चंबा: जिला के जनजातीय क्षेत्र पांगी के लिए हवाई उड़ानें न होने के कारण घाटी के लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले कल भी शेडयूल के मुताबिक पांगी मुख्यालय किलाड़ के लिए हवाई उड़ान न हो पाने के कारण लोगों और रोगियों को हैलीपैड से वापस लौटना पड़ा था.
वहीं, गुरूवार को भी शेडयूल के मुताबिक पांगी के लिए हवाई उड़ान नहीं हो पाई. जिससे लोगों को मायूसी ही हाथ लगी है. इसी को लेकर पांगी कल्याण संघ का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त चंबा विवेक भाटिया से मिला और उनके माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा. जिसमें जल्द पांगी घाटी के लिए हवाई उड़ानें करवाने की मांग की गई है.
गौरतलब है कि बर्फबारी के चलते लोगों को पांगी घाटी से बाहर निकलने का एकमात्र साधन हवाई उड़ान ही है, लेकिन समय पर हवाई उड़ान न होने के कारण लोग जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं. क्षेत्रीय अस्पताल किलाड़ में करीब दस दिनों से कई रोगी घाटी से बाहर निकलने के लिए बैठे हैं. इस समय पांगी का सड़क सम्पर्क शेष विश्व से कटा है और लोग घाटी से निकलने के लिए हवाई उड़ानों पर ही निर्भर हैं.
पांगी कल्याण संघ के अध्यक्ष भगत बड़ोत्रा ने कहा कि पांगी घाटी के लिएइस सीजन में हवाई उड़ानें नहीं हो पाई हैं. जिससे पांगी वासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उनके अनुसार घाटी में इस समय 4 से 5 फुट तक बर्फ मौजूद है और सभी सड़क मार्ग बंद पड़े हैं.
पांगी के अन्य निवासियों के अनुसार लाहौल स्पीति के लिए निर्धारित शेडयूल के मुताबिक हवाई उड़ानें नहीं हो रही है, जबकि पांगी के लिए भी उड़ानें नहीं हो पा रही हैं. उन्होंने जल्द उड़ानें करवाने की सरकार से मांग की है. इसके अतिरिक्त उन्होंने प्रदेश सरकार से पांगी के लिए प्रस्तावित चैहणी पास सुरंग का निर्माण करवाने की भी मांग की है, ताकि सर्दियों के दिनों में भी पांगी घाटी का सम्पर्क शेष विश्व से जुड़ा रहे.
ये भी पढ़ें- पालमपुर के रहने वाले 3 जाट रेजिमेंट के जवान की शौर्यगाथा, 20 आतंकियों से लड़ते-लड़ते ऐसे पाई थी शहादत