भोरंज/हमीरपुर: मेवा लगवालती पेजयल योजना जिससे भोरंज की 33 पंचायतों के अलावा टौणीदेवी और भोटा के क्षेत्र को पेजयल आपूर्ति होती है, जो प्रदेश की पहली कम्प्यूटराइज्ड पेयजल योजना है. पिछले कई दिनों से ये पेयजल योजना बिजली के कट और वोल्टेज कम होने की मार झेल रही है.
बिजली के कट से पेयजल योजना प्रभावित
गौरतलब है कि वर्ष में एक दर्जन से अधिक बार योजना में विद्युत आपूर्ति की वजह से पानी की सप्लाई क्षेत्र में प्रभावित होती रहती है. जिससे अकसर लोगों को पानी की कमी से दो चार होना पड़ रहा है. इसके चलते क्षेत्र की जनता को पेजयल की दिक्कत गर्मियों से पहले ही आ पड़ी है. वहीं, जाखू के पास बनी ये पेजयल स्कीम मेवा यानी भोरंज और बमसन के सूखे क्षेत्रों के लिए बनी थी और इसे उस वक्त भोरंज सब डिवीजन ने बनाया था. लेकिन बनने के बाद इसे ऊहल सब डीविजन को सौंप दिया था. अब भोरंज में डिविजन भी बन गया है और लोगों की मांग है कि इस स्कीम को भोरंज डिवीजन को सौंपा जाये ताकि ये सही ढंग से चल सके.
शिकायत करने पर नहीं हुआ समाधान
बता दें कि अवाहदेवी और मतलना के टैंक खाली पड़े हैं क्योंकि कभी ऊहल तो कभी मतलाना में बिजली के कट लग रहे हैं. कभी वोल्टेज की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है. प्रेदश की सबसे बड़ी पेजयल योजना जबसे बनी है. तब से ही बिजली की वजह से दिक्कतों से चल रही है और हर साल गर्मियों में ये हांफ जाती है. सरकार ने आज दिन तक इसका स्थाई हल नहीं निकाला है. जब भी पेजयल की शिकायत की जाती है तो हर बार जवाब मिलता है कि आज बिजली नहीं है या वेल्डिंग का काम चल रहा है या पानी कम है.
पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण
साल 2007 से चले इस प्रोजेक्ट में हर साल कमियां आ रही हैं, लेकिन सुधार कोई नहीं है. पानी की सप्लाई होने से रोज भोरंज जलशक्ति विभाग में भोरंज, लझ्यानी, टिककरी मिन्हासा, लुदर महादेव, जैसे कई क्षेत्रों के दर्जन भर पंचायतों से लोग शिकायत कर चुके हैं, लेकिन मेवा लगवालती पेयजल योजना में विद्युत आपूर्ति ठप होने से भोरंज क्षेत्र में जल की कमी बनी हुई है. उधर, जलशक्ति विभाग उपमंडल भोरंज के एसडीओ अनिल कुमार का कहना है कि विद्युत वोल्टेज और कट की समस्या होने से प्रोजेक्ट से पानी पछले दिनों से कम आ रहा है जिस वजह से पेजयल की दिक्कत आ रही लोगों से पेजयल व्यर्थ न गंवाने की अपील की है.
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