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शिक्षा के व्यापारीकरण पर रोक लगाने के लिए बदलाव की जरूरत: कांग्रेस महासचिव - हमीरपुर न्यूज

कांग्रेस महासचिव सुनील शर्मा बिट्टू ने हा कि सरकार ने शिक्षा नीति को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया है जबकि आम और गरीब आदमी के लिए इस नई शिक्षा नीति में कुछ खास नहीं है. उन्होंने कहा कि अभिभावक बच्चों की पढ़ाई के लिए लोन लेने को मजबूर हैं और बाद में बच्चों पर यह लोन बोझ बन रहा है.

कांग्रेस महासचिव सुनील शर्मा बिट्टू
कांग्रेस महासचिव सुनील शर्मा बिट्टू
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Published : Aug 4, 2020, 12:00 PM IST

हमीरपुर: नई शिक्षा नीति पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव सुनील शर्मा बिट्टू ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा नीति को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया है जबकि आम और गरीब आदमी के लिए इस नई शिक्षा नीति में कुछ खास नहीं है.

उन्होंने कहा कि कुछ बदलाव जरूर किए गए हैं, लेकिन ऐसा कुछ खास भी नहीं किया गया है, जिससे शिक्षा के व्यापारीकरण पर रोक लग सके. उन्होंने सरकार से नई शिक्षा नीति में कुछ व्यावहारिक का बदलाव करने की मांग उठाई है, जिससे शिक्षा के व्यापारी करण पर रोक लग सके और आम आदमी को इस नई शिक्षा नीति का लाभ मिल सके.

वीडियो.

प्रदेश कांग्रेस महासचिव सुनील शर्मा बिट्टू ने कहा कि नई शिक्षा नीति में कुछ भी ऐसा नहीं है, जिससे अभिभावकों को राहत मिली हो. हालात ऐसे हैं कि अभिभावक बच्चों की पढ़ाई के लिए लोन लेने को मजबूर हैं और बाद में बच्चों पर यह लोन बोझ बन रहा है.

उन्होंने कहा कि सरकार को शिक्षा के व्यापारी करण पर रोक लगाने के लिए व्यावहारिक तौर पर शिक्षा नीति में प्रावधान करने की जरूरत है. आपको बता दें कि प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा नीति के खिलाफ कांग्रेसी नेता सवाल उठा रहे हैं जबकि केंद्र और प्रदेश की बीजेपी सरकार की शिक्षा नीति को ऐतिहासिक काम बता रही हैं.

ये भी पढ़ें: तिब्बत की आजादी के लिए संघर्ष करने वाली अमा आधे का निधन

हमीरपुर: नई शिक्षा नीति पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव सुनील शर्मा बिट्टू ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा नीति को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया है जबकि आम और गरीब आदमी के लिए इस नई शिक्षा नीति में कुछ खास नहीं है.

उन्होंने कहा कि कुछ बदलाव जरूर किए गए हैं, लेकिन ऐसा कुछ खास भी नहीं किया गया है, जिससे शिक्षा के व्यापारीकरण पर रोक लग सके. उन्होंने सरकार से नई शिक्षा नीति में कुछ व्यावहारिक का बदलाव करने की मांग उठाई है, जिससे शिक्षा के व्यापारी करण पर रोक लग सके और आम आदमी को इस नई शिक्षा नीति का लाभ मिल सके.

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प्रदेश कांग्रेस महासचिव सुनील शर्मा बिट्टू ने कहा कि नई शिक्षा नीति में कुछ भी ऐसा नहीं है, जिससे अभिभावकों को राहत मिली हो. हालात ऐसे हैं कि अभिभावक बच्चों की पढ़ाई के लिए लोन लेने को मजबूर हैं और बाद में बच्चों पर यह लोन बोझ बन रहा है.

उन्होंने कहा कि सरकार को शिक्षा के व्यापारी करण पर रोक लगाने के लिए व्यावहारिक तौर पर शिक्षा नीति में प्रावधान करने की जरूरत है. आपको बता दें कि प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा नीति के खिलाफ कांग्रेसी नेता सवाल उठा रहे हैं जबकि केंद्र और प्रदेश की बीजेपी सरकार की शिक्षा नीति को ऐतिहासिक काम बता रही हैं.

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