हमीरपुर: आधे महीने तक जंग लड़ने के बाद हमीरपुर के दो कोरोना संक्रमित मरीजों ने आखिरकार जंग जीत ली है. यह जंग 2 लोगों ने ही नहीं बल्कि हमीरपुर जिला के उन कोरोना वॉरियर्स के रूप में उन हेल्थ वर्कर पुलिस कर्मचारियों सामाजिक संस्थाओं और प्रशासनिक अधिकारियों की अपील पर सहयोग देने वाली जनता की भी जीती. लोगों ने कंटेनमेंट और बफर जोन की दुश्वारियों को 14 दिन तक लोगों ने झेला.
इस दौरान होम डिलीवरी की सुविधा इस क्षेत्र में दी गई है, लेकिन लोगों को कुछ जगह परेशानियां भी पेश आई, लेकिन तमाम मुश्किलों से निकलकर अब हमीरपुर जिला कोरोना मुक्त हो गया है.
इसमें सामाजिक संस्थाओं ने भी अपना सहयोग दिया. इन संस्थाओं ने जिला प्रशासन के सहयोग के साथ लोगों को राशन उपलब्ध करवाया और होम डिलीवरी में भी अपना साथ दिया. दी हमीरपुर उपभोक्ता संरक्षण संगठन के अध्यक्ष सुशील शर्मा का कहना है कि यह हमीरपुर की जीत है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के प्रयास सराहनीय है लोगों ने भरपूर सहयोग प्रशासन को दिया.
हालांकि इस दौरान कुछ अफवाहें अटकलों का दौर भी जारी रहा, लेकिन अंत भला तो सब भला. मेडिकल साइंस के थ्योरी पर भी सवाल उठे, लेकिन कोरोनावायरस बहुत ही अप्रत्याशित है. इसके बारे में कुछ भी कहा जाना मुश्किल है. ऐसे में राहत भरी बात तो यह है कि अब हमीरपुर जिला कोरोना मुक्त हो गया है.
डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि 17 अप्रैल को 2 मरीजों के सामने आने के बाद जिला में लोग घबरा गए थे, लेकिन प्रशासन की अपील पर लोगों ने पूरा सहयोग दिया. कंटेनमेंट और बफर जोन में लोगों को परेशानी भी पीएसआई, लेकिन सभी विभागों पुलिस और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से अब हमीरपुर जिला कोरोना मुक्त हो गया है.
डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि हमने संक्रमित महिला एवं पुरुष से भी बातचीत की उनका कहना था कि मुश्किल की इस घड़ी में डॉक्टरों की टीम ने इलाज करने के साथ ही उनकी हिम्मत को भी बढ़ाने का काम किया और उम्मीद है कि वह जल्द ही घर पहुचेंगे.
चैरिटेबल अस्पताल भोटा में इन मरीजों का उपचार किया गया है. रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अब इन मरीजों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन में 14 दिन तक रखा जाएगा. इसके बाद एक बार फिर से इनकी जांच की जाएगी यदि रिपोर्ट निगेटिव आती है तो इन्हें घर भेजा जाएगा.
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