हमीरपुर: करीब 4 महीने तक अस्त के बाद हिमाचल में शादियों का दौर शुरू ही हुआ था कि कोरोना ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. सीजन में शादियों से जुड़े हर कारोबार पर इसका विपरीत असर देखने को मिला है. दिसंबर महीने से अप्रैल महीने तक अस्त की वजह से शादियों का शुभ मुहूर्त नहीं था, लेकिन 17 अप्रैल के बाद जैसे ही शादियों का सीजन शुरू हुआ कोरोना का साया एक बार फिर मंडराने लगा.
हालात ऐसे हैं कि अधिकतर शादियों को यह तो स्थगित कर दिया गया है या फिर सीमित कर दिया गया है. प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के अनुसार महज 20 लोग ही शादी में शामिल हो सकते हैं. ऐसे में ना तो शॉपिंग हो रही है और ना ही बैंड बाजे पर इतना खर्च किया जा रहा है. एक तरफ धाम भी बंद कर दी गई है तो दूसरी ओर अन्य कई पाबंदियां लगाई गई हैं.
ज्यादातर बुकिंग कैंसिल
फोटोग्राफर सचिन शर्मा का कहना है कि उनका कार्य महज 20% ही बचा है. ज्यादातर बुकिंग कैंसिल हो चुकी है और कई शादियों को स्थगित कर दिया गया है. जिस वजह से उनका कार्य बहुत प्रभावित हुआ है. हालात ऐसे हैं कि 4 महीने पहले अस्त की वजह से शादियां नहीं हुई अब एक बार फिर कोरोना की वजह से उनका कारोबार लगभग खत्म हो गया है.
महज 20 लोगों के शर्त के कारण काम बहुत बुरी तरह से प्रभावित
कपड़ा व्यापारी दीप बजाज का कहना है कि दुकानदार शादियों के सीजन में ही अधिकतर कमाई करते हैं, लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि शादी में जहां परिवार पचास हजार तक की शॉपिंग करते थे वे अब पांच हजार तक की ही शॉपिंग कर रहे हैं. शादी में महज 20 लोगों के शर्त के कारण कार्य बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.
50% ही काम हो रहा है
शादियों में मेहंदी लगाने का काम करने वाले सोनू का कहना है कि उनका काम कोरोना की वजह से बहुत प्रभावित हुआ है. अधिकतर बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं. 25 बुकिंग उनके पास आई थी, लेकिन कोरोना की वजह से अब 15 कैंसिल हो गई हैं और अब जहां वह शादियों में जा रहे हैं वहां भी पहले की तरह काम नहीं है, बल्कि 50% ही काम हो रहा है. सिर्फ दुल्हन मेहंदी लगवा रही है, जबकि रिश्तेदार ना तो शादी में आ रहे हैं और ना ही मेहंदी लगाने का अधिक काम हो रहा है.
अधिकतर शादियां स्थगित
शादियों में टेंट लगाने का काम करने वाले सोनी कुमार का कहना है कि शादी के सीजन में उनकी डेढ़ से 2 लाख तक की कमाई हो जाती थी, लेकिन इस बार कुल कमाई महज 50 हजार ही हुई है. हालात ऐसे हैं कि अधिकतर शादियां स्थगित हो गई हैं जिस वजह से उनका काफी नुकसान हुआ है. हिमाचल के हर जिले में अप्रैल महीने से ही शादियों का दौर शुरू हो गया था. हर जिले में हजारों शादियां प्रस्तावित थीं, लेकिन महामारी की मार के कारण अब लोगों ने साथियों को स्थगित कर दिया है. जहां पर शादियां हो रही हैं वहां पर बहुत ही सीमित संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं.
सब धंधे लगभग चौपट
शादियों से कई तरह के कारोबार जुड़े होते हैं. मसलन कैटरिंग से लेकर मेहंदी लगाने वाले कपड़ा व्यापारी फोटोग्राफर इन सब की रोजी-रोटी सीधे तौर पर शादियों के सीजन पर अधिकतर निर्भर होती है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण अब यह धंधे लगभग चौपट हो गए हैं.
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