ETV Bharat / state

जयराम ठाकुर ने किया सुजानपुर होली का समापन, शोभायात्रा में शामिल होकर मुरली मनोहर मंदिर में की पूजा-अर्चना - sujapur holi festival

सुजान लोगों की नगरी कही जाने वाली सुजानपुर में 18 मार्च को ऐतिहासिक होली उत्सव का समापन हो गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बतौर मुख्य अतिथि (CM Jairam concludes Sujanpur Holi)पहुंचे.जयराम ठाकुर ने शोभायात्रा में हिस्सा लिया और ऐतिहासिक मुरली मनोहर मंदिर में विधिवत पूजा अ-र्चना और गुलाल लगाकर होली उत्सव का समापन किया.

CM Jairam concludes Sujanpur Holi
जयराम ठाकुर ने किया सुजानपुर होली का समापन
author img

By

Published : Mar 18, 2022, 9:27 PM IST

सुजानपुर/हमीरपुर: सुजान लोगों की नगरी कही जाने वाली सुजानपुर में 18 मार्च को ऐतिहासिक होली उत्सव का समापन हो गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बतौर मुख्य अतिथि (CM Jairam concludes Sujanpur Holi)पहुंचे. 15 से 18 मार्च तक होली उत्सव मनाया गया. सुजानपुर की होली का लंबा इतिहास रहा.रियासतों के दौर में शुरू हुई परंपरा आज भी यहां पर जारी है. सुजानपुर का होली मेला देशभर में काफी प्रसिद्ध है. राष्ट्रीय स्तरीय चार दिवसीय होली उत्सव धूमधाम से मनाया गया.

इसके बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शोभायात्रा में हिस्सा लिया और ऐतिहासिक मुरली मनोहर मंदिर में विधिवत पूजा अ-र्चना और गुलाल लगाकर होली उत्सव का समापन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर में सुजानपुर चौगान में लगी हुई प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया. इसके बाद कुश्ती मेले में भी सीएम जयराम ठाकुर ने शिरकत की. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा राष्ट्र स्तरीय होली मेला सुजानपुर का अपना एक महत्व रहा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब भाजपा सरकार आई थी तो प्रदेश में 6000 पशुओं के लिए गौ अभयारण्य बनाए गए थे, लेकिन अब सरकार द्वारा 20,000 गौ अभ्यारण्य बनाये गए.

वीडियो

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित विभिन्न आयोजनों के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया. इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर, उप मुख्य सचेतक कमलेश कुमारी, हमीरपुर के विधायक नरेंद्र ठाकुर, एचआरटीसी के उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री, गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा, कौशल विकास निगम के राज्य संयोजक नवीन शर्मा, एपीएमसी के अध्यक्ष अजय शर्मा, उपायुक्त देबस्वेता बनिक, पुलिस अधीक्षक डॉ. आकृति शर्मा भी उपस्थित थी. इसके पहले सीएम जयराम ठाकुर ने पहले मुख्यमंत्री 2 करोड़ 55 लाख रुपए लागत से खैरी में बने गौ अभयारण्य का उद्घाटन किया. बाद में सीएम के सुजानपुर विश्राम गृह में पहुंचने पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने उनका स्वागत किया.

जाने क्या है यहां की अनूठी परंपरा: मेले का इतिहास तीन सौ साल पुराना है. इतिहासकारों के मुताबिक कटोच वंश के 481वें महाराजा संसार चंद ने हिमाचल के हमीरपुर के सुजानपुर के चौगान में 1795 में प्रजा के साथ पहली बार राजमहल में तैयार खास तरह के गुलाल होली खेली थी. सुजानपुर नगर जो आज शहर हो चुका .यहां पर करीब 300 वर्ष पुराने राधा कृष्ण मंदिर से होली का राजा ने आगाज किया था.

चौगान में राजा की सेनाएं करती थी अभ्यास: सुजानपुर शहर में का चौगान मैदान आज भी सुंदरता का प्रतीक है. रियासतों के दौर में कटोच वंश के राजाओं की सेनाएं यहां अभ्यास किया करती थी. बाद में जब उत्सव मनाया जाने लगा तो यहां पर लोग मिलजुलकर होली खेलते थे और राजा भी प्रजा के साथ मिलकर यह होली खेलने के लिए आते थे. यह चौगान मैदान 514 कनाल पर समतल है. मैदान के एक कोने में राजा संसार चंद ने 1785 ई. में मुरली मनोहर मंदिर बनवाया था. इस मंदिर का निर्माण राजा संसार चंद ने बैजनाथ स्थित शिव मंदिर के अनुरूप ही करवाया था. होली मेले से मुरली मनोहर मंदिर का अहम नाता रहा. यह पर पूजा -अर्चना के बाद यह राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव शुरू होता है. रियासतों के दौर में जहां पर राजा-रानी स्वयं पूजा किया करते थे. वर्तमान में मेले में बतौर मुख्य अतिथि आने वाले राजनेता अथवा अधिकारी इस परंपरा को पूरा करते हैं.
घमंड चंद ने की थी नगर की स्थापना: इस उत्सव की गौरवमय इतिहास से पहले आपको सुजानपुर के इतिहास के बारे में बताते है. कहा जाता है कि नगर की स्थापना करने का कार्य 1761 ईस्वी में कटोच वंश के राजा घमंड चंद ने शुरू किया था. इस नगर को संपूर्ण करने का श्रेय उनके पोते संसार चंद को प्राप्त हुआ. कला के प्रेमी राजा संसार चंद ने इस नगर का निर्माण कलात्मक ढंग से कराया. यह नगर ब्यास नदी के बाए तट पर स्थित है. कहा जाता है कि संसार चंद ने इसे अपनी राजधानी बनाया था. उन्होंने देश के विख्यात कलाकर, विद्वान एवं सुयोग्य व्यक्ति यहां लाकर बसाए. तभी से सुजान व्यक्तियों की सुंदर बस्ती सुजानपुर कहा जाने लगा.
खंडहर हो चुका है 481वें महाराजा संसार चंद का महल: सुजानपुर चौगान मैदान से 3 किलोमीटर दूर ऊंची पहाड़ी पर राजा संसार चंद के महल स्थित है. यह महल इन दिनों खंडहर हो चुका. राजा संसार चंद ने अपने शासनकाल में 1775 से 1823 ई. के दौरान सुजानपुर टीहरा में अनेक भव्य भवनों एवं मंदिरों का निर्माण कराया था. माना जाता है कि कांगड़ा चित्रकला उनके शासन काल में काफी फली-फूली. यहां के सुंदर मंदिरों की दीवारों पर आज भी कांगड़ा कलम के मनोहारी चित्र आज भी जिंदा है.

ये भी पढ़ें :धर्मगुरु दलाई लामा का मैक्लोडगंज में प्रवचन: बोले- मैं अच्छा हूं और डॉक्टर के साथ बॉक्सिंग खेल सकता हूं

सुजानपुर/हमीरपुर: सुजान लोगों की नगरी कही जाने वाली सुजानपुर में 18 मार्च को ऐतिहासिक होली उत्सव का समापन हो गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बतौर मुख्य अतिथि (CM Jairam concludes Sujanpur Holi)पहुंचे. 15 से 18 मार्च तक होली उत्सव मनाया गया. सुजानपुर की होली का लंबा इतिहास रहा.रियासतों के दौर में शुरू हुई परंपरा आज भी यहां पर जारी है. सुजानपुर का होली मेला देशभर में काफी प्रसिद्ध है. राष्ट्रीय स्तरीय चार दिवसीय होली उत्सव धूमधाम से मनाया गया.

इसके बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शोभायात्रा में हिस्सा लिया और ऐतिहासिक मुरली मनोहर मंदिर में विधिवत पूजा अ-र्चना और गुलाल लगाकर होली उत्सव का समापन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर में सुजानपुर चौगान में लगी हुई प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया. इसके बाद कुश्ती मेले में भी सीएम जयराम ठाकुर ने शिरकत की. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा राष्ट्र स्तरीय होली मेला सुजानपुर का अपना एक महत्व रहा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब भाजपा सरकार आई थी तो प्रदेश में 6000 पशुओं के लिए गौ अभयारण्य बनाए गए थे, लेकिन अब सरकार द्वारा 20,000 गौ अभ्यारण्य बनाये गए.

वीडियो

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित विभिन्न आयोजनों के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया. इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर, उप मुख्य सचेतक कमलेश कुमारी, हमीरपुर के विधायक नरेंद्र ठाकुर, एचआरटीसी के उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री, गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा, कौशल विकास निगम के राज्य संयोजक नवीन शर्मा, एपीएमसी के अध्यक्ष अजय शर्मा, उपायुक्त देबस्वेता बनिक, पुलिस अधीक्षक डॉ. आकृति शर्मा भी उपस्थित थी. इसके पहले सीएम जयराम ठाकुर ने पहले मुख्यमंत्री 2 करोड़ 55 लाख रुपए लागत से खैरी में बने गौ अभयारण्य का उद्घाटन किया. बाद में सीएम के सुजानपुर विश्राम गृह में पहुंचने पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने उनका स्वागत किया.

जाने क्या है यहां की अनूठी परंपरा: मेले का इतिहास तीन सौ साल पुराना है. इतिहासकारों के मुताबिक कटोच वंश के 481वें महाराजा संसार चंद ने हिमाचल के हमीरपुर के सुजानपुर के चौगान में 1795 में प्रजा के साथ पहली बार राजमहल में तैयार खास तरह के गुलाल होली खेली थी. सुजानपुर नगर जो आज शहर हो चुका .यहां पर करीब 300 वर्ष पुराने राधा कृष्ण मंदिर से होली का राजा ने आगाज किया था.

चौगान में राजा की सेनाएं करती थी अभ्यास: सुजानपुर शहर में का चौगान मैदान आज भी सुंदरता का प्रतीक है. रियासतों के दौर में कटोच वंश के राजाओं की सेनाएं यहां अभ्यास किया करती थी. बाद में जब उत्सव मनाया जाने लगा तो यहां पर लोग मिलजुलकर होली खेलते थे और राजा भी प्रजा के साथ मिलकर यह होली खेलने के लिए आते थे. यह चौगान मैदान 514 कनाल पर समतल है. मैदान के एक कोने में राजा संसार चंद ने 1785 ई. में मुरली मनोहर मंदिर बनवाया था. इस मंदिर का निर्माण राजा संसार चंद ने बैजनाथ स्थित शिव मंदिर के अनुरूप ही करवाया था. होली मेले से मुरली मनोहर मंदिर का अहम नाता रहा. यह पर पूजा -अर्चना के बाद यह राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव शुरू होता है. रियासतों के दौर में जहां पर राजा-रानी स्वयं पूजा किया करते थे. वर्तमान में मेले में बतौर मुख्य अतिथि आने वाले राजनेता अथवा अधिकारी इस परंपरा को पूरा करते हैं.
घमंड चंद ने की थी नगर की स्थापना: इस उत्सव की गौरवमय इतिहास से पहले आपको सुजानपुर के इतिहास के बारे में बताते है. कहा जाता है कि नगर की स्थापना करने का कार्य 1761 ईस्वी में कटोच वंश के राजा घमंड चंद ने शुरू किया था. इस नगर को संपूर्ण करने का श्रेय उनके पोते संसार चंद को प्राप्त हुआ. कला के प्रेमी राजा संसार चंद ने इस नगर का निर्माण कलात्मक ढंग से कराया. यह नगर ब्यास नदी के बाए तट पर स्थित है. कहा जाता है कि संसार चंद ने इसे अपनी राजधानी बनाया था. उन्होंने देश के विख्यात कलाकर, विद्वान एवं सुयोग्य व्यक्ति यहां लाकर बसाए. तभी से सुजान व्यक्तियों की सुंदर बस्ती सुजानपुर कहा जाने लगा.
खंडहर हो चुका है 481वें महाराजा संसार चंद का महल: सुजानपुर चौगान मैदान से 3 किलोमीटर दूर ऊंची पहाड़ी पर राजा संसार चंद के महल स्थित है. यह महल इन दिनों खंडहर हो चुका. राजा संसार चंद ने अपने शासनकाल में 1775 से 1823 ई. के दौरान सुजानपुर टीहरा में अनेक भव्य भवनों एवं मंदिरों का निर्माण कराया था. माना जाता है कि कांगड़ा चित्रकला उनके शासन काल में काफी फली-फूली. यहां के सुंदर मंदिरों की दीवारों पर आज भी कांगड़ा कलम के मनोहारी चित्र आज भी जिंदा है.

ये भी पढ़ें :धर्मगुरु दलाई लामा का मैक्लोडगंज में प्रवचन: बोले- मैं अच्छा हूं और डॉक्टर के साथ बॉक्सिंग खेल सकता हूं

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.