हमीरपुर: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर पेपर लीक प्रकरण में आरोपी नितिन आजाद की जमानत याचिका को हिमाचल हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. नितिन आजाद पेपर लीक प्रकरण की मुख्य आरोपी उमा आजाद का बड़ा बेटा है. उमा आजाद कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात थी, जिसे पेपर लीक प्रकरण में मुख्य आरोपी नामित किया गया है. मामले में छोटा बेटा निखिल भी आरोपी है. तीनों मां बेटों के खिलाफ विजिलेंस ने पेपर लीक प्रकरण में एक से अधिक एफआईआर दर्ज की है.
रोचक बात यह है कि मुख्य आरोपी उमा आजाद के बड़े बेटे नितिन आजाद ने 3 महीने में ही कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से आयोजित दो भर्ती परीक्षाओं को उत्तीर्ण कर नौकरी हासिल की थी. एक नौकरी को उसने छोड़ दिया था, जबकि दूसरी नौकरी को अभी तक ज्वाइन नहीं किया था. इस मामले में विस्तृत जांच के बाद विजिलेंस की तरफ से तीनों मां बेटों पर अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं में एफआईआर दर्ज की गई है.
अब इस मामले में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने जेओए आईटी पेपर लीक मामले में नामित आरोपी नितिन आजाद की जमानत याचिका खारिज कर दी है. न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात पाया कि नितिन आजाद गंभीर आरोपों का सामना कर रहा है. अदालत ने पाया कि जांच एजेंसी ने अभी तक इस मामले की जांच पूरी नहीं की है. जांच एजेंसी को शक है कि वह किसी अन्य समानांतर मामले में संलिप्त हो सकता है.
आरोपी नितिन आजाद के खिलाफ विजिलेंस थाना हमीरपुर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 ए, 8, 12 और 13(1)(ए) और भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 201 और 120बी के तहत मामला दर्ज है. गौरतलब है कि 23 दिसंबर 2022 को पेपर लीक प्रकरण का भंडाफोड़ विजिलेंस ने किया था. जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्ट कोड 965 के परीक्षा 25 दिसंबर को प्रस्तावित थी, लेकिन दो दिन पहले ही कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात कर्मचारी उमा आजाद को भर्ती परीक्षा के पेपर और अभ्यर्थी से पेपर के एवज में दिए गए पैसों के साथ रंगे हाथों पकड़ा था.