हमीरपुर: हमीर भवन में जिला स्तरीय समीक्षा समिति एवं बैंक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी जितेन्द्र सांजटा ने की. उन्होंने बैंक अधिकारियों, वित्तीय विभागों के जिला समन्वयकों, सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से सीडी अनुपात बढ़ाने के लिए ऋण आवंटन में तेजी लाने को कहा.
इसके साथ ही समयबद्ध लक्ष्य प्राप्ति, शत प्रतिशत वित्तीय समावेश और बैंक ऋण लेने के लिए जनता को प्रेरित करने और पुराने ऋणों की उचित वसूली करने का आह्वान किया, ताकि जिला के समुचित विकास को गति मिल सके. बैठक में 2019-20 की वार्षिक ऋण योजना की अंतिम तिमाही की उपलब्धियों पर भी विचार-विमर्श किया गया.
वित्तीय वर्ष 2019-20 के लक्ष्य 1492 करोड़ रूपए के मुकाबले 1280.75 करोड़ की उपलब्धि दर्ज की गई. वित्तीय वर्ष 2019-20 की अंतिम तीमाही में सभी बैंकों की जमा राशि 10778.82 करोड़ रही. सभी बैंकों के इस तीमाही के अंत तक 2686.08 करोड रूपए के ऋण थे और ऋण जमा अनुपातत 24.92 प्रतिशत रहा.
इसके अतिरिक्त बैठक में समस्त सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को आधारित भुगतान के दायरे में लाने, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत ऋण प्रदान कर स्वरोजगार में सहयोग देने पर भी विस्तार से चर्चा की गई. कोविड-19 महामारी से उभरने के लिए भारत सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को 3 लाख करोड़ रूपए बैंकों के माध्यम से ऋण के रूप में प्रदान करने के लिए व्यवस्था की गई.
बैठक में पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की स्थानीय सलाहकार समिति की बैठक का भी आयोजन किया गया. बैठक में संस्थान के निदेशक हेम राज शर्मा की ओर से वित्तीय वर्ष 2019-20 की अंतिम तिमाही की प्रगति एवं अन्य मदों पर विस्तार से चर्चा की गई.
नावार्ड के जिला विकास प्रबंधक सतपाल चौधरी ने बताया कि नावार्ड के सहयोग से जिला हमीरपुर में 180 करोड़ रूपए की 85 परियोजनाएं कार्यन्वित की जा रही हैं, जिसमें से 49 ग्रामीण सड़क परियोजनाओं पर 122.25 करोड़ रूपए, 14 लघु सिंचाई योजनाओं पर 15.83 करोड़ रूपए और 22 पेयजल योजनाओं पर 41.83 करोड़ रूपए व्यय किए जा रहे हैं.