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ट्राइबल चंबा में टेलीमेडिसीन के माध्यम से लोगों को मिल रही स्वास्थ्य सुविधाएं, जानें कैसे होता रजिस्ट्रेशन - ट्राइबल चंबा में टेलीमेडिसीन

लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए टेलीमेडिसिन से लोगों का उपचार किया जा रहा है. चंबा के पांगी और भरमौर के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को ये सुविधा मिल रही है. टेलीमेडिसिन से मरीज अपने डॉक्टर से वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं.

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Published : Dec 9, 2019, 8:53 PM IST

चंबा: जिला में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए टेलीमेडिसिन से लोगों का उपचार किया जा रहा है. चंबा के पांगी और भरमौर के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को ये सुविधा मिल रही है. टेलीमेडिसिन से मरीज अपने डॉक्टर से वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं.

इसके तहत चिकित्सा सुविधा के लिए मरीज को अपने नजदीकी पीएचसी सेंटर में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, जिसमें मरीज को अपनी पूरी जानकारी जैसे शारीरिक समस्या व उसके लक्षण, ब्लड ग्रुप, नाम, उम्र, पता और मोबाइल नंबर देना होगा.

वीडियो.

इसके बाद ई-स्वास्थ्य पोर्टल से डॉक्टर का चयन करना होगा. पंजीकरण होने के बाद डॉक्टर इलाज के लिए मरीज को समय देगा. तय समय पर मरीज को ऑनलाइन उपलब्ध रहना पड़ता है, जिसके बाद डॉक्टर मरीज की समस्या का हल ऑनलाइन देंगे.

चंबा के दूरदराज इलाकों पांगी और भरमौर में बीते एक साल से लोगों को टेलीमेडिसिन की सुविधा दी जा रही है. बता दें कि सर्दियों में बर्फबारी के समय जब भरमौर और पांगी का संपर्क शेष विश्व से कट जाता है तो वहां के लोग टेलीमेडिसिन के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं.

चंबा: जिला में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए टेलीमेडिसिन से लोगों का उपचार किया जा रहा है. चंबा के पांगी और भरमौर के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को ये सुविधा मिल रही है. टेलीमेडिसिन से मरीज अपने डॉक्टर से वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं.

इसके तहत चिकित्सा सुविधा के लिए मरीज को अपने नजदीकी पीएचसी सेंटर में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, जिसमें मरीज को अपनी पूरी जानकारी जैसे शारीरिक समस्या व उसके लक्षण, ब्लड ग्रुप, नाम, उम्र, पता और मोबाइल नंबर देना होगा.

वीडियो.

इसके बाद ई-स्वास्थ्य पोर्टल से डॉक्टर का चयन करना होगा. पंजीकरण होने के बाद डॉक्टर इलाज के लिए मरीज को समय देगा. तय समय पर मरीज को ऑनलाइन उपलब्ध रहना पड़ता है, जिसके बाद डॉक्टर मरीज की समस्या का हल ऑनलाइन देंगे.

चंबा के दूरदराज इलाकों पांगी और भरमौर में बीते एक साल से लोगों को टेलीमेडिसिन की सुविधा दी जा रही है. बता दें कि सर्दियों में बर्फबारी के समय जब भरमौर और पांगी का संपर्क शेष विश्व से कट जाता है तो वहां के लोग टेलीमेडिसिन के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं.

Intro:चंबा के दूरदराज क्षेत्रों में टेलीमेडिसीन के माध्यम से दिया जा रहा उपचार ,स्पेशलिस्ट की मदद से पांगी और भरमौर के लोगों को मिल रहा उपचार ,
स्पेशल रिपोर्ट ,

हिमाचल प्रदेश सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर हमेशा तत्पर रहती है यही कारण है की अब चंबा जिला के दूरदराज क्षेत्र में स्थित रहने वाले लोगों को सरकार ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का बीड़ा उठाया है ,जिसके चलते चंबा जिला के पांगी और भरमौर के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को टेलीमेडिसीन के माध्यम से लोगों का उपचार किया जा रहा है ,पांगी घाटी में इसकी सुविधा करीब एक साल से दी जा रही है ,और यहाँ के गाँव के लोग इस सुविधा का लाभ उठा रहे है , आपको बताते चले की पांगी और भरमौर में ये सुविधा लोगों को मिल रही है करेब एक माह से भरमौर के दूद्राज के क्षत्रों में इस सुविधा को पहुंचाया जा रहा है ,टेलीमेडिसिन आज तक की प्रौद्योगिकी और दूरसंचार का उपयोग करके इंटरैक्टिव स्वास्थ्य देखभाल की क्षमता है। संक्षेप में, टेलीमेडिसिन मरीजों को तत्काल देखभाल या अपने डॉक्टरों को वीडियो पर लाइव कॉल करने की अनुमति देता है। रोगी डेटा को बाद में इलाज के साथ निदान के लिए चिकित्सकों को संग्रहीत और संचरित किया जाता है। चाहे आप न्यूयॉर्क के केंद्र में रहते हों या अमेज़ॅन के जंगलों में गहरे हो, टेली मेडिसिन आज स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराने में एक अनमोल उपकरण है।

Body:आपको बताते चले की गाँव में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जब बिमारी का पता न चले तो वहां से सीधा समपर्क जिला मुख्यलय में किया जाता है वहां से पेट से सबंधी स्पेशलिस्ट या अन्य स्पेशलिस्ट की मदद से उस रोगी के इलाज का पता लगाया जाता है जिसके चलते कम्पनी द्वारा जिला मुख्यलय में एक व्यक्ति तेनत किया होता है और तमाम टेस्ट गाँव में जकार करता है उसके बाद स्पेशलिस्ट की सलाह पे मरीज को उसकी बिमारी के अनुसार ट्रीटमेंट दिया जाता है ,ऐसे में टेलीमेडिसीन काफी कारगार साबित हो रही है ,जब भी कोई बीमार ज्यादा बीमार होता है तो नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से पेरामेडिकल स्टाफ बीमार व्यक्ति के टेस्ट के बारे में जिला मुख्यालय पे अवगत करवाता है उसके बाद अगर जरूरत पड़ी तो स्पेशलिस्ट उस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में खुद जाएगा अगर दूरदराज का इलाका है तो वहां उनके टेस्ट करवाने के बाद स्पेशलिस्ट डाक्टर रोगी के इलाज के लिए उन्हें परामर्श देकर उनका इलाज शुरू करता है , टेलीमेडिसिन का उपयोग तब किया जा सकता है जब सहयोग में जब स्वास्थ्य प्रदाताओं में पहुंच नहीं होती है या एक ही समय में उपलब्ध होने की आवश्यकता होती है। निदान चिकित्सक रोगी के इतिहास को निर्देशित कर सकता है, और निदान और परामर्श के लिए परामर्श विशेषज्ञ को चित्र, वीडियो और रेडियोलॉजी चित्र आदि भेज सकता है। विशेषज्ञ सुविधा पर, वह अपने निदान और उपचार योजना के साथ अनुवर्ती कार्रवाई कर सकती है। कई अवसरों पर विशेषज्ञ उपस्थित डॉक्टर और रोगी से बात करना चाहते हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग करना, यह डॉक्टरों और रोगी समय और पैसा दोनों को सहेज सकता हैConclusion:क्या कहते है चंबा के सीएमओ डॉ राजेश गुलेरी
वहीँ दूसरी और चंबा के सीएमओ डॉ राजेश गुलेरी का कहना है की चंबा के दूरदराज के क्षेत्रों में टेलीमेडिसीन के माध्यम से लोगों को इलाज दिया जा रहा है ये इलाज वहां दिया जाएगा जहाँ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉ नहीं हो वहां से मरीज को उसकी बिमारी बतानी होगी उसके बाद किसी भी स्पेशलिस्ट डॉ अगर संभव हुआ तो इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ये सुविधा देगा लेकिन इसके आलावा मरीज के टेस्ट करने के बाद कई बार जिला मुख्यालय से स्पेशलिस्ट अपनी ओपिनिय देगा उसके बाद मरीज का इलाज शुरू होगा चंबा जिला के दो उपमंडलों में ये इलाज दिया जा रहा है जिसमे पांगी और भरमौर शामिल है पांगी में करीब एक साल लोगों को इलाज मिल पा रहा है ,इसके अलावा भरमौर में हमने करीब एक माह पूर्व इलाज शुरू किया ,
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