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चुनावी वादा बनकर रह गया सिकरी धार सीमेंट प्लांट, रोजगार के लिए दूसरे राज्यों का रुख कर रहे चंबा के युवा

चंबा जिले के लोगों को साल 1979 में दिखाया गया सिकरी धार सीमेंट प्लांट का 40 साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. प्रदेश में जब भी चुनाव आता है, सिकरी धार प्लांट का मुद्दा भी तेजी से उठने लगता है. जिले में रोजगार का साधन नहीं होने के कारण यहां के ज्यादातर युवा बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़ (बीबीएन) या दूसरे राज्यों का रुख करने पर मजबूर होते हैं. युवाओं का कहना है कि सिकरी धार प्लांट सिर्फ चुनावी वादा बनकर रह गया है.

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Published : Sep 16, 2021, 12:50 PM IST

चंबा: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला का सिकरी धार सीमेंट प्लांट पिछले 40 सालों से राजनीति का शिकार होता हुआ आ रहा है. जिले के लोग खुद को छला हुआ महसूस कर रहे हैं. सिकरी धार सीमेंट प्लांट का सपना पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने चंबा जिले के लोगों को 1979 में दिखाया था. जब भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव होते तो हर बार प्रमुखता के साथ भाजपा और शांता कुमार इसे जोर-शोर से उठाते और जब चुनाव खत्म होते ही यह मुद्दा भी खत्म हो जाता है.

हालांकि, उसके बाद प्रदेश में धूमल की सरकार रही, तब भी यह मुद्दा गर्मजोशी के साथ उठता रहा है, लेकिन इस पर काम करना किसी ने मुनासिब नहीं समझा. इस पर प्रयास करना तो दूर किसी ने इसकी तरफ सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की नहीं सोची. जिले के लोगों की भावनाओं के साथ हमेशा सियासी पार्टियां खेलती रही हैं. सीएम जयराम ठाकुर विधानसभा चुनाव से पहले इस प्लांट को शुरू कराने का वादा किया था. प्रदेश में बीजेपी की सरकार बने 4 साल पूरे होने को आए हैं, लेकिन चंबा की जनता से किये गए वादों पर खरे नहीं उतरे.

वीडियो.

चंबा जिला की आबादी करीब छह लाख है. हर बार यहां के युवाओं को सपना दिखाया जाता है. सरकार बनने के बाद चंबा जिला के सिकरी धार में सीमेंट प्लांट लगाया जाएगा, ताकि यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध हो सके. बड़ी हैरानी की बात है कि इस छोटे अति पिछड़े जिले की ओर किसी भी सरकार का ध्यान नहीं गया. मजबूरन यहां के युवाओं को रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेशों का रुख करना पड़ता है.

चंबा जिले के युवाओं को इस बात की उम्मीद थी कि उन्हें अपने घर-द्वार पर ही रोजगार मिलेगा और जिले में एक बहुत बड़ा सीमेंट प्लांट लगेगा, लेकिन हर बार युवाओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया. अब युवा सीमेंट प्लांट का नाम सुनना भी पसंद नहीं करते हैं. हैरानी इस बात को लेकर होती है कि अगर इतने बड़े सीमेंट प्लांट का निर्माण नहीं होना था तो आखिर 40 सालों से चंबा जिले की जनता को सपने क्यों दिखाए जाते रहे हैं. इस मुद्दे को भाजपा की सरकारों ने प्रमुखता के साथ हमेशा उठाया है. परंतु उस पर आगे कार्य करना शायद वह भूल गए. जिस वजह से आज भी चंबा जिले में सिकरीधार सीमेंट प्लांट सपना बनकर रह गया है.

जिले में कोई भी उद्योग नहीं होने की वजह से यहां के बेरोजगार युवाओं को अपने परिवार के लालन पालन के लिए बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, गुड़गांव, हरियाणा, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश का रुख करना पड़ता है. सरकार के भरोसे युवा नहीं रहना चाहते हैं. युवा अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहते हैं.

इस मुद्दे पर ईटीवी भारत की टीम ने युवाओं से बात की. युवाओं का साफ कहना है कि पिछले 40 सालों से चंबा के युवाओं को सरकारों से झूठे वादों के सिवा कुछ भी नहीं मिला है. 40 साल पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने एक सपना दिखाया था कि चंबा में सिकरी धार सीमेंट प्लांट का कार्य शुरू होगा, लेकिन आज तक वह सपना पूरा नहीं हो सका. ऐसे में अब लोग इसकी बात करना भी पसंद नहीं करते हैं.

युवाओं का कहना है कि अगर चंबा जिला में सीमेंट प्लांट लग गया होता तो यहां पर कई लोगों को रोजगार मिलता है. जिससे जिले के साथ-साथ प्रदेश के युवाओं का दूसरे प्रदेश में रोजगार के लिए जाना नहीं पड़ता. प्रदेश में जब भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव होते हैं तब जाकर राजनीतिक पार्टियों को चंबा की याद आती है, लेकिन चुनाव के बाद उसे कोई याद नहीं रखता.

ये भी पढ़ें: हिमाचल सहित देश-दुनिया को रोशन करती है यह मिनी रत्न कंपनी, सरकार का भी भरती है खजाना

चंबा: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला का सिकरी धार सीमेंट प्लांट पिछले 40 सालों से राजनीति का शिकार होता हुआ आ रहा है. जिले के लोग खुद को छला हुआ महसूस कर रहे हैं. सिकरी धार सीमेंट प्लांट का सपना पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने चंबा जिले के लोगों को 1979 में दिखाया था. जब भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव होते तो हर बार प्रमुखता के साथ भाजपा और शांता कुमार इसे जोर-शोर से उठाते और जब चुनाव खत्म होते ही यह मुद्दा भी खत्म हो जाता है.

हालांकि, उसके बाद प्रदेश में धूमल की सरकार रही, तब भी यह मुद्दा गर्मजोशी के साथ उठता रहा है, लेकिन इस पर काम करना किसी ने मुनासिब नहीं समझा. इस पर प्रयास करना तो दूर किसी ने इसकी तरफ सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की नहीं सोची. जिले के लोगों की भावनाओं के साथ हमेशा सियासी पार्टियां खेलती रही हैं. सीएम जयराम ठाकुर विधानसभा चुनाव से पहले इस प्लांट को शुरू कराने का वादा किया था. प्रदेश में बीजेपी की सरकार बने 4 साल पूरे होने को आए हैं, लेकिन चंबा की जनता से किये गए वादों पर खरे नहीं उतरे.

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चंबा जिला की आबादी करीब छह लाख है. हर बार यहां के युवाओं को सपना दिखाया जाता है. सरकार बनने के बाद चंबा जिला के सिकरी धार में सीमेंट प्लांट लगाया जाएगा, ताकि यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध हो सके. बड़ी हैरानी की बात है कि इस छोटे अति पिछड़े जिले की ओर किसी भी सरकार का ध्यान नहीं गया. मजबूरन यहां के युवाओं को रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेशों का रुख करना पड़ता है.

चंबा जिले के युवाओं को इस बात की उम्मीद थी कि उन्हें अपने घर-द्वार पर ही रोजगार मिलेगा और जिले में एक बहुत बड़ा सीमेंट प्लांट लगेगा, लेकिन हर बार युवाओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया. अब युवा सीमेंट प्लांट का नाम सुनना भी पसंद नहीं करते हैं. हैरानी इस बात को लेकर होती है कि अगर इतने बड़े सीमेंट प्लांट का निर्माण नहीं होना था तो आखिर 40 सालों से चंबा जिले की जनता को सपने क्यों दिखाए जाते रहे हैं. इस मुद्दे को भाजपा की सरकारों ने प्रमुखता के साथ हमेशा उठाया है. परंतु उस पर आगे कार्य करना शायद वह भूल गए. जिस वजह से आज भी चंबा जिले में सिकरीधार सीमेंट प्लांट सपना बनकर रह गया है.

जिले में कोई भी उद्योग नहीं होने की वजह से यहां के बेरोजगार युवाओं को अपने परिवार के लालन पालन के लिए बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, गुड़गांव, हरियाणा, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश का रुख करना पड़ता है. सरकार के भरोसे युवा नहीं रहना चाहते हैं. युवा अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहते हैं.

इस मुद्दे पर ईटीवी भारत की टीम ने युवाओं से बात की. युवाओं का साफ कहना है कि पिछले 40 सालों से चंबा के युवाओं को सरकारों से झूठे वादों के सिवा कुछ भी नहीं मिला है. 40 साल पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने एक सपना दिखाया था कि चंबा में सिकरी धार सीमेंट प्लांट का कार्य शुरू होगा, लेकिन आज तक वह सपना पूरा नहीं हो सका. ऐसे में अब लोग इसकी बात करना भी पसंद नहीं करते हैं.

युवाओं का कहना है कि अगर चंबा जिला में सीमेंट प्लांट लग गया होता तो यहां पर कई लोगों को रोजगार मिलता है. जिससे जिले के साथ-साथ प्रदेश के युवाओं का दूसरे प्रदेश में रोजगार के लिए जाना नहीं पड़ता. प्रदेश में जब भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव होते हैं तब जाकर राजनीतिक पार्टियों को चंबा की याद आती है, लेकिन चुनाव के बाद उसे कोई याद नहीं रखता.

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