हमीरपुरः कोरोना महामारी ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया है. शिक्षा क्षेत्र संकट की इस घड़ी में सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. ऐसे में जो बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं उनकी पढ़ाई लगभग ठप हो गई है. नगर परिषद हमीरपुर के झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले प्रवासी परिवारों के बच्चों की पढ़ाई भी कोरोना महामारी की वजह से ठप हो गई थी लेकिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हमीरपुर का साक्षर अभियान इन बच्चों के लिए उम्मीद की एक नई किरण बनकर आया है.
फरवरी महीने में ही हिमाचल पहुंचे थे प्रवासी परिवार
प्रवासी परिवार लॉकडाउन से ठीक पहले फरवरी महीने में ही हिमाचल पहुंचे थे और इन बच्चों के दाखिले स्कूल में नहीं हो पाए थे. ऐसे में ना तो इनकी ऑनलाइन पढ़ाई हो रही थी और कमाई का साधन बंद हो जाने की वजह से अभिभावक इनको पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध नहीं करवा पा रहे थे. ऐसे में एबीवीपी का साक्षर अभियान इन बच्चों के साथ ही अभिभावकों के लिए भी सहारा बना है. ईटीवी भारत की टीम ने भी ग्राउंड जीरो पर इस अभियान को चलाने वाले विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों और पढ़ाई से वंचित इन बच्चों के अभिभावकों से भी बातचीत की.
आज 22 बच्चों को वितरित की पाठ्य सामग्रीः भरमौरी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एचपीटीयू इकाई कैंपस प्रधान अरुण भरमौरी ने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने 20 मई से अभियान चलाया है इस अभियान के तहत अभी तक 41 बच्चों को पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाई गई थी इसके बाद आज 22 बच्चों को सामग्री वितरित की गई है. उन्होंने कहा कि जिला भर में इस तरह के बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है जिन्हें पाठ्य सामग्री की जरूरत है. आगामी दिनों में भी इस कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा यदि किसी को पाठ्य सामग्री की जरूरत है तो मोबाइल नंबर भी विद्यार्थी परिषद की तरफ से जारी किए गए हैं.
पाठ्य सामग्री मिलने से कुछ हद तक मिलेगी मददः अभिभावक
बच्चों की अभिभावक खजानी देवी कहा कि जब वह घर पर आए थे तो उसके कुछ समय बाद ही हिमाचल में लॉकडाउन लग गया. वह बच्चों को स्कूल में दाखिल भी नहीं करवा पाए हैं जिससे इनकी पढ़ाई पूरी तरह से बंद हो गई है लेकिन अब पाठ्य सामग्री मिलने से कुछ हद तक पढ़ाई में मदद मिलेगी. उन्होंने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं का आभार भी व्यक्त किया है.
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