हमीरपुर: जिला मुख्यालय हमीरपुर पर विभिन्न कॉलेजों के जेबीटी प्रशिक्षुओं ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. प्रशिक्षुओं ने B.Ed प्रशिक्षुओं को जेबीटी के लिए पात्र बनाने के प्रदेश सरकार के निर्णय को वापस लेने की मांग उठाई हैं.
जेबीटी प्रशिक्षुओं का कहना है कि वह लंबे समय से मांग को उठा रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई निर्णय नहीं लिया गया है. गुरुवार को प्रशिक्षुओं ने उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा के माध्यम से राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद को ज्ञापन भी प्रेषित किया.
जेबीटी प्रशिक्षु यूनियन के प्रधान संजीव कुमार का कहना है कि सरकार को इस बारे में कई बार अवगत करवाया गया है, लेकिन उनके समस्याओं पर कोई गौर नहीं हो रहा है. उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द निर्णय को वापस लेने की मांग उठाई है.
प्रशिक्षु यूनियन का दावा है कि जेबीटी प्रशिक्षु की ओर से प्राथमिक स्तर पर सभी विषयों को पढ़ाने का प्रशिक्षण ट्रेनिंग के दौरान दिया जाता है. बीएड प्रशिक्षुओं को किन्हीं दो विषयों को पढ़ाने के बारे में ही ट्रेनिंग दी जाती है.
जेबीटी और बीएड के प्रशिक्षुओं के पाठ्यक्रम में काफी अंतर है. प्रशिक्षुओं की न्यूनतम योग्यता 12वीं पास और बीएड प्रशिक्षुओं की योग्यता स्नातक डिग्री रखी गई है. योग्यता में काफी अंतर स्पष्ट दिखाई दे रहा है और सरकार को यह निर्णय वापस लेना चाहिए. संघ ने मांग उठाई है कि एनसीटीई अधिसूचना के अनुसार B.Ed को जेबीटी कमिशन में शामिल ना किया जाए.
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