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आखिरकार 13 साल बाद NIT Hamirpur को मिला रेगुलर रजिस्ट्रार, डॉ. अर्चना संतोष ननॉटी ने संभाला जिम्मा - NIT हमीरपुर में रजिस्ट्रार नियुक्त

एनआईटी हमीरपुर में 13 सालों बाद रेगुलर रजिस्ट्रार की नियुक्ति हुई है. डॉ. अर्चना संतोष ननॉटी को रिजस्ट्राट के पद पर नियुक्त किया गया है. वहीं, पंकज कुमार वर्मा को डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर एनआईटी हमीरपुर में नियुक्त किया गया है. (Dr Archana Santosh Nanotti Appoint as Registrar in NIT Hamirpur)

Dr Archana Santosh Nanotti Appoint as Registrar in NIT Hamirpur.
डॉ. अर्चना संतोष ननॉटी एनआईटी हमीरपुर में रजिस्ट्रार नियुक्त.
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Published : Jun 29, 2023, 9:08 AM IST

हमीरपुर: लंबे किंतु परंतु के बाद आखिरकार राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर को 13 साल बाद रेगुलर रजिस्ट्रार मिल ही गया. एनआईटी हमीरपुर के रजिस्ट्रार के लिए 14 लोग शॉर्टलिस्ट किए गए थे. इनमें से गुजरात की डॉ. अर्चना संतोष ननॉटी को एनआईटी हमीरपुर में रजिस्ट्रार के पद पर अपॉइंट किया गया है. इसके साथ ही खाली चल रहे तीन में से एक डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले पंकज कुमार को तैनाती दी गई है. जानकारी के मुताबिक डिप्टी रजिस्ट्रार के लिए 43 आवेदकों ने आवेदन किया था, जिनमें से 10 लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया था.

NIT हमीरपुर में रजिस्ट्रार नियुक्त: आपको बता दें कि 19 और 20 जून को इन पदों के लिए साक्षात्कार लिए गए थे. एनआईटी हमीरपुर की ओर से शैक्षणिक के अलावा अन्य सभी योग्यताएं पूरी करने वाले कैंडिडेट्स की लिस्ट BOG को भेजी गई थी. बीओजी से मंजूरी मिलने के बाद डॉ. अर्चना संतोष ननॉटी को रजिस्ट्रार और पंकज कुमार वर्मा को डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर एनआईटी हमीरपुर में अपॉइंट कर लिया गया है.

जुगाड़ तंत्र से चल रही थी तमाम व्यवस्था: बता दें की कि साढ़े चार हजार स्टूडेंट्स और दर्जनों फैकल्टी स्टाफ और सैकड़ों रेगुलर और आउटसोर्स कर्मचारियों वाले एनआईटी हमीरपुर में पिछले 13 सालों से रेगुलर रजिस्ट्रार नहीं था और न ही इसकी नियुक्ति की गई. संस्थान के प्रोफेसरों को ही समय-समय पर अपनी सुविधा के अनुसार कार्यकारी रजिस्ट्रार के रूप में तैनाती देकर इस महत्वपूर्ण पद पर कामचलाऊ व्यवस्था अब तक चलाई जा रही थी. वहीं, साल 2010 के बाद की स्थिति के मध्यनजर कई बार यहां रेगुलर रजिस्ट्रार के लिए इंटरव्यू लिए जा चुके हैं, लेकिन नियुक्ती कभी नहीं हुई. रजिस्ट्रार या कुलसचिव किसी भी बड़े संस्थान की व्यवस्थाओं को व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए बेहद अहम माने जाते हैं. प्रशासनिक कार्यों में एनआईटी हमीरपुर जैसे संस्थानों में रजिस्ट्रार निदेशक बाद दूसरे नंबर पर माने जाते हैं. तमाम प्रशासनिक व्यवस्थाओं का जिम्मा रजिस्ट्रार के हवाले ही होता है.

5 प्रोफेसर के पास कार्यकारी रजिस्ट्रार का रहा है जिम्मा: सहूलियत के मुताबिक संचालन का जिम्मा एक नहीं बल्कि कई लोगों को दिया गया. गौरतलब है कि साल 2010 में रेगुलर रजिस्ट्रार के रूप में एनआईटी हमीरपुर में मनीष कुमार जिंदल कार्यरत थे. उनके जाने के बाद NIT के ही 5 प्रोफेसरों ने कार्यकारी रजिस्ट्रार के रूप में कार्यभार संभाला. इनमें एसके सिंघा, सुशील चौहान, सुनील चौधरी, योगेश गुप्ता व राजेश्वर बांश्टू ने कार्यकारी रजिस्ट्रार के तौर पर अपनी सेवाएं दी. एनआईटी के डायरेक्टर प्रो. एचएम सूर्यवंशी ने कहा कि रजिस्ट्रार और डिप्टी रजिस्ट्रार के पदों पर नियुक्तियां कर दी गई हैं. सेलेक्ट हुए दोनों अधिकारी जल्द ही कार्यभार संभाल लेंगे.

ये भी पढ़ें: संस्थान एक, बवाल अनेक : क्या है NIT हमीरपुर में मचे कोहराम की वजह, याद आने लगा बर्खास्त यादव का दौर!

हमीरपुर: लंबे किंतु परंतु के बाद आखिरकार राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर को 13 साल बाद रेगुलर रजिस्ट्रार मिल ही गया. एनआईटी हमीरपुर के रजिस्ट्रार के लिए 14 लोग शॉर्टलिस्ट किए गए थे. इनमें से गुजरात की डॉ. अर्चना संतोष ननॉटी को एनआईटी हमीरपुर में रजिस्ट्रार के पद पर अपॉइंट किया गया है. इसके साथ ही खाली चल रहे तीन में से एक डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले पंकज कुमार को तैनाती दी गई है. जानकारी के मुताबिक डिप्टी रजिस्ट्रार के लिए 43 आवेदकों ने आवेदन किया था, जिनमें से 10 लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया था.

NIT हमीरपुर में रजिस्ट्रार नियुक्त: आपको बता दें कि 19 और 20 जून को इन पदों के लिए साक्षात्कार लिए गए थे. एनआईटी हमीरपुर की ओर से शैक्षणिक के अलावा अन्य सभी योग्यताएं पूरी करने वाले कैंडिडेट्स की लिस्ट BOG को भेजी गई थी. बीओजी से मंजूरी मिलने के बाद डॉ. अर्चना संतोष ननॉटी को रजिस्ट्रार और पंकज कुमार वर्मा को डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर एनआईटी हमीरपुर में अपॉइंट कर लिया गया है.

जुगाड़ तंत्र से चल रही थी तमाम व्यवस्था: बता दें की कि साढ़े चार हजार स्टूडेंट्स और दर्जनों फैकल्टी स्टाफ और सैकड़ों रेगुलर और आउटसोर्स कर्मचारियों वाले एनआईटी हमीरपुर में पिछले 13 सालों से रेगुलर रजिस्ट्रार नहीं था और न ही इसकी नियुक्ति की गई. संस्थान के प्रोफेसरों को ही समय-समय पर अपनी सुविधा के अनुसार कार्यकारी रजिस्ट्रार के रूप में तैनाती देकर इस महत्वपूर्ण पद पर कामचलाऊ व्यवस्था अब तक चलाई जा रही थी. वहीं, साल 2010 के बाद की स्थिति के मध्यनजर कई बार यहां रेगुलर रजिस्ट्रार के लिए इंटरव्यू लिए जा चुके हैं, लेकिन नियुक्ती कभी नहीं हुई. रजिस्ट्रार या कुलसचिव किसी भी बड़े संस्थान की व्यवस्थाओं को व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए बेहद अहम माने जाते हैं. प्रशासनिक कार्यों में एनआईटी हमीरपुर जैसे संस्थानों में रजिस्ट्रार निदेशक बाद दूसरे नंबर पर माने जाते हैं. तमाम प्रशासनिक व्यवस्थाओं का जिम्मा रजिस्ट्रार के हवाले ही होता है.

5 प्रोफेसर के पास कार्यकारी रजिस्ट्रार का रहा है जिम्मा: सहूलियत के मुताबिक संचालन का जिम्मा एक नहीं बल्कि कई लोगों को दिया गया. गौरतलब है कि साल 2010 में रेगुलर रजिस्ट्रार के रूप में एनआईटी हमीरपुर में मनीष कुमार जिंदल कार्यरत थे. उनके जाने के बाद NIT के ही 5 प्रोफेसरों ने कार्यकारी रजिस्ट्रार के रूप में कार्यभार संभाला. इनमें एसके सिंघा, सुशील चौहान, सुनील चौधरी, योगेश गुप्ता व राजेश्वर बांश्टू ने कार्यकारी रजिस्ट्रार के तौर पर अपनी सेवाएं दी. एनआईटी के डायरेक्टर प्रो. एचएम सूर्यवंशी ने कहा कि रजिस्ट्रार और डिप्टी रजिस्ट्रार के पदों पर नियुक्तियां कर दी गई हैं. सेलेक्ट हुए दोनों अधिकारी जल्द ही कार्यभार संभाल लेंगे.

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