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हमीरपुर में फायर सीजन के लिए 6 कंट्रोल रूम स्थापित, 43 वन बीट अति संवेदनशील श्रेणी में चिन्हित

हमीरपुर जिला में फायर सीजन से बचाव के लिए 6 कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं. जंगलों को आग से कैसे बचाया जा सकता है इसके लिए हमीरपुर में वन विभाग के कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का भी आयोजन किया गया. पढ़ें पूरी खबर.....(6 control rooms for fire season in Hamirpur)

6 control rooms for fire season in Hamirpur
हमीरपुर में वन कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन
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Published : Mar 31, 2023, 10:51 AM IST

हमीरपुर में फायर सीजन के लिए 6 कंट्रोल रूम स्थापित

हमीरपुर: फायर सीजन के शुरू होने से जंगलों में आग लगने का सिलसिला भी शुरू होने जा रहा है. हिमाचल प्रदेश वन विभाग की ओर से इस स्थिती से निपटने के लिए अपनी ओर से सभी तैयारियां की जा रही हैं. जिला हमीरपुर में भी फायर सीजन में जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग ने कसरत शुरू कर दी है. इसके लिए फॉरेस्ट डिविजन हमीरपुर के तहत आग की घटनाओं से निपटने के लिए 6 जगहों पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं. वीरवार को हमीर होटल में आयोजित वन विभान की प्रशिक्षण कार्यशाला में विभाग द्वारा यह आंकड़ें प्रस्तुत किए गए हैं.

वन कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन: हमीरपुर जिले में वन मंडल विभाग ने फायर सीजन में आगजनी से जंगलों को बचाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी के तहत वीरवार को हमीर होटल में वन कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कर्मचारियों को जंगलों को आग से बचाने के लिए टिप्स दिए और जंगल में आग के दौरान किस तरह से सभी के साथ मिलकर कार्य करना है इसकी जानकारी कार्यशाला के दौरान कर्मचारियों को दी गई.

कार्यशाला के दौरान विभाग के मुख्य अरण्य पाल अनिल शर्मा व डीएफओ हमीरपुर राकेश कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे. वहीं, कार्यशाला के दौरान आग लगने के संभावित कारणों और पिछले कुछ वर्षों में आग लगने से जंगलों की संपदा को हुए नुकसान के आंकड़ों को भी प्रस्तुत किया गया. फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से जंगलों में आग लगने पर वन विभाग के कर्मचारियों को मोबाइल पर मैसेज के जरिए सीधे अपडेट दिया जाता है. इस अलर्ट मैसेज पर किस तरह से कर्मचारियों को प्रतिक्रिया देनी है इस पर भी अधिकारियों द्वारा प्रकाश डाला गया.

43 वन बीट अति संवेदनशील श्रेणी में: मंडल वन अधिकारी हमीरपुर राकेश कुमार ने बताया कि आने वाले समय में जंगलों को आग से बचाने के लिए वनकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया. हमीरपुर वन डिविजन में 6 जगहों पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं. इसके साथ ही 20 अग्निशमन टीमें भी तैयार की गई हैं. उन्होंने बताया कि संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी भी वन कर्मियों को दे दी गई है. वन मंडल हमीरपुर के अंतर्गत 70 बीटें हैं जिनमें से 43 को अति संवेदनशील क्षेत्रों में रखा गया है और 18 को संवेदनशील तथा 9 को सामान्य क्षेत्र में रखा गया है. पिछले साल हमीरपुर जिला के जंगलों में आगजनी की 98 घटनाएं सामने आई थी.

फायर सीजन में लोगों का सहयोग भी जरूरी: मुख्य अरण्यपाल अनिल शर्मा ने बताया कि जंगलों को आग से बचाने के लिए विभिन्न तकनीकों की जानकारी देने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई थी. उन्होंने बताया कि खुद को सुरक्षित रखते हुए किस प्रकार से आग से जंगलों को बचाना है तथा इसमें किस प्रकार से जनसहयोग प्राप्त करना है इस विषय पर भी कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है. वहीं, उन्होंने जनसहयोग की बात करते हुए कहा कि अगर जंगलों को आग में राख होने से बचाना है तो इसके लिए लोगों का सहयोग भी जरुरी है. लोगों में जंगलों के प्रति जागरुकता जंगलों में लगने वाली आग को काफी हद तक खत्म कर सकती है.

ये भी पढ़ें: सावधान! हिमाचल प्रदेश में आज भारी बारिश और ओलावृष्टि का Orange Alert, 3 अप्रैल तक खराब रहेगा मौसम

हमीरपुर में फायर सीजन के लिए 6 कंट्रोल रूम स्थापित

हमीरपुर: फायर सीजन के शुरू होने से जंगलों में आग लगने का सिलसिला भी शुरू होने जा रहा है. हिमाचल प्रदेश वन विभाग की ओर से इस स्थिती से निपटने के लिए अपनी ओर से सभी तैयारियां की जा रही हैं. जिला हमीरपुर में भी फायर सीजन में जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग ने कसरत शुरू कर दी है. इसके लिए फॉरेस्ट डिविजन हमीरपुर के तहत आग की घटनाओं से निपटने के लिए 6 जगहों पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं. वीरवार को हमीर होटल में आयोजित वन विभान की प्रशिक्षण कार्यशाला में विभाग द्वारा यह आंकड़ें प्रस्तुत किए गए हैं.

वन कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन: हमीरपुर जिले में वन मंडल विभाग ने फायर सीजन में आगजनी से जंगलों को बचाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी के तहत वीरवार को हमीर होटल में वन कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कर्मचारियों को जंगलों को आग से बचाने के लिए टिप्स दिए और जंगल में आग के दौरान किस तरह से सभी के साथ मिलकर कार्य करना है इसकी जानकारी कार्यशाला के दौरान कर्मचारियों को दी गई.

कार्यशाला के दौरान विभाग के मुख्य अरण्य पाल अनिल शर्मा व डीएफओ हमीरपुर राकेश कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे. वहीं, कार्यशाला के दौरान आग लगने के संभावित कारणों और पिछले कुछ वर्षों में आग लगने से जंगलों की संपदा को हुए नुकसान के आंकड़ों को भी प्रस्तुत किया गया. फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से जंगलों में आग लगने पर वन विभाग के कर्मचारियों को मोबाइल पर मैसेज के जरिए सीधे अपडेट दिया जाता है. इस अलर्ट मैसेज पर किस तरह से कर्मचारियों को प्रतिक्रिया देनी है इस पर भी अधिकारियों द्वारा प्रकाश डाला गया.

43 वन बीट अति संवेदनशील श्रेणी में: मंडल वन अधिकारी हमीरपुर राकेश कुमार ने बताया कि आने वाले समय में जंगलों को आग से बचाने के लिए वनकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया. हमीरपुर वन डिविजन में 6 जगहों पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं. इसके साथ ही 20 अग्निशमन टीमें भी तैयार की गई हैं. उन्होंने बताया कि संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी भी वन कर्मियों को दे दी गई है. वन मंडल हमीरपुर के अंतर्गत 70 बीटें हैं जिनमें से 43 को अति संवेदनशील क्षेत्रों में रखा गया है और 18 को संवेदनशील तथा 9 को सामान्य क्षेत्र में रखा गया है. पिछले साल हमीरपुर जिला के जंगलों में आगजनी की 98 घटनाएं सामने आई थी.

फायर सीजन में लोगों का सहयोग भी जरूरी: मुख्य अरण्यपाल अनिल शर्मा ने बताया कि जंगलों को आग से बचाने के लिए विभिन्न तकनीकों की जानकारी देने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई थी. उन्होंने बताया कि खुद को सुरक्षित रखते हुए किस प्रकार से आग से जंगलों को बचाना है तथा इसमें किस प्रकार से जनसहयोग प्राप्त करना है इस विषय पर भी कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है. वहीं, उन्होंने जनसहयोग की बात करते हुए कहा कि अगर जंगलों को आग में राख होने से बचाना है तो इसके लिए लोगों का सहयोग भी जरुरी है. लोगों में जंगलों के प्रति जागरुकता जंगलों में लगने वाली आग को काफी हद तक खत्म कर सकती है.

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