हमीरपुरः प्रदेश कांग्रेस कमेटी में शीत युद्ध का दौर जारी है. गुटों में बंटी प्रदेश कांग्रेस में वर्चस्व की जंग लगातार जारी है. हमीरपुर से राजेंद्र राणा के करीबी बुद्धि सिंह को इंटक कांग्रेस का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
पीसीसी के नए चीफ कुलदीप सिंह राठौर की ताजपोशी के वक्त राजीव भवन शिमला में मचे बवाल में घायल हुए इंटक कांग्रेस हमीरपुर के जिलाध्यक्ष राजीव राणा से अब कुर्सी छिन गई है. हालांकि इस मामले में राजीव राणा का कहना है कि वह वर्तमान में इंटक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर हैं. जबकि जिला की जिम्मेदारी विजय ठाकुर को पहले ही सौंपी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि जिस संगठन ने बुद्धि सिंह को जिला कप्तान बनाया है वह संगठन ही कांग्रेस समर्थित नहीं है. कांग्रेस के फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के कंधों पर चल रहा यह शीत युद्ध लोकसभा चुनावों से ठीक पहले घातक साबित हो सकता है.
वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू को उनके गृह जिला में यह तगड़ा झटका माना जा रहा है. बता दें कि यह वही संगठन है जिसके प्रदेश अध्यक्ष को पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने प्रेस वार्ता कर गुंडा तक करार दे दिया था. इसी संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष और करीब 9 वर्ष तक हमीरपुर जिला के कप्तान रहे राजीव राणा ने वीरभद्र सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ इस प्रेस वार्ता के बाद मोर्चा खोल दिया था. अब इंटक कांग्रेस के दूसरे गुट बाबा हरदीप की सक्रियता बड़े सवाल खड़े कर रही है. दो गुटों में बंटे कांग्रेस के फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के पदाधिकारी एक दूसरे को फ्रॉड बता रहे हैं.
इंटक कांग्रेस के एक धड़ा प्रदेश अध्यक्ष मनोहर लाल उर्फ बबलू पंडित का कहना है कि उनके हमीरपुर के जिला कप्तान विजय ठाकुर हैं. उन्होंने बाबा हरदेव के संगठन को फ्रॉड करार दिया है. वहीं 9 वर्ष तक हमीरपुर जिला के इंटक अध्यक्ष रहे व वर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव राणा का कहना है कि उनके जिला अध्यक्ष विजय ठाकुर हैं. उन्हें जनवरी माह में ही नियुक्ति दी गई है. दूसरा संगठन कांग्रेस समर्थित नहीं है. वहीं नवनियुक्त इंटक कांग्रेस हमीरपुर बुद्धि सिंह ने कहा कि जल्द ही ब्लॉक समिति का गठन कर दिया जाएगा.
वहीं दूसरे धड़े के अध्यक्ष बाबा हरदीप का कहना है कि खुद को प्रदेश अध्यक्ष बताने वाले यह बताएं कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन हैं. उनका कहना है कि यह संगठन पूरी तरह से फ्रॉड है. इसे कांग्रेस का फ्रंटल ऑर्गनाइजेशन नहीं माना जा सकता है.