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वन रैंक वन पेंशन: हमीरपुर में सैनिकों ने किया यूनाइटेड फ्रंट का गठन, 3 अप्रैल को सौंपेंगे ज्ञापन

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Published : Apr 1, 2023, 12:10 PM IST

हमीरपुर मेंं पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर हल्ला बोलना शुरू कर दिया है. इसके मद्देनजर जहां यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमैन कमेटी का गठन किया.वहीं, 3 अप्रैल को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजे जाएंगे.

वन रैंक वन पेंशन
वन रैंक वन पेंशन

हमीरपुर: वीरभूमि हमीरपुर जिले से पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व हमीरपुर जिले में हिमाचल प्रदेश के पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे के समाधान के लिए यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमैन कमेटी का गठन किया. शुक्रवार को जिला मुख्यालय हमीरपुर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई ,जिसमें प्रदेश के सभी 12 जिलों से पूर्व सैनिकों ने हिस्सा लिया.

कैप्टन जगदीश वर्मा को चैयरमेन चुना गया: इस बैठक में हिमाचल प्रदेश के अधिकारी वर्ग के नीचे के सभी रैंक के पूर्व सैनिकों ने इकट्ठे होकर यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमैन कमेटी हिमाचल प्रदेश का गठन किया है. कैप्टन जगदीश वर्मा ( सेवानिवृत्त) को इस कमेटी का चेयरमैन चुना गया. कमेटी की प्रदेश कार्यकारिणी के साथ ही सभी जिले की कमेटियों का गठन भी बैठक में किया गया.

रैकों में मामूली वृद्धि: कमेटी पदाधिकारियों का कहना है कि कमेटी के गठन का मुख्य उद्देश्य पूर्व सैनिकों अन्य रैंक के लिए ओआरओपी में हुई विसंगतियों को और अन्य भेदभाव को दूर करना है. कमेटी के पदाधिकारियों का दावा है कि हाल ही में सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा निकाले गए पेंशन टेबल में सिपाही से लेकर हवलदार तक के रैकों में मामूली वृद्धि की गई.

भाजपा सरकार के लिए बड़ी चुनौती: ऑनरेरी कैप्टन तक की पेंशन में कटौती कर दी गई. सरकार द्वारा दिए गए 23000 करोड रुपए सिर्फ मेजर से लेकर लेफ्टिनेंट जनरल तक रैंक के अधिकारियों को 90 प्रतिशत राशि दे दी गई. गौरतलब है कि मोदी सरकार वन रैंक वन पेंशन योजना को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में पिछले लंबे समय से पेश कर रही है. सैनिक बहुल परिवार वाले राज्य हिमाचल में लोकसभा चुनावों से ठीक पहले सरकार के दावों के विपरीत पूर्व सैनिकों का लामबंद होना भाजपा सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.

3 अप्रैल को भेजे जाएंगे ज्ञापन: कैप्टन जगदीश वर्मा ( सेवानिवृत्त) का कहना है कि वन रैंक वन पेंशन के नाम पर उनके साथ धोखा किया गया है. ऑनरेरी कैप्टन से लेकर सूबेदार रैंक तक के पूर्व सैनिकों की पेंशन को माइनस में कर दिया गया. उन्होंने कहा कि कमेटी की बैठक में जिलों की कार्यकारिणी का भी गठन कर दिया गया ,ताकि आगे भी इस भेदभाव पूर्व रवैया के बारे में आवाज उठाई जा सके. सरकार को तीन अप्रैल 2023 को सभी 12 जिलों के डीसी के माध्यम से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तथा रक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजे जाएंगे.

ये चुने गए पदाधिकारी: जगदीश चंद्र वर्मा चेयरमैन, जीएस पटियाल, पवन कुमार चौहान, जगमोहन तोमर, बीआर शर्मा, सुरेंद्र सिंह ठाकुर, खेवाराम हेतराम शर्मा, राकेश कुमार ठाकुर, एसपी शर्मा वाइस चेयरमैन, रमेश कुमार महासचि, एके शर्मा सह सचिव, आरएल चौहान ऑफिस एवं वित्त सचिव, संजीव कुमार बृजेश कांता मीडिया सचिव,खूब राम शर्मा लीगल सेल, देवेंद्र सिंह चौहान चीफ एडवाइजर, अमृतलाल एडवाइजर, नानक चंद संगठन सचिव, शामलाल एवं सुरेश कुमार शर्मा सीनियर कोऑर्डिनेटर,सीएल पठानिया सीनियर कन्वीनर, रमेश चंद और दलजीत सिंह कन्वीनर नियुक्त किए गए.

ये भी पढ़ें : वन रैंक वन पेंशन न मिलने से पूर्व सैनिक आहत, 'बहादुरी के मेडल जंग खाकर खत्म हो रहे पर नहीं मिला लाभ'

हमीरपुर: वीरभूमि हमीरपुर जिले से पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व हमीरपुर जिले में हिमाचल प्रदेश के पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे के समाधान के लिए यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमैन कमेटी का गठन किया. शुक्रवार को जिला मुख्यालय हमीरपुर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई ,जिसमें प्रदेश के सभी 12 जिलों से पूर्व सैनिकों ने हिस्सा लिया.

कैप्टन जगदीश वर्मा को चैयरमेन चुना गया: इस बैठक में हिमाचल प्रदेश के अधिकारी वर्ग के नीचे के सभी रैंक के पूर्व सैनिकों ने इकट्ठे होकर यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमैन कमेटी हिमाचल प्रदेश का गठन किया है. कैप्टन जगदीश वर्मा ( सेवानिवृत्त) को इस कमेटी का चेयरमैन चुना गया. कमेटी की प्रदेश कार्यकारिणी के साथ ही सभी जिले की कमेटियों का गठन भी बैठक में किया गया.

रैकों में मामूली वृद्धि: कमेटी पदाधिकारियों का कहना है कि कमेटी के गठन का मुख्य उद्देश्य पूर्व सैनिकों अन्य रैंक के लिए ओआरओपी में हुई विसंगतियों को और अन्य भेदभाव को दूर करना है. कमेटी के पदाधिकारियों का दावा है कि हाल ही में सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा निकाले गए पेंशन टेबल में सिपाही से लेकर हवलदार तक के रैकों में मामूली वृद्धि की गई.

भाजपा सरकार के लिए बड़ी चुनौती: ऑनरेरी कैप्टन तक की पेंशन में कटौती कर दी गई. सरकार द्वारा दिए गए 23000 करोड रुपए सिर्फ मेजर से लेकर लेफ्टिनेंट जनरल तक रैंक के अधिकारियों को 90 प्रतिशत राशि दे दी गई. गौरतलब है कि मोदी सरकार वन रैंक वन पेंशन योजना को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में पिछले लंबे समय से पेश कर रही है. सैनिक बहुल परिवार वाले राज्य हिमाचल में लोकसभा चुनावों से ठीक पहले सरकार के दावों के विपरीत पूर्व सैनिकों का लामबंद होना भाजपा सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.

3 अप्रैल को भेजे जाएंगे ज्ञापन: कैप्टन जगदीश वर्मा ( सेवानिवृत्त) का कहना है कि वन रैंक वन पेंशन के नाम पर उनके साथ धोखा किया गया है. ऑनरेरी कैप्टन से लेकर सूबेदार रैंक तक के पूर्व सैनिकों की पेंशन को माइनस में कर दिया गया. उन्होंने कहा कि कमेटी की बैठक में जिलों की कार्यकारिणी का भी गठन कर दिया गया ,ताकि आगे भी इस भेदभाव पूर्व रवैया के बारे में आवाज उठाई जा सके. सरकार को तीन अप्रैल 2023 को सभी 12 जिलों के डीसी के माध्यम से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तथा रक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजे जाएंगे.

ये चुने गए पदाधिकारी: जगदीश चंद्र वर्मा चेयरमैन, जीएस पटियाल, पवन कुमार चौहान, जगमोहन तोमर, बीआर शर्मा, सुरेंद्र सिंह ठाकुर, खेवाराम हेतराम शर्मा, राकेश कुमार ठाकुर, एसपी शर्मा वाइस चेयरमैन, रमेश कुमार महासचि, एके शर्मा सह सचिव, आरएल चौहान ऑफिस एवं वित्त सचिव, संजीव कुमार बृजेश कांता मीडिया सचिव,खूब राम शर्मा लीगल सेल, देवेंद्र सिंह चौहान चीफ एडवाइजर, अमृतलाल एडवाइजर, नानक चंद संगठन सचिव, शामलाल एवं सुरेश कुमार शर्मा सीनियर कोऑर्डिनेटर,सीएल पठानिया सीनियर कन्वीनर, रमेश चंद और दलजीत सिंह कन्वीनर नियुक्त किए गए.

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