हमीरपुरः कोरोना संकटकाल में डबल इंजन की प्रदेश और केंद्र सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं पर पिछले एक वर्ष से केंद्रित है. हिमाचल पूर्ण राज्यत्व की स्वर्णिम जयंती भी मना रहा है. प्रदेश की जयराम सरकार शिखर की ओर हिमाचल के स्लोगन पर काम कर रही है, लेकिन महामारी के दौर में कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद प्रदेश के 2 मुख्यमंत्रियों को इलाज के लिए प्रदेश के बाहर निजी अस्पतालों की शरण में जाना पड़ा.
पहले पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार संक्रमित और बाद में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी अपने बेटे विकम्रादित्य के साथ संक्रमित पाए गए. दोनों ही दिग्गजों को इलाज के लिए चंडीगढ़ के निजी अस्पतालों में जाना पड़ा.
कहां इलाज करवाना उनका व्यक्तिगत मसला: CM
ऐसे जब वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से यह सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत मसला की किस ने कहां इलाज करवाना है. प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पहले से मजबूत हैं और इन पूर्व मुख्य मंत्रियों के साथ ही कई बड़े लोगों ने हिमाचल की सरकारी व्यवस्था में रहते हुई भी कई बार इलाज करवाया है.
प्रदेश से बाहर जाकर इलाज करवाना सोशल मीडिया पर बना चर्चा का विषय
गौरतलब है कि करोड़ों रुपये का बजट प्रदेश और केंद्र सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च कर रही है. हिमाचल में आधा दर्जन के लगभग मेडिकल काॅलेज हैं. ऐसे में महामारी के दौर में पूर्व मुख्य मंत्रियों का प्रदेश से बाहर जाकर इलाज करवाना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना है.
तर्क दिए जा रहे हैं कि क्या पूर्व मुख्यमंत्रियों का इलाज हिमाचल में संभव नहीं या फिर दिग्गजों को प्रदेश सरकार की ओर से स्थापित और संचालित स्वास्थ्य संस्थानों पर विश्वास ही नहीं है. अंत में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस विषय में ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहते हैं.
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