सुजानपुर: प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने अब एनआईटी हमीरपुर के कथित भर्ती घोटाले की तथ्यों सहित जानकारी एमएचआरडी मंत्रालय व बीओजी को भेजी है. विधायक राजेंद्र राणा ने बताया कि वह लंबे अरसे से एनआईटी हमीरपुर की गिरी रैंकिंग और वहां चली कथित तानाशाही व मनमानी को लेकर मामला उठा रहे हैं.
इस संदर्भ में निरंतर एनआईटी से जुड़े कुछ अहम अधिकारियों, छात्रों व वहां के इंटरनल सिस्टम से उन्हें जानकारियां मिल रही थी. जिसको लेकर उन्होंने कथित भर्ती भ्रष्टाचार घोटाले के साथ कुप्रबंधन व वित्तिय अनियमतताओं को लेकर लगातार खुलासे किए हैं.
राणा ने बताया कि चुंकि यह संस्थान मेरी विधानसभा क्षेत्र के तहत आता है, लेकिन यहां चले कुप्रबंधन के कारण न केवल भ्रष्टाचार के आरोप उजागर हुए हैं, बल्कि इस राष्ट्र स्तर के संस्थान की छवि पर असर पड़ा है. इस कारण से हिमाचली हितों की भी अनदेखी हुई है और नेप्टोजिम के आधार पर यहां अराजकता व आक्रोश का बोलबाला बढ़ा है.
राजेंद्र राणा ने कहा कि इस गंभीर मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए एमएचआरडी मंत्रालय ने उनसे कुछ तथ्य व सबूत पेश करने की मांग रख थी. जिसको लेकर अब 10 पन्नों के आरोपों की चार्जशीट बनाकर एमएचआरडी मंत्रालय व बीओजी के चेयरमैन प्रोफेसर चंद्रशेखर के ध्यानार्थ भेजी गई है.
राणा ने मांग की है कि इस मामले की जांच सीबीआई से होनी जरूरी है व बीओजी तत्काल प्रभाव से एनआईटी के डायरेक्टर को निलंबित करे ताकि जांच किसी प्रकार से प्रभावित न हो.
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