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चंबा मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्था का आलम, कोरोना काल में एक बेड पर दो-दो मरीज

पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में आजकल बहुत से डिलीवरी केस आ रहे हैं और यहां पर जगह की कमी होने की वजह से एक-एक बेड पर दो-दो माताओं को नवजात बच्चों के साथ रखा जा रहा है और यह सब उस समय किया जा रहा है जब पूरा विश्व कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है.

chamba medical college news, चंबा मेडिकल कॉलेज न्यूज
फोटो.
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Published : Jul 8, 2020, 12:55 PM IST

Updated : Jul 8, 2020, 1:09 PM IST

चंबा: पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही कभी भी महिला मरीजों और उनके नवजात बच्चों पर भारी पड़ सकती है. जिसका मुख्य कारण अस्पताल में एक-एक बेड पर दो-दो महिला मरीजों और उनके नवजातों का दाखिल होना हैं.

हैरानी इस बात की है कि एक तरफ जहां सरकार व प्रशासन कोरोना महामारी के चलते फैलने वाले संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने की अपील कर रही है तो वहीं, दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज में इसके उलट ही देखने को मिल रहा है.

वीडियो.

यहां भर्ती हुए मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि यहां उनकी महिलाएं डिलीवरी के लिए लाई गई हैं और उन्हें एक ही बेड पर दो-दो महिलाओं को नवजात शिशुओं के साथ रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से इस कोरोना महामारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेंस अपनाना जरूरी है उससे उन्हें डर लग रहा है कि कहीं कोई अगर कोरोना संक्रमित यहां आता है तो उससे वह भी संक्रमित ना हो जाएं.

तिमारदारों ने प्रशासन से अपील की है कि हॉस्पिटल में ज्यादा बिस्तरों की व्यवस्था की जाए और अगर यहां भीड़ ज्यादा बढ़ती है तो दूसरे वार्ड में इन महिलाओं को उनके नवजात बच्चों के साथ रखा जाए, ताकि किसी भी तरह का कोई संक्रमण का खतरा ना हो.

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अस्पताल के चिकित्सा अ‌धीक्षक मोहन सिंह ने बताया कि सरकार व प्रशासन संस्थागत प्रसव करवाने को लेकर लोगों को जागरूक करता है. यही कारण है कि अस्पताल में ज्यादा महिलाएं प्रसव करवाने के लिए पहुंची है. उन्होंने कहा कि अब इन महिलाओं उनके नवजातों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा. साथ ही सामाजिक दूरी के नियम का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाएगा.

एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना की इस महामारी को झेल रही है. तो वहीं, हर जगह इससे बचने के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य ऐहतियात बरतने के लिए कहा जा रहा है. पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग अलग-अलग तरीके से लोगों को सोशल डिस्टेंस के बारे में जागरूक कर रहे हैं, लेकिन चंबा जिला के पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में किस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है.

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पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में आजकल बहुत से डिलीवरी केस आ रहे हैं और यहां पर जगह की कमी होने की वजह से एक-एक बेड पर दो-दो माताओं को नवजात बच्चों के साथ रखा जा रहा है और यह सब उस समय किया जा रहा है जब पूरा विश्व कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है.

हैरानी की बात है कि अगर स्वास्थ्य विभाग अपने ही संस्थान में इस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग अपना रहा है तो विभाग द्वारा बाहर लोगों को जागरूक किस तरह से किया जा रहा होगा ये सोचने वाली बात है.

ये भी पढ़ें- पिछले वर्ष की अपेक्षा 70 फीसदी कम जले जंगल, कोरोना काल पर्यावरण के लिए रहा सुखद

चंबा: पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही कभी भी महिला मरीजों और उनके नवजात बच्चों पर भारी पड़ सकती है. जिसका मुख्य कारण अस्पताल में एक-एक बेड पर दो-दो महिला मरीजों और उनके नवजातों का दाखिल होना हैं.

हैरानी इस बात की है कि एक तरफ जहां सरकार व प्रशासन कोरोना महामारी के चलते फैलने वाले संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने की अपील कर रही है तो वहीं, दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज में इसके उलट ही देखने को मिल रहा है.

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यहां भर्ती हुए मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि यहां उनकी महिलाएं डिलीवरी के लिए लाई गई हैं और उन्हें एक ही बेड पर दो-दो महिलाओं को नवजात शिशुओं के साथ रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से इस कोरोना महामारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेंस अपनाना जरूरी है उससे उन्हें डर लग रहा है कि कहीं कोई अगर कोरोना संक्रमित यहां आता है तो उससे वह भी संक्रमित ना हो जाएं.

तिमारदारों ने प्रशासन से अपील की है कि हॉस्पिटल में ज्यादा बिस्तरों की व्यवस्था की जाए और अगर यहां भीड़ ज्यादा बढ़ती है तो दूसरे वार्ड में इन महिलाओं को उनके नवजात बच्चों के साथ रखा जाए, ताकि किसी भी तरह का कोई संक्रमण का खतरा ना हो.

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अस्पताल के चिकित्सा अ‌धीक्षक मोहन सिंह ने बताया कि सरकार व प्रशासन संस्थागत प्रसव करवाने को लेकर लोगों को जागरूक करता है. यही कारण है कि अस्पताल में ज्यादा महिलाएं प्रसव करवाने के लिए पहुंची है. उन्होंने कहा कि अब इन महिलाओं उनके नवजातों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा. साथ ही सामाजिक दूरी के नियम का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाएगा.

एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना की इस महामारी को झेल रही है. तो वहीं, हर जगह इससे बचने के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य ऐहतियात बरतने के लिए कहा जा रहा है. पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग अलग-अलग तरीके से लोगों को सोशल डिस्टेंस के बारे में जागरूक कर रहे हैं, लेकिन चंबा जिला के पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में किस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है.

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पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में आजकल बहुत से डिलीवरी केस आ रहे हैं और यहां पर जगह की कमी होने की वजह से एक-एक बेड पर दो-दो माताओं को नवजात बच्चों के साथ रखा जा रहा है और यह सब उस समय किया जा रहा है जब पूरा विश्व कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है.

हैरानी की बात है कि अगर स्वास्थ्य विभाग अपने ही संस्थान में इस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग अपना रहा है तो विभाग द्वारा बाहर लोगों को जागरूक किस तरह से किया जा रहा होगा ये सोचने वाली बात है.

ये भी पढ़ें- पिछले वर्ष की अपेक्षा 70 फीसदी कम जले जंगल, कोरोना काल पर्यावरण के लिए रहा सुखद

Last Updated : Jul 8, 2020, 1:09 PM IST
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