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कोरोना वायरस: हमीरपुर बनता जा रहा चीन का 'वुहान', 100 के पार पहुंचा आंकड़ा

हमीरपुर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने जिला की जनता में दहशत का माहौल बना दिया है. बीते दिनों कोरोना संक्रमित लोगों को लेकर प्रशासन द्वारा हुई बड़ी चूके के बाद जनता में प्रशासन की लापरवाही के प्रति भारी रोष है.

87 active corona cases in Hamirpur
हमीरपुर बनता जा रहा चीन का वुहान,
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Published : May 30, 2020, 1:25 PM IST

हमीरपुर: करीब डेढ़ महीने में ही हमीरपुर जिला में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा 100 के पार हो गया है. अभी तक जिला में कुल 101 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि अधिकतर कोरोना पॉजिटिव लोग बाहरी राज्यों से हमीरपुर में पहुंचे थे, लेकिन संक्रमण सिर्फ बाहरी राज्यों से आए लोगों ही नहीं बल्कि अव्यवस्था के कारण भी जिला में अधिक फैला है.

जिला में प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. आंकड़ों की बात की जाए तो जिला में वर्तमान समय में कोरोना के 87 एक्टिव केस हैं, जबकि 13 लोगों का सफल उपचार हो चुका है. वहीं, एक व्यक्ति की मौत हो गई है. हमीरपुर जिला में यह कहना भी अतिश्योक्ति नहीं होगा कि जिला हमीरपुर प्रदेश का वुहान बनता जा रहा है. यहां पर संक्रमण के अलावा व्यवस्थागत कमियों के कारण लोगों को अब बड़ा खतरा पैदा हो गया है. हमीरपुर जिला कोरोना पॉजिटिव मामलों की दृष्टि से प्रदेश भर में सबसे आगे है.

  • सबसे पहले सामने आए दोनों कोरोना पॉजिटिव केस अभी तक बने हैं उलझन

17 अप्रैल को जिला में कोरोना पॉजिटिव के दो मामले एक साथ सामने आए थे. इन दोनों लोगों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी. जिस वजह से यह दोनों केस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए उलझन साबित हुए. अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि इन दोनों लोग कहां संक्रमित हुए. इसमें एक महिला और एक निजी स्कूल का अध्यापक शामिल था, जबकि इन दोनों लोगों के प्राइमरी और द्वितीय के संपर्क में आए सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी.

  • मई महीने में जिला में कोरोना ने पकड़ी तेज रफ्तार

जिला हमीरपुर में अप्रैल महीने में दो केस सामने आने के बाद सिलसिला थम गया था. मई महीने की शुरुआत से ही जिला में कोरोना ने तेजी पकड़ ली. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मुंबई से लौटे 60 से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव हमीरपुर जिला में पाए गए हैं. मई महीने में रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक ही दिन में 31 केस सामने आए और एक्टिव केस का आंकड़ा जिला में 50 के पार हो गया था. इसके बाद 2 दिन लगातार 15-15 केस सामने आए. जिससे हमीरपुर जिला कोरोना पॉजिटिव के मामले में कांगड़ा से आगे निकल गया.

  • डूंगरी नवोदय क्वॉरेंटाइन सेंटर चर्चाओं में आया, यहां हुई थी बड़ी चूक

जिला प्रशासन की चूक के कारण भोरंज विधानसभा क्षेत्र के डूंगरी नवोदय क्वॉरेंटाइन सेंटर से 43 लोगों को नेगेटिव बता कर घर भेज दिया गया था. इनमें से 15 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी. जिस वजह से अब प्रशासन को जवाब देना मुश्किल हो गया है, सरकार ने इस पर जांच बैठा दी है.

27 मई को यह मामला सामने आया था. दोपहर 3:00 बजे के करीब इन लोगों को घर भेजा गया और 10:30 बजे रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आधी रात को इनको घर से उठाकर अस्पताल पहुंचाया गया. जिला के लिए यह बड़ी चूक साबित हो सकती है, क्योंकि इन संक्रमित लोगों के संपर्क में इनके परिजन और अन्य कुछ लोग भी आए हैं.

  • हमीरपुर के डीसी मीणा ने मानी थी चूक, गलती किस स्तर पर हुई अभी तक पता नहीं चला

डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने क्वॉरेंटाइन सेंटर डूंगरी में हुई चूक को माना था. उन्होंने इस मामले में जांच की बात कही थी, हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि लापरवाही स्थानीय स्तर पर बरती गई थी या फिर जिला प्रशासन को इसकी जानकारी थी.

मामले को लेकर डीसी हमीरपुर का कहना हैं कि जिला प्रशासन प्रयास कर रहा है कि लोगों का स्वास्थ्य जल्द से जल्द बेहतर हो. इसके लिए अस्पताल में बेहतर सुविधा देने के प्रयास किए जा रहे हैं.

  • दिल्ली से लौटे कोरोना संक्रमित व्यक्ति की नेरचौक ले जाते वक्त हो गई मौत

7 मई को दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी दिल्ली से लौटे गलोड़ निवासी एक व्यक्ति को मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था. 9 मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद चैरिटेबल अस्पताल भोटा में इस मरीज को शिफ्ट किया गया, लेकिन एक दिन अचानक तबीयत बिगड़ने पर इसे नेरचौक मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया. वहां पर पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस में इस व्यक्ति ने दम तोड़ दिया. इस व्यक्ति की मौत को लेकर भी चैरिटेबल अस्पताल भोटा में अव्यवस्था के सवाल विपक्षी विधायकों ने सरकार पर उठाए थे.

  • कोरोना के बढ़ते मामले जिला वासियों की चिंता को कर रहे दोगुना

जिला के लोग कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण दहशत में हैं. वहीं, इस बीच प्रशासनिक चूक के कारण सामने आई बड़ी लापरवाही से जिला में पिछले दिनों खूब हड़कंप मचा. स्थानीय लोग इस मामले की न्यायिक जांच की मांग कर चुके थे, लेकिन इसे लेकर सरकार की तरफ से कोई भी स्पष्टीकरण जारी नहीं किया गया है. हालांकि मामले को लेकर जांच हो रही है, लेकिन क्या इससे जवाबदेही तय हो पाएगी, यह अपने आप में बड़ा सवाल है.

हमीरपुर: करीब डेढ़ महीने में ही हमीरपुर जिला में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा 100 के पार हो गया है. अभी तक जिला में कुल 101 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि अधिकतर कोरोना पॉजिटिव लोग बाहरी राज्यों से हमीरपुर में पहुंचे थे, लेकिन संक्रमण सिर्फ बाहरी राज्यों से आए लोगों ही नहीं बल्कि अव्यवस्था के कारण भी जिला में अधिक फैला है.

जिला में प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. आंकड़ों की बात की जाए तो जिला में वर्तमान समय में कोरोना के 87 एक्टिव केस हैं, जबकि 13 लोगों का सफल उपचार हो चुका है. वहीं, एक व्यक्ति की मौत हो गई है. हमीरपुर जिला में यह कहना भी अतिश्योक्ति नहीं होगा कि जिला हमीरपुर प्रदेश का वुहान बनता जा रहा है. यहां पर संक्रमण के अलावा व्यवस्थागत कमियों के कारण लोगों को अब बड़ा खतरा पैदा हो गया है. हमीरपुर जिला कोरोना पॉजिटिव मामलों की दृष्टि से प्रदेश भर में सबसे आगे है.

  • सबसे पहले सामने आए दोनों कोरोना पॉजिटिव केस अभी तक बने हैं उलझन

17 अप्रैल को जिला में कोरोना पॉजिटिव के दो मामले एक साथ सामने आए थे. इन दोनों लोगों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी. जिस वजह से यह दोनों केस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए उलझन साबित हुए. अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि इन दोनों लोग कहां संक्रमित हुए. इसमें एक महिला और एक निजी स्कूल का अध्यापक शामिल था, जबकि इन दोनों लोगों के प्राइमरी और द्वितीय के संपर्क में आए सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी.

  • मई महीने में जिला में कोरोना ने पकड़ी तेज रफ्तार

जिला हमीरपुर में अप्रैल महीने में दो केस सामने आने के बाद सिलसिला थम गया था. मई महीने की शुरुआत से ही जिला में कोरोना ने तेजी पकड़ ली. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मुंबई से लौटे 60 से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव हमीरपुर जिला में पाए गए हैं. मई महीने में रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक ही दिन में 31 केस सामने आए और एक्टिव केस का आंकड़ा जिला में 50 के पार हो गया था. इसके बाद 2 दिन लगातार 15-15 केस सामने आए. जिससे हमीरपुर जिला कोरोना पॉजिटिव के मामले में कांगड़ा से आगे निकल गया.

  • डूंगरी नवोदय क्वॉरेंटाइन सेंटर चर्चाओं में आया, यहां हुई थी बड़ी चूक

जिला प्रशासन की चूक के कारण भोरंज विधानसभा क्षेत्र के डूंगरी नवोदय क्वॉरेंटाइन सेंटर से 43 लोगों को नेगेटिव बता कर घर भेज दिया गया था. इनमें से 15 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी. जिस वजह से अब प्रशासन को जवाब देना मुश्किल हो गया है, सरकार ने इस पर जांच बैठा दी है.

27 मई को यह मामला सामने आया था. दोपहर 3:00 बजे के करीब इन लोगों को घर भेजा गया और 10:30 बजे रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आधी रात को इनको घर से उठाकर अस्पताल पहुंचाया गया. जिला के लिए यह बड़ी चूक साबित हो सकती है, क्योंकि इन संक्रमित लोगों के संपर्क में इनके परिजन और अन्य कुछ लोग भी आए हैं.

  • हमीरपुर के डीसी मीणा ने मानी थी चूक, गलती किस स्तर पर हुई अभी तक पता नहीं चला

डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने क्वॉरेंटाइन सेंटर डूंगरी में हुई चूक को माना था. उन्होंने इस मामले में जांच की बात कही थी, हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि लापरवाही स्थानीय स्तर पर बरती गई थी या फिर जिला प्रशासन को इसकी जानकारी थी.

मामले को लेकर डीसी हमीरपुर का कहना हैं कि जिला प्रशासन प्रयास कर रहा है कि लोगों का स्वास्थ्य जल्द से जल्द बेहतर हो. इसके लिए अस्पताल में बेहतर सुविधा देने के प्रयास किए जा रहे हैं.

  • दिल्ली से लौटे कोरोना संक्रमित व्यक्ति की नेरचौक ले जाते वक्त हो गई मौत

7 मई को दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी दिल्ली से लौटे गलोड़ निवासी एक व्यक्ति को मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था. 9 मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद चैरिटेबल अस्पताल भोटा में इस मरीज को शिफ्ट किया गया, लेकिन एक दिन अचानक तबीयत बिगड़ने पर इसे नेरचौक मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया. वहां पर पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस में इस व्यक्ति ने दम तोड़ दिया. इस व्यक्ति की मौत को लेकर भी चैरिटेबल अस्पताल भोटा में अव्यवस्था के सवाल विपक्षी विधायकों ने सरकार पर उठाए थे.

  • कोरोना के बढ़ते मामले जिला वासियों की चिंता को कर रहे दोगुना

जिला के लोग कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण दहशत में हैं. वहीं, इस बीच प्रशासनिक चूक के कारण सामने आई बड़ी लापरवाही से जिला में पिछले दिनों खूब हड़कंप मचा. स्थानीय लोग इस मामले की न्यायिक जांच की मांग कर चुके थे, लेकिन इसे लेकर सरकार की तरफ से कोई भी स्पष्टीकरण जारी नहीं किया गया है. हालांकि मामले को लेकर जांच हो रही है, लेकिन क्या इससे जवाबदेही तय हो पाएगी, यह अपने आप में बड़ा सवाल है.

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