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ग्लेशियर टूटने से जालसू पास रास्ता हुआ बंद, बीच राह में फंसे भेड़पालक - avalaunch in chamba

जालसू पास रास्ते के क्षतिग्रस्त होने से कई भेड़पालक फंस गए हैं. भरमौर की होली घाटी पहुंचे भेड़पालकों ने इसकी सूचना दी, लेकिन दो दिनों के बाद भी क्षतिग्रस्त रास्ते को बहाल करने के लिए प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है.

जालसू पास में फंसे भेड़पालक
जालसू पास में फंसे भेड़पालक
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Published : Jun 2, 2020, 6:37 PM IST

चंबा: कांगड़ा को चंबा जिला से जोड़ने वाले जालसू पास रास्ते के क्षतिग्रस्त होने से कई भेड़पालक फंस गए हैं. भरमौर की होली घाटी पहुंचे भेड़पालकों ने इसकी सूचना दी, लेकिन दो दिनों के बाद भी क्षतिग्रस्त रास्ते को बहाल करने के लिए प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है.

वीडियो रिपोर्ट

इस कारण भेड़पालकों में भी प्रशासन के प्रति रोष है. लिहाजा अब भेड़पालकों ने अपने स्तर पर ही अस्थाई रास्ता बनाना शुरू कर दिया है. बहरहाल भेड़पालकों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द पैदल रास्ते की मरम्मत की जाए.

जानकारी के मुताबिक भरमौर क्षेत्र को जिला कांगड़ा से जोड़ने वाला होली उतराला पैदल रास्ता चन्नी के पास दो दिन पहले क्षतिग्रस्त हो गया था. रास्ता टूट जाने के कारण करीब आधा दर्जन भेड़पालक अपने पशुओं समेत फंस गए हैं.

पैदल रास्ता इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है कि यहां से पशुओं का गुजरना तो दूर इंसान तक आर-पार नहीं हो पा रहे हैं. लिहाजा भेड़ बकरियों व घोड़ों समेत भरमौर आ रहे इन भेड़पालकों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द पैदल मार्ग की मरम्मत की जाए ताकि वो अपने घरों तक पहुंच पाएं.

बताया जा रहा है कि ग्लेशियर टूटने व चट्टान खिसकने के कारण ये रास्ता क्षतिग्रस्त हुआ है. बता दें कि भरमौर क्षेत्र के भेड़पालक हर साल सर्दियों में निचले इलाकों की ओर अपने पशुधन के साथ पलायन करते हैं. वहीं गर्मियों का सीजन शुरू होते ही पहाड़ों की राह पकड़ लेते हैं.

भरमौर क्षेत्र के अधिकांश भेड़पालक वाया जालसू पास होकर आते-जाते हैं, लेकिन अब ग्लेशियर के टूटने और चट्टान खिसकने से चन्नी के पास रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है.

चंबा: कांगड़ा को चंबा जिला से जोड़ने वाले जालसू पास रास्ते के क्षतिग्रस्त होने से कई भेड़पालक फंस गए हैं. भरमौर की होली घाटी पहुंचे भेड़पालकों ने इसकी सूचना दी, लेकिन दो दिनों के बाद भी क्षतिग्रस्त रास्ते को बहाल करने के लिए प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है.

वीडियो रिपोर्ट

इस कारण भेड़पालकों में भी प्रशासन के प्रति रोष है. लिहाजा अब भेड़पालकों ने अपने स्तर पर ही अस्थाई रास्ता बनाना शुरू कर दिया है. बहरहाल भेड़पालकों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द पैदल रास्ते की मरम्मत की जाए.

जानकारी के मुताबिक भरमौर क्षेत्र को जिला कांगड़ा से जोड़ने वाला होली उतराला पैदल रास्ता चन्नी के पास दो दिन पहले क्षतिग्रस्त हो गया था. रास्ता टूट जाने के कारण करीब आधा दर्जन भेड़पालक अपने पशुओं समेत फंस गए हैं.

पैदल रास्ता इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है कि यहां से पशुओं का गुजरना तो दूर इंसान तक आर-पार नहीं हो पा रहे हैं. लिहाजा भेड़ बकरियों व घोड़ों समेत भरमौर आ रहे इन भेड़पालकों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द पैदल मार्ग की मरम्मत की जाए ताकि वो अपने घरों तक पहुंच पाएं.

बताया जा रहा है कि ग्लेशियर टूटने व चट्टान खिसकने के कारण ये रास्ता क्षतिग्रस्त हुआ है. बता दें कि भरमौर क्षेत्र के भेड़पालक हर साल सर्दियों में निचले इलाकों की ओर अपने पशुधन के साथ पलायन करते हैं. वहीं गर्मियों का सीजन शुरू होते ही पहाड़ों की राह पकड़ लेते हैं.

भरमौर क्षेत्र के अधिकांश भेड़पालक वाया जालसू पास होकर आते-जाते हैं, लेकिन अब ग्लेशियर के टूटने और चट्टान खिसकने से चन्नी के पास रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है.

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