चम्बा: जनजातीय क्षेत्र पांगी के जंगलों में तीन शावकों के साथ एक मादा बर्फानी तेंदुए की फोटो कैद हुई है. इस मादा तेंदुए और उसके शावकों को पांगी में टवान के जंगलों में देखा गया है. वन्य प्रणी विभाग की ओर से लगवाए गए ट्रैप कैमरों में इनकी तस्वीरें कैद हुई हैं. पांगी के जंगलों में इससे पहले भी दो बर्फानी तेंदुए को देखा गया था. वन्य विभाग के लगाए कैमरों में अब तक पांच तेंदुओं की तस्वीरें कैद हो चुकी हैं.
तस्वीरों से इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि पांगी के जंगलों में विलुप्त प्रजाती के बर्फानी तेंदुए फल फूल रहे हैं. बर्फानी तेंदुओं का दिखना वन्य प्राणी विभाग के लिए अच्छी खबर है. बता दें कि वन्य प्राणी विभाग ने सर्दियों में पांगी के जंगलों में ट्रैप कैमरे लगवाए थे. इन क्षेत्रों में बर्फानी तेंदुओं के होने की संभावनाएं जताई जा रही थीं. वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ राजीव कुमार ने कहा कि पांगी में मादा बर्फानी तेंदुए और उसके तीन शावकों का दिखना अच्छी खबर हैं.
कस्तूरी मृग और भालू भी आ चुके हैं नजर
जनजातीय क्षेत्र पांगी के जंगल में ट्रैप कैमरों में बर्फानी तेंदुए के अलावा एक कस्तूरी मृग व भूरे भालू की फोटो भी कैद हुई है. ये सभी वन्य प्राणी बहुत कम देखने को मिलते हैं. ऐसे में इनकी मौजूदगी का पता लगाने के लिए वन्य प्राणी विभाग की ओर से ट्रैप कैमरे लगाए गए थे. बर्फानी तेंदुए के प्रमाण मिलने के बाद विभाग इनके संरक्षण में जुट गया है.
विलुप्त प्रजाति में आता है बर्फानी तेंदुआ
शिकारियों से इन वन्य जीवों को बचाने के लिए कर्मचारियों को कड़ी हिदायत दी गई है. अनावश्यक रूप से जंगलों में दाखिल होने वाले लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. बता दें कि बर्फानी तेंदुआ विलुप्त प्रजाती की श्रेणी में आता है. पिछले कुछ सालों में इनकी संख्या बहुत कम हुई है, लेकिन इनके संरक्षण के लिए चलाई गई मुहिम के चलते अब एक बार इनकी संख्या फिर से बढ़ने लगी है. बर्फानी तेंदुए अक्सर लाहौल स्पीति, किन्नौर और चंबा के जनजातीय इलाकों में देखने को मिलते हैं.
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