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कोरोना संकट काल में सरकार ने जनता को छोड़ा भगवान भरोसे: प्रेम कौशल - प्रधानमंत्री की प्राथमिकता

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने जारी एक बयान में कहा कि ऑक्सीजन की कमी और सवस्थ विभाग में अव्यवस्थाओं की वजह से हजारों लोग अपनी जान गवां चुके हैं. उन्होंने मांग की कि महामारी में जान गंवा चुके लोगों के आश्रितों को उचित मुआवजा भी दिया जाना चाहिए.

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Published : May 5, 2021, 6:27 PM IST

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में लगातार कोरोना के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं. इसी बीच प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने एक बयान में कहा कि ऑक्सीजन की कमी और स्वास्थ्य विभाग में अव्यवस्थाओं की वजह से हजारों लोग अपनी जान गवां चुके हैं. सरकार ने लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है.

प्रधानमंत्री और बीजेपी नेता विपक्ष के ऊपर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि सरकार की प्राथमिकताओं में जनता को आपदा से बचाना नहीं था. सरकार और प्रधानमंत्री की प्राथमिकता तो खुद के लिए 16000 करोड़ की कीमत वाले हवाई जहाज खरीदना, 22000 करोड़ की लागत से नए संसद भवन के साथ आलीशान प्रधानमंत्री निवास बनाना था.

विलासितापूर्ण प्रोजेक्ट्स के ऊपर सरकार का फोकस

कोरोना महामारी से जनता को बचाने की तैयारी करने के बजाए सरकार का फोकस ऐसे ही विलासितापूर्ण प्रोजेक्ट्स के ऊपर रहा हैं. यदि सरकार ने समय रहते ध्यान देकर तैयारियां की होती तो हजारों जिंदगियों को बचाया जा सकता था.

ये भी पढ़ें- 7 मई से 16 मई तक हिमाचल में कोरोना कर्फ्यू लागू, 10वीं की परीक्षाएं भी रद्द

कौशल ने कहा ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी से दम तोड़ती जिंदगियों के लिए जिम्मेदारी निश्चित की जानी चाहिए सुविधाओं और जरूरी उपकरणों के अभाव में दम तोड़ती जिंदगियों का गुनाहगार कौन है यह तय होना चाहिए.

आश्रितों को दिया जाए उचित मुआवजा

प्रेम कौशल ने कहा कि इस आपदा में देश के अंदर कई परिवारों का सबकुछ खत्म हो चुका है परन्तु सरकार तमाशबीन बनी हुई है. उन्होंने मांग की कि महममारी में जान गंवा चुके लोगों के आश्रितों को उचित मुआवजा भी दिया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- दो हफ्तों में सभी जिलों तक पहुंचाए जाएंगे मास्क, पीपीई किट और मेडिकल उपकरण: अनुराग ठाकुर

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में लगातार कोरोना के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं. इसी बीच प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने एक बयान में कहा कि ऑक्सीजन की कमी और स्वास्थ्य विभाग में अव्यवस्थाओं की वजह से हजारों लोग अपनी जान गवां चुके हैं. सरकार ने लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है.

प्रधानमंत्री और बीजेपी नेता विपक्ष के ऊपर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि सरकार की प्राथमिकताओं में जनता को आपदा से बचाना नहीं था. सरकार और प्रधानमंत्री की प्राथमिकता तो खुद के लिए 16000 करोड़ की कीमत वाले हवाई जहाज खरीदना, 22000 करोड़ की लागत से नए संसद भवन के साथ आलीशान प्रधानमंत्री निवास बनाना था.

विलासितापूर्ण प्रोजेक्ट्स के ऊपर सरकार का फोकस

कोरोना महामारी से जनता को बचाने की तैयारी करने के बजाए सरकार का फोकस ऐसे ही विलासितापूर्ण प्रोजेक्ट्स के ऊपर रहा हैं. यदि सरकार ने समय रहते ध्यान देकर तैयारियां की होती तो हजारों जिंदगियों को बचाया जा सकता था.

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कौशल ने कहा ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी से दम तोड़ती जिंदगियों के लिए जिम्मेदारी निश्चित की जानी चाहिए सुविधाओं और जरूरी उपकरणों के अभाव में दम तोड़ती जिंदगियों का गुनाहगार कौन है यह तय होना चाहिए.

आश्रितों को दिया जाए उचित मुआवजा

प्रेम कौशल ने कहा कि इस आपदा में देश के अंदर कई परिवारों का सबकुछ खत्म हो चुका है परन्तु सरकार तमाशबीन बनी हुई है. उन्होंने मांग की कि महममारी में जान गंवा चुके लोगों के आश्रितों को उचित मुआवजा भी दिया जाना चाहिए.

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