हमीरपुर: कोरोना संकटकाल में करीब 6 महीने के बाद सरकार के निर्देशों पर स्कूल खुल गए हैं, लेकिन हमीरपुर जिला में स्कूल खोलने के पहले दिन इक्का-दुक्का बच्चे ही स्कूलों में पहुंचे यह बच्चे अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे. जिसका समाधान करने के लिए स्कूल प्रबंधन की तरफ से इनकी मदद की गई.
सरकार ने स्कूल तो खोल दिए हैं, लेकिन हमीरपुर जिला में अभिभावकों और बच्चों का कम ही रुझान देखने को मिल रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने सोमवार को बाल स्कूल हमीरपुर में विद्यार्थियों और टीचर से बातचीत की. बाल स्कूल हमीरपुर की प्रिंसिपल ने नीना ठाकुर ने कहा कि कम बच्चे हैं स्कूल में पहुंचे हैं कि इक्का दुक्का बच्चे आए हैं. उनकी समस्या के समाधान के लिए स्कूल स्टाफ और टीचर कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान स्कूल में रखा जा रहा है.
सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र सुमित का कहना है कि वह अपने एडमिशन और आधार कार्ड के काम के लिए स्कूल में आए हैं. वह ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं और व्हाट्सएप के माध्यम से उन्हें टीचर पढ़ा रहे हैं.
बाल स्कूल हमीरपुर की एलटी टीचर रंजना शर्मा का कहना है कि पहले दिन कम ही बच्चे स्कूल में पहुंचे हैं. बच्चों और अभिभावकों में बीमारी का डर है जिस वजह से कम ही विद्यार्थी स्कूल में आ रहे हैं. बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा दी जा रही है यदि उन्हें कोई समस्या पेश आती है तो फोन पर ही उसका समाधान किया जा रहा है.
11वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र नीरज का कहना है कि वह अपना नंबर व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड करवाने के लिए स्कूल में आए हैं. किसी वजह से उनका नंबर ऐड नहीं हो पाया था. उन्होंने कहा कि बसों की सुविधा अब मिल रही है जिससे वह स्कूल आराम से पहुंच गए.
बता दें कि जिला भर के सरकारी स्कूलों में सोमवार को बच्चे नहीं पहुंचे. हर स्कूल में बाल स्कूल हमीरपुर जैसे ही हालात थे.