हमीरपुर: जिला हमीरपुर के लंबलू गांव में पंचायत के बुजुर्ग प्रधान और स्थानीय लोगों ने सड़क निर्माण कर मिसाल कायम की है. बिना किसी सरकारी सहयोग से यह सड़क बनाई गई है. सड़क निर्माण में कुल ₹20000 से ज्यादा पैसे खर्च हुए हैं जो कि पंचायत के प्रधान और स्थानीय लोगों के सहयोग से एकत्र कर खर्च किए गए हैं. इस गांव के निवासी सालों से अंदरूनी हिस्सों को मुख्य राजमार्ग से जोड़ने वाली सड़क के लिए तरस रहे थे. सरकारें बदलीं और ग्राम पंचायत प्रधान एक के बाद एक आए, लेकिन सड़क बनाने के लिए किसी ने जहमत नहीं उठाई.
समस्या के समाधान के लिए कुछ हफ्ते पहले, लंबलू गांव के तीन निवासियों ने सड़क बनाने का फैसला किया. जिसमें विशाल कानूनगो, विशाल भारद्वाज, और अशोक कुमार ने पैसा जमा किया और अपने संसाधनों से सड़क निर्माण कार्य किया. ग्रामीणों ने हमीरपुर बाइपास सड़क को जोड़ने के लिए एक हिस्से को समतल करने का निर्णय लिया. जिसके चलते ग्रामीणों ने सड़क के एक हिस्से के निर्माण में मदद के लिए अपनी जेब से 20,000 रुपये से अधिक खर्च किए. स्थानीय निवासियों ने प्रण किया कि जब तक काम पूरा नहीं हो जाता है तब तक वह और अधिक धन का योगदान करेंगे. स्थानीय लोगों के प्रयासों को ग्राम पंचायत और उसके 81 वर्षीय प्रधान करतार सिंह चौहान का समर्थन प्राप्त है.
ग्राम पंचायत प्रधान करतार सिंह ने बताया कि कई वर्षों से पंचायत निवासियों द्वारा स्थानीय वन क्षेत्र में एक सड़क बनाने की मांग की गई थी, लेकिन भूमि का मिश्रित स्वामित्व होने पर बात सिरे नहीं चढ़ पाई थी, लेकिन तीनों ग्रामीण प्रेरणा के स्रोत बने हैं, क्योंकि उन्होंने दूसरों को रास्ता दिखाया है. स्थानीय निवासियों की पहल रंग लाई और सड़क का निर्माण किया गया. ग्राम पंचायत प्रधान करतार सिंह ने बताया कि इस सड़क निर्माण से लंबलू, घुमारिन और गुमर के निवासियों को लाभ मिलेगा. जल्द ही इस सड़क को लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाया जाएगा.
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