हमीरपुर: एक तरफ हम सहायता मांगें और दूसरी तरफ आलोचना भी करें यह उचित नहीं लगता है. प्रदेश सरकार को केंद्र की आलोचना की बजाए परस्पर सहयोग करना चाहिए. सभी को मिलकर इस आपदा का सामना करना चाहिए. हिमाचल में आई त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने की प्रदेश सरकार की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने यह प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा घोषित करना केंद्र सरकार का अधिकार क्षेत्र है. आपदा में राशि तय होती है वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से मिलती है.
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि इस सिलसिले में 2008 में यूपीए सरकार ने नियम तय किए थे. यह दो सरकारों के बीच का मसला है. प्रदेश सरकार की तरफ से राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग उठाई है. इस विषय पर केंद्र को जो उचित लगेगा वह कदम उठाया जाएगा. धूमल ने कहा कि वर्ष 2000 में भी सतलुज त्रासदी हुई थी और उस समय में भी केंद्र सरकार ने मदद की थी. उस समय भी एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर के माध्यम से मदद की गई थी. उस दौरान भी नियम के अनुसार आपदा की राशि मिली थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की मांग को केंद्र सरकार ध्यान में रखते हुए उचित मदद हिमाचल की कर रही है. केंद्र की टीम के द्वारा किए गए आकलन के आधार पर ही राहत राशि मिलती है. धूमल ने कहा कि अभी तक हर संभव मदद दी गई है और आगे भी और मदद केंद्र सरकार करेगी.
धूमल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दौरे के बाद कार्य भी शुरू करवा दिया है. ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भी हिमाचल को 2643 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. जिससे सड़कों को बनाने के लिए काम किया जाएगा. उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र सरकार का पूरा सहयोग रहेगा. आपदा की इस घड़ी में सभी को मिलकर इस आपदा का सामना करना चाहिए न कि आलोचना करनी चाहिए.