्व बैंक की तरफ से विभिन्न प्रोजेक्ट के लिए हजारों करोड़ के फंडिंग प्रदेश को दी गई थी, लेकिन आज हिमाचल में हर तरफ प्लास्टिक वेस्ट नजर आने लगा है. प्रदेश के आर्थिक हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि बजट में जो आंकड़े पेश किए गए हैं वह जरूर चिंताजनक हैं. बजट में देनदारियां अधिक दिख रही हैं, जबकि कैपिटल इन्वेस्टमेंट के लिए पैसा कम बच रहा है. वित्तीय घाटे के बावजूद विकास को गति देने के लिए केंद्रीय योजनाओं का लाभ उठाना प्रदेश सरकार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा, लेकिन मुख्यमंत्री को खुले मन से यह मानना होगा कि यह योजना केंद्र की है.

केंद्र सरकार ने हर मेडिकल कॉलेज के साथ नर्सिंग कॉलेज खोलने का प्रावधान बजट में किया था. इसके साथ केंद्र सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं जिनको मुख्यमंत्री ने बजट में शामिल किया है, लेकिन उनके नाम बदल दिए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को नसीहत देते हुए कहा कि नाम बदलने से कुछ लाभ नहीं होगा और नेताओं के नाम बदलना उचित भी नहीं लगता है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक संसाधन नहीं जुटाए जाते वादों को पूरा करना मुश्किल नजर आ रहा है. शेर के जरिए कांग्रेस के 10 गारंटी को लेकर भी पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार को घेरा है. धूमल ने शायराना अंदाज में कहा कि एक शायर ने कहा है कि दिखा रहा है ख्वाब महलों के जो में खिलौना खरीद कर दे नहीं सकता. उन्होंने कहा कि खिलौना खरीदने के पैसे जेब में ना हो और ख्वाब महलों के दिखाए जाएं तो यह वादे अच्छे नहीं होते. धूमल ने कहा कि कुल मिलाकर मुख्यमंत्री ने बजट में हर वर्ग को राहत पहुंचाने का प्रयास किया है, लेकिन प्रदेश की 3200000 महिलाओं से जो वादा किया गया था वह महज 231000 महिलाओं को पंद्रह सौ दिया जा रहा है. इस योजना में लाभार्थियों के चयन पर सवाल उठना लाजमी है ऐसे में वादा करने से पहले जरूर सोचना चाहिए.

ये भी पढ़ें- ऊना में One Rank One Pension Part-2 को लेकर दहाड़े पूर्व सैनिक, पेंशन विसंगति को लेकर कही ये बात

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की सुखविंदर सिंह सुक्खू के बजट पर प्रतिक्रिया.

हमीरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने प्रदेश कांग्रेस सरकार के पहले बजट में ग्रीन हिमाचल के लक्ष्य को सराहा है, लेकिन केंद्र की योजनाओं के नाम ना बदलने की नसीहत भी दी है. बजट में पेश किए गए आंकड़ों पर भी पूर्व मुख्यमंत्री ने शायराना अंदाज में बड़ा कटाक्ष किया है. धूमल ने कहा कि एक शायर ने कहा है दिखा रहा है ख्वाब महलों के जो में खिलौना खरीद कर दे नहीं सकता. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने कार्यकाल के पहले बजट में हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा है. यह सराहनीय है. ग्रीन स्टेट के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रयास गंभीरता से हो, लेकिन केंद्र की योजनाओं के नाम बदलना भी सही नहीं है.

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि पूर्व में भी प्रदेश से प्लास्टिक और पॉलिथीन पर बैन लगाया गया था. जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले थे. विश्व बैंक की तरफ से विभिन्न प्रोजेक्ट के लिए हजारों करोड़ के फंडिंग प्रदेश को दी गई थी, लेकिन आज हिमाचल में हर तरफ प्लास्टिक वेस्ट नजर आने लगा है. प्रदेश के आर्थिक हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि बजट में जो आंकड़े पेश किए गए हैं वह जरूर चिंताजनक हैं. बजट में देनदारियां अधिक दिख रही हैं, जबकि कैपिटल इन्वेस्टमेंट के लिए पैसा कम बच रहा है. वित्तीय घाटे के बावजूद विकास को गति देने के लिए केंद्रीय योजनाओं का लाभ उठाना प्रदेश सरकार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा, लेकिन मुख्यमंत्री को खुले मन से यह मानना होगा कि यह योजना केंद्र की है.

केंद्र सरकार ने हर मेडिकल कॉलेज के साथ नर्सिंग कॉलेज खोलने का प्रावधान बजट में किया था. इसके साथ केंद्र सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं जिनको मुख्यमंत्री ने बजट में शामिल किया है, लेकिन उनके नाम बदल दिए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को नसीहत देते हुए कहा कि नाम बदलने से कुछ लाभ नहीं होगा और नेताओं के नाम बदलना उचित भी नहीं लगता है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक संसाधन नहीं जुटाए जाते वादों को पूरा करना मुश्किल नजर आ रहा है. शेर के जरिए कांग्रेस के 10 गारंटी को लेकर भी पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार को घेरा है. धूमल ने शायराना अंदाज में कहा कि एक शायर ने कहा है कि दिखा रहा है ख्वाब महलों के जो में खिलौना खरीद कर दे नहीं सकता. उन्होंने कहा कि खिलौना खरीदने के पैसे जेब में ना हो और ख्वाब महलों के दिखाए जाएं तो यह वादे अच्छे नहीं होते. धूमल ने कहा कि कुल मिलाकर मुख्यमंत्री ने बजट में हर वर्ग को राहत पहुंचाने का प्रयास किया है, लेकिन प्रदेश की 3200000 महिलाओं से जो वादा किया गया था वह महज 231000 महिलाओं को पंद्रह सौ दिया जा रहा है. इस योजना में लाभार्थियों के चयन पर सवाल उठना लाजमी है ऐसे में वादा करने से पहले जरूर सोचना चाहिए.

ये भी पढ़ें- ऊना में One Rank One Pension Part-2 को लेकर दहाड़े पूर्व सैनिक, पेंशन विसंगति को लेकर कही ये बात

Last Updated : Mar 18, 2023, 5:43 PM IST
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