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बाबा बालक नाथ की नगरी दियोटसिद्ध में 700 साल पुराना बरगद का पेड़ गिरा, 25 लाख का नुकसान

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Published : Feb 11, 2022, 7:19 PM IST

बाबा बालक नाथ की नगरी दियोटसिद्ध में 700 साल पुराना बरगद का पेड़ गिरने (banyan tree fell in Deotsidh Temple) से चार दुकानें पूरी तरह से ध्वस्त हो गईं. इस घटना में 25 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. राहत की बात यह है कि मंदिर में अधिक श्रद्धालु नहीं थे वरना बड़ा हादसा हो सकता था.

banyan tree fell in Deotsidh Temple
दियोटसिद्ध में 700 साल पुराना बरगद का पेड़ गिरा

हमीरपुर: जिला हमीरपुर के बड़सर उपमंडल के अंतर्गत आने वाले उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर परिसर के मुख्य गेट के समीप करीब 700 साल पुराने बरगद के पेड़ (700 year old banyan tree) की जड़ें उखड़ने और टहनियों के गिरने से बड़ा हादसा हो गया है. घटना के बाद मंदिर परिसर के मुख्य गेट के समीप स्थित इस बाजार के दुकानदारों में भगदड़ मच गई. हालांकि इस दुर्घटना में कोई भी जानी नुकसान नहीं हुआ है और ना ही किसी को चोट लगी है, लेकिन लगभग 2500000 रुपए (25 लाख रुपये) की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है.

पेड़ के जड़ों के उखड़ने और टूटने की आवाज को सुनकर दुकानदार दुकानें छोड़कर भाग निकले. भारी भरकम पेड़ जैसे ही दुकानों पर गिरा तो 4 दुकानें पूरी तरह से ध्वस्त (banyan tree fell in Deotsidh Temple) हो गई. वहीं, साथ लगती करीब आधा दर्जन दुकानों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है. बरगद का यह पेड़ माता के मंदिर के लैंटर पर आकर रुका. गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ. हालांकि दुकानें क्षति ग्रस्त होने से लाखों रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. शुक्रवार के दिन श्रद्धालुओं की आवाजाही कम होने के चलते यहां बड़ा हादसा बाल-बाल टल गया. यदि यहां से श्रद्धालु गुजर रहे होते तो बड़ा हादसा पेश आ सकता था.

जानकारी के अनुसार बाबा बालक नाथ मंदिर (Famous temple of himachal ) की तरफ निचले गेट से जाने वाली सीढ़ियों के रास्ते पर ही यह प्राचीन बरगद का पेड़ था. पेड़ करीब 700 साल पुराना होने के चलते काफी बड़ा और भारी-भरकम हो गया था. शुक्रवार शाम करीब साढ़े पांच बजे अचानक इसकी जड़ों की उखड़ने की आवाज सुनाई दी. आवाज सुनकर दुकानदार घबरा गए और सभी दुकानों से बाहर निकल कर भाग गए. कुछ ही देर में भारी-भरकम वटवृक्ष दुकानों पर आ गिरा और दुकानें ताश के पत्तों की तरह बिखर गईं. वहीं, करीब आधा दर्जन दुकानों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है.

मंदिर का लेंटर इस भारी-भरकम पेड़ को नहीं रोकता तो और दुकानें इसकी चपेट में आ सकती थीं. वहीं, इस बारे में व्यापार मंडल दियोटसिद्ध के प्रधान संजय कुमार का कहना है कि हादसा शुक्रवार शाम करीब साढ़ें पांच बजे हुआ है. हादसे में चार दुकानें पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं, जबकि कई दुकानों को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि इस बारे में प्रशासन को भी अवगत करवा दिया गया है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित दुकानदारों की यथासंभव सहायता प्रदान की जाए.

ये भी पढ़ें: सीएमओ के ट्रांसफर पर सवाल, 18 दिन बाद रिटायर होने वाले डॉक्टर को भेजा गया किन्नौर

हमीरपुर: जिला हमीरपुर के बड़सर उपमंडल के अंतर्गत आने वाले उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर परिसर के मुख्य गेट के समीप करीब 700 साल पुराने बरगद के पेड़ (700 year old banyan tree) की जड़ें उखड़ने और टहनियों के गिरने से बड़ा हादसा हो गया है. घटना के बाद मंदिर परिसर के मुख्य गेट के समीप स्थित इस बाजार के दुकानदारों में भगदड़ मच गई. हालांकि इस दुर्घटना में कोई भी जानी नुकसान नहीं हुआ है और ना ही किसी को चोट लगी है, लेकिन लगभग 2500000 रुपए (25 लाख रुपये) की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है.

पेड़ के जड़ों के उखड़ने और टूटने की आवाज को सुनकर दुकानदार दुकानें छोड़कर भाग निकले. भारी भरकम पेड़ जैसे ही दुकानों पर गिरा तो 4 दुकानें पूरी तरह से ध्वस्त (banyan tree fell in Deotsidh Temple) हो गई. वहीं, साथ लगती करीब आधा दर्जन दुकानों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है. बरगद का यह पेड़ माता के मंदिर के लैंटर पर आकर रुका. गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ. हालांकि दुकानें क्षति ग्रस्त होने से लाखों रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. शुक्रवार के दिन श्रद्धालुओं की आवाजाही कम होने के चलते यहां बड़ा हादसा बाल-बाल टल गया. यदि यहां से श्रद्धालु गुजर रहे होते तो बड़ा हादसा पेश आ सकता था.

जानकारी के अनुसार बाबा बालक नाथ मंदिर (Famous temple of himachal ) की तरफ निचले गेट से जाने वाली सीढ़ियों के रास्ते पर ही यह प्राचीन बरगद का पेड़ था. पेड़ करीब 700 साल पुराना होने के चलते काफी बड़ा और भारी-भरकम हो गया था. शुक्रवार शाम करीब साढ़े पांच बजे अचानक इसकी जड़ों की उखड़ने की आवाज सुनाई दी. आवाज सुनकर दुकानदार घबरा गए और सभी दुकानों से बाहर निकल कर भाग गए. कुछ ही देर में भारी-भरकम वटवृक्ष दुकानों पर आ गिरा और दुकानें ताश के पत्तों की तरह बिखर गईं. वहीं, करीब आधा दर्जन दुकानों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है.

मंदिर का लेंटर इस भारी-भरकम पेड़ को नहीं रोकता तो और दुकानें इसकी चपेट में आ सकती थीं. वहीं, इस बारे में व्यापार मंडल दियोटसिद्ध के प्रधान संजय कुमार का कहना है कि हादसा शुक्रवार शाम करीब साढ़ें पांच बजे हुआ है. हादसे में चार दुकानें पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं, जबकि कई दुकानों को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि इस बारे में प्रशासन को भी अवगत करवा दिया गया है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित दुकानदारों की यथासंभव सहायता प्रदान की जाए.

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