भोरंज/हमीरपुर: भोरंज उपमंडल की करीब एक दर्जन पंचायतों के किसान बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या से परेशान हैं. रही कसर को बारिश और तूफान ने पूरी कर दी है. जिससे मक्की की अधिकतर फसल बर्बाद हो गई है.
एक ओर जहां मवेशी दिन भर खड्ड के किनारे आराम फरमाते हैं और रात होते ही किसानों की फसल पर धावा बोल देते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि मक्की की फसल को काफी नुकसान पहुंचा हैं. वहीं, भोरंज की विभिन्न पंचायतों में बारिश व तेज हवा के कारण मक्की की फसल खेतों में बिछ गई हैं. इससे किसानों की मक्की की बंपर फसल होने की उम्मीद को झटका लगा है.
उपमंडल की जाहू, मुंडखर, धमरोल, भलवानी, बाहन्वीं, बडैहर, धमरोल, धिरड़, भोरंज, बधानी, चंबोह, कोट लांगसा, गरसाहड़, हनोह, पपलाह, कक्कड़, भुक्कड़, अमरोह, मंडी जिला के सरकाघाट उपमंडल के पौंटा, हरिबैहना, सुलपुर-वही, भांबला, खुड़ला, बिलासपुर के घुमारवीं उपमंडल की कोट, देहरा हटवाड़, बम्म पंचायतों में बेसहारा पशुओं का खूब कहर है.
स्थानीय किसानों का कहना है कि रात को पहरा देने के बावजूद बेसहारा पशु मक्की की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं. किसानों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि बेसहारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए कारगर नीति बनाई जाए.
किसानों का कहना है कि इस बार धान की रोपाई के लिए बारिश नहीं हुई है. सूखे खेतों में ही धान की रोपाई की गई है. अब मक्की की फसल को नुकसान हुआ है. वहीं, जाहू पंचायत के प्रधान राजू ने कहा कि मौसम के तेवर से किसान चिंतित हैं.
वहीं, भलवानी व जाहू पंचायत में जंगली सूअरों के आने से ग्रामीण परेशान हैं. अरबी की फसल को भी सूअरों ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया है. भलवानी पंचायत प्रधान संजीव अंगारिया का कहना है कि जंगली सुअरों के झुंड से किसान परेशान हैं. उन्होंने मांग की है कि जल्द ही इस समस्या से छुटकारा दिलवाया जाए.
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