हमीरपुर: हिमाचल कांग्रेस की कलह किसी से छिपी नहीं है, चुनाव से पहले कांग्रेस संगठन में बदलाव (Change in Congress organization) की चर्चाएं भी जोरों पर हैं. इस बीच कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू (Former state president of Congress Sukhwinder Singh Sukhu) के साथ हमीरपुर जिले के कांग्रेसी एक ही मंच पर नजर आए. दरअसल वीरवार को अंबेडकर जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में जिले के सभी कांग्रेस नेता एक साथ नजर आए.
कौन-कौन था मंच पर- इस मंच पर कांग्रेस के वर्तमान विधायक और पदाधिकारियों के अलावा कई नेता मौजूद थे. जिनमें कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू, कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजेंद्र जार, सुजानपुर के विधायक राजेद्र राणा, बड़सर के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल, अनुसूचित जाति सेल के राष्ट्रीय संयोजक सुरेश कुमार, हिमाचल कांग्रेस उपाध्यक्ष अनीता वर्मा, पूर्व विधायक कुलदीप पठानिया, प्रदेश प्रवक्ता नरेश ठाकुर, प्रदेश महासचिव सुनील शर्मा बिट्टू भी इस मौके पर उपस्थित रहे.
एकजुट हो रही कांग्रेस- बीते दिनों हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का कुनबा दिल्ली में सोनिया गांधी से मिला था. इस मुलाकात के बाद कहा गया कि सोनिया गांधी की तरफ से एकजुट रहने की सीख दी गई है. हमीरपुर की तस्वीर में एकजुटता तो दिख रही है लेकिन ये सिर्फ एक जिले की तस्वीर है. जानकार मानते हैं कि देशभर में हाशिये पर पहुंची कांग्रेस को हिमाचल में बचाने के लिए सभी कांग्रेसियों को एक साथ आना होगा.
क्या सुक्खू को मिला हमीरपुर कांग्रेस का समर्थन- दरअसल हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस संगठन में बदलाव की चर्चा है, चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी को लेकर कई नाम रेस में है. हमीरपुर के कांग्रेसी पूर्व अध्यक्ष सुखविंद्र सुक्खू को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. सुक्खू के समर्थकों का कहना है कि साल 2017 में हमीरपुर जिले की 5 में से 3 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली तो इसमें सुखविंद्र सुक्खू की भूमिका भी अहम रही.
सवाल है कि क्या ये तस्वीर इशारा है कि सुखविंद्र सिंह सुक्खू को हमीरपुर जिले के तमाम कांग्रेसियों (Congress leaders from Hamirpur) का समर्थन मिल गया है ? क्या सुक्खू ने हमीरपुर जिले से चुनौती की संभावनाओं को खत्म कर दिया है ? ये सवाल इसलिये भी वाजिब है क्योंकि वीरभद्र सिंह के रहते हुए प्रदेश में दो गुट प्रमुख रहे जिसमें एक की बागडोर सुक्खू संभाले रहते थे. लेकिन इस तस्वीर में कभी वीरभद्र सिंह के खास रहे राजेंद्र राणा भी नजर आ रहे हैं. ऐसे में इस तस्वीर ने हमीरपुर के कांग्रेसियों की गुटबाजी की चर्चाओं पर विराम जरूर लगा दिया है.
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