हमीरपुर: प्रदेश में फायर सीजन से पहले ही जंगल दहकने लगे हैं. ऐसे में अब वन विभाग भी चैकन्ना हो गया है. आमतौर पर 15 अप्रैल से शुरू होने वाले फायर सीजन से पहले ही अब जंगलों में आग लनना शुरू हो गई है, जिसके चलते अब हमीरपुर जिला में वन विभाग के अधिकारियों की बैठकों का दौर शुरू हो गया है.
इस कड़ी में बुधवार को मुख्य अरण्यपाल हमीरपुर अनिल जोशी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में डीएफओ हमीरपुर और डीएफओ हेडक्वार्टर मौजूद रही. मुख्य अरण्यपाल हमीरपुर अनिल जोशी ने कहा कि जंगलों में आग से बचाव के लिए अधिकारियों के साथ बुधवार को बैठक की गई है.
आग लगने के 72 मामले सामने आए थे
साल 2019-2020 में हमीरपुर जिला में जंगलों में आग लगने के 72 मामले सामने आए थे, जिससे 560 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ था. वहीं, साल 2020-2021 में आग में जिला के 13 मामले सामने आए थे जिससे 80 हेक्टेयर एरिया आग से प्रभावित हुआ था.
वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि पंचायत स्तर पर जन प्रतिनिधियों के सहयोग से जंगलों को आग से बचाने का प्रयास किया जाएगा. जिला प्रशासन और फायर बिग्रेड का भी इसके लिए सहयोग लिया जाएगा. इसके साथ ही जंगलों में पाइन नीडल को समय से हटाया जाएगा.
वन विभाग के लिए चुनौती
पाइन नीडल के दो प्रोजेक्ट हमीरपुर जिला में युवा उद्यमियों द्वारा स्थापित किए गए है. इन यूनिट को पाइन नीडल जंगलों से एकत्र करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, ताकि पिछले वर्ष की भांति जंगलों में आग की संभावनाओं को कम किया जा सके. बेशक पिछले साल जंगलों में आग के कम मामले सामने आए हैं, लेकिन इस बार सूखे की मार से समय से पहले जंगल दहकना शुरू हो गए हैं. ऐसे में वन विभाग के लिए चुनौती पिछले साल की अपेक्षा इस बार कहीं अधिक है.'
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