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मां जैसी बनकर आई अनजान महिला, पुलिस कर्मी बन गया अभिभावक और परिवार से मिल गया बिछुड़ा अंशुल - हमीरपुर में 3 साल का खोया बच्चा

हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में एक महिला और पुलिस कर्मी की वजह से एक मासूम खोने से बच गया. बच्चे के साथ कोई भी हादसा पेश आ सकता था, क्योंकि बच्चा महज 3 साल का था, लेकिन एक सजग महिला और हमीरपुर पुलिस के साथ से बच्चा दोबारा अपने परिजनों के पास पहुंच चुका है. पढ़ें पूरी खबर...

missing child found hamirpur
पुलिस कर्मियों के साथ बच्चा.
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Published : May 29, 2023, 8:53 PM IST

पुलिस कर्मी ने मिलवाया बिछड़ा मासूम.

हमीरपुर: सजग समाज और सतर्क पुलिस का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है. एक अनजान महिला और कड़ी धूप में ट्रैफिक सेवाएं दे रहा कांस्टेबल अनूप कुमार के निस्वार्थ और ईमानदार प्रयासों से परिजनों से बिछड़ा 3 साल का मासूम अंशुल घर पहुंचा. दरअसल बस स्टैंड हमीरपुर के साथ लगते वर्षा शालिका में 3 साल का मासूम अंशुल अकेला बैठकर रो रहा था यहां पर मौजूद एक महिला ने बच्चे से रोने की वजह पूछे और उसका नाम पता जानने का प्रयास किया. बच्चा सहमा हुआ था और कुछ भी नहीं बोल पा रहा था.

महिला ने आसपास पता किया, लेकिन बच्चे के परिजन नहीं मिले. इस महिला ने तुरंत बस स्टैंड हमीरपुर में ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल अनूप कुमार को सूचित किया. पुलिस कांस्टेबल को लेकर महिला वर्षा तालिका में पहुंची और बच्चे का नाम पता जानने का प्रयास किया. बच्चा इतना सहमा हुआ था कि वह लगातार रो रहा था. पुलिस कर्मचारी बच्चे को गोदी में उठाकर कंट्रोल रूम में ले गया और यहां पर उसे शांत करने का प्रयास किया बच्चा कुछ खा पी भी नहीं रहा था ऐसे में उसका नाम पता जानना मुश्किल हो रहा था.

कुछ ही देर में मीडिया कर्मी मौके पर पहुंच गए और बच्चे के फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. खबर फैलते ही यह वीडियो और फोटो परिजनों के रिश्तेदारों तक पहुंच गए. अंशुल के वीडियो को सोशल मीडिया पर देखकर रिश्तेदारों ने माता-पिता को सूचित किया. अंशुल के नानी जिला मुख्यालय में ही नौकरी करती है नानी को जब सूचना मिली तो वहां तुरंत बस स्टैंड में पहुंचे और यहां पर पुलिस जवानों ने बच्चे को नानी के हवाले किया.

सजग नागरिक अनजान महिला के नाम का नहीं चला पता: इस सारे घटनाक्रम में उस अनजान महिला की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है जिसने एक सजग समाज का उदाहरण पेश किया है. महिला का नाम तो पता नहीं चला, लेकिन महिला की सजगता और पुलिस की सतर्कता से एक बच्चा किसी भी अनहोनी से बच गया. एक तरफ जहां इस अनजान महिला ने एक सजग नागरिक की तरह मासूम बच्चे को पुलिस तक पहुंचाया तो वहीं दूसरी ओर सतर्कता का परिचय देते हुए हमीरपुर पुलिस के जवान अनूप कुमार ने बच्चे को चंद घंटों में ही परिजनों तक पहुंचा दिया.

बहन के स्कूल से खेलते-खेलते भटक गया था बच्चा: ट्रैफिक इंचार्ज हमीरपुर राजकुमार का कहना है कि बच्चे की पहचान अंशुल पुत्र प्रदीप चंद निवासी गांव बुढान डाकघर कांगू तहसील नादौन जिला हमीरपुर के रूप में हुई है. उन्होंने कहा कि अंशुल की नानी जिला मुख्यालय हमीरपुर में नौकरी करती है और वह नानी के पास आया था उन्होंने कहा कि अंशुल की नानी ऑफिस गई थी और बच्चा अपनी बहन के साथ बस स्टैंड हमीरपुर के साथ लगते एक स्कूल में गया था. इसी दौरान बच्चा खेलता खेलता स्कूल से निकल गया और भटक गया. उन्होंने कहा कि ड्यूटी पर तैनात कॉन्स्टेबल अनूप कुमार ने सतर्कता दिखाते हुए बच्चे को परिजनों से मिला दिया है.

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पुलिस कर्मी ने मिलवाया बिछड़ा मासूम.

हमीरपुर: सजग समाज और सतर्क पुलिस का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है. एक अनजान महिला और कड़ी धूप में ट्रैफिक सेवाएं दे रहा कांस्टेबल अनूप कुमार के निस्वार्थ और ईमानदार प्रयासों से परिजनों से बिछड़ा 3 साल का मासूम अंशुल घर पहुंचा. दरअसल बस स्टैंड हमीरपुर के साथ लगते वर्षा शालिका में 3 साल का मासूम अंशुल अकेला बैठकर रो रहा था यहां पर मौजूद एक महिला ने बच्चे से रोने की वजह पूछे और उसका नाम पता जानने का प्रयास किया. बच्चा सहमा हुआ था और कुछ भी नहीं बोल पा रहा था.

महिला ने आसपास पता किया, लेकिन बच्चे के परिजन नहीं मिले. इस महिला ने तुरंत बस स्टैंड हमीरपुर में ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल अनूप कुमार को सूचित किया. पुलिस कांस्टेबल को लेकर महिला वर्षा तालिका में पहुंची और बच्चे का नाम पता जानने का प्रयास किया. बच्चा इतना सहमा हुआ था कि वह लगातार रो रहा था. पुलिस कर्मचारी बच्चे को गोदी में उठाकर कंट्रोल रूम में ले गया और यहां पर उसे शांत करने का प्रयास किया बच्चा कुछ खा पी भी नहीं रहा था ऐसे में उसका नाम पता जानना मुश्किल हो रहा था.

कुछ ही देर में मीडिया कर्मी मौके पर पहुंच गए और बच्चे के फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. खबर फैलते ही यह वीडियो और फोटो परिजनों के रिश्तेदारों तक पहुंच गए. अंशुल के वीडियो को सोशल मीडिया पर देखकर रिश्तेदारों ने माता-पिता को सूचित किया. अंशुल के नानी जिला मुख्यालय में ही नौकरी करती है नानी को जब सूचना मिली तो वहां तुरंत बस स्टैंड में पहुंचे और यहां पर पुलिस जवानों ने बच्चे को नानी के हवाले किया.

सजग नागरिक अनजान महिला के नाम का नहीं चला पता: इस सारे घटनाक्रम में उस अनजान महिला की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है जिसने एक सजग समाज का उदाहरण पेश किया है. महिला का नाम तो पता नहीं चला, लेकिन महिला की सजगता और पुलिस की सतर्कता से एक बच्चा किसी भी अनहोनी से बच गया. एक तरफ जहां इस अनजान महिला ने एक सजग नागरिक की तरह मासूम बच्चे को पुलिस तक पहुंचाया तो वहीं दूसरी ओर सतर्कता का परिचय देते हुए हमीरपुर पुलिस के जवान अनूप कुमार ने बच्चे को चंद घंटों में ही परिजनों तक पहुंचा दिया.

बहन के स्कूल से खेलते-खेलते भटक गया था बच्चा: ट्रैफिक इंचार्ज हमीरपुर राजकुमार का कहना है कि बच्चे की पहचान अंशुल पुत्र प्रदीप चंद निवासी गांव बुढान डाकघर कांगू तहसील नादौन जिला हमीरपुर के रूप में हुई है. उन्होंने कहा कि अंशुल की नानी जिला मुख्यालय हमीरपुर में नौकरी करती है और वह नानी के पास आया था उन्होंने कहा कि अंशुल की नानी ऑफिस गई थी और बच्चा अपनी बहन के साथ बस स्टैंड हमीरपुर के साथ लगते एक स्कूल में गया था. इसी दौरान बच्चा खेलता खेलता स्कूल से निकल गया और भटक गया. उन्होंने कहा कि ड्यूटी पर तैनात कॉन्स्टेबल अनूप कुमार ने सतर्कता दिखाते हुए बच्चे को परिजनों से मिला दिया है.

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