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हिमाचल में फिर कांपी धरती, जनजातीय क्षेत्र भरमौर में महसूस किए गए भूकंप के झटके

भरमौर में गुरुवार रात को भूकंप(earthquake) के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल(richter scale) पर भूकंप(earthquake) की तीव्रता 2.9 आंकी गई है. जानकारी के अनुसार गुरुवार रात करीब 11:04 मिनट पर भरमौर क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके के बाद लोग घरों से बाहर आ गए. गनीमत रही कि भूकंप से जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ.

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Published : Jun 4, 2021, 6:31 AM IST

चंबा: जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र भरमौर(earthquake in chamba) में गुरुवार रात को भूकंप के झटके महसूस किए गए. धौलाधार रेंज से सटी होली घाटी में अन्य हिस्सों के मुकाबले जोरदार झटका महसूस हुआ है. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.9 आंकी गई है. क्षेत्र के किसी भी हिस्से से भूकंप(earthquake) से नुकसान की कोई सूचना नहीं है.

भूकंप के झटके

जानकारी के अनुसार गुरुवार रात करीब 11:04 मिनट पर भरमौर क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके के बाद लोग घरों से बाहर आ गए. गनीमत रही कि भूकंप से जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ. धौलाधार पर्वत श्रृंखला से सटी होली घाटी में पहले भी भूकंप के झटके अन्य इलाकों की अपेक्षा ज्यादा महसूस किए जाते रहे हैं.

बता दें कि इससे पहले 20 मई को भी जिला चंबा(chamba district) में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.2 मापी गई थी. जान माल का कोई नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन दहशत का माहौल जरूर पैदा हो गया.

चंबा जिले में भूकंप की सबसे अधिक आशंका

लाहौल स्पीति जिला(lahaul spiti district) और जम्मू-कश्मीर(jammu and kashmir) से लगती सीमा 23 प्रतिशत बार भूकंप का केंद्र रही है. कांगड़ा (आठ प्रतिशत), किन्नौर (पांच प्रतिशत), मंडी (छह प्रतिशत), शिमला (छह प्रतिशत) और सोलन (दो प्रतिशत) भी भूकंप का केंद्र रहा है. जिला चंबा में भूकंप आने की सबसे अधिक आशंका है.

1905 में कांगड़ा में आया था 7.8 तीव्रता का भूकंप

हिमाचल में सबसे बड़ा भूकंप(biggest earthquake in himachal) 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा में आया था. उसकी तीव्रता 7.8 थी और उस त्रासदी में 20 हजार लोगों ने जान गवाई. अगले ही साल यानी 1906 में 28 फरवरी को कुल्लू में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था. जब भी हिमाचल में भूकंप आते हैं तो लोगों के दिमाग में 1905 का भूकंप और उससे हुई तबाही तैर जाती है.

ये भी पढ़ें: उपचुनाव का शोर: कांग्रेस में हलचल तेज, आखिर क्यों विक्रमादित्य सिंह से मिले सीनियर कांग्रेस लीडर

चंबा: जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र भरमौर(earthquake in chamba) में गुरुवार रात को भूकंप के झटके महसूस किए गए. धौलाधार रेंज से सटी होली घाटी में अन्य हिस्सों के मुकाबले जोरदार झटका महसूस हुआ है. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.9 आंकी गई है. क्षेत्र के किसी भी हिस्से से भूकंप(earthquake) से नुकसान की कोई सूचना नहीं है.

भूकंप के झटके

जानकारी के अनुसार गुरुवार रात करीब 11:04 मिनट पर भरमौर क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके के बाद लोग घरों से बाहर आ गए. गनीमत रही कि भूकंप से जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ. धौलाधार पर्वत श्रृंखला से सटी होली घाटी में पहले भी भूकंप के झटके अन्य इलाकों की अपेक्षा ज्यादा महसूस किए जाते रहे हैं.

बता दें कि इससे पहले 20 मई को भी जिला चंबा(chamba district) में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.2 मापी गई थी. जान माल का कोई नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन दहशत का माहौल जरूर पैदा हो गया.

चंबा जिले में भूकंप की सबसे अधिक आशंका

लाहौल स्पीति जिला(lahaul spiti district) और जम्मू-कश्मीर(jammu and kashmir) से लगती सीमा 23 प्रतिशत बार भूकंप का केंद्र रही है. कांगड़ा (आठ प्रतिशत), किन्नौर (पांच प्रतिशत), मंडी (छह प्रतिशत), शिमला (छह प्रतिशत) और सोलन (दो प्रतिशत) भी भूकंप का केंद्र रहा है. जिला चंबा में भूकंप आने की सबसे अधिक आशंका है.

1905 में कांगड़ा में आया था 7.8 तीव्रता का भूकंप

हिमाचल में सबसे बड़ा भूकंप(biggest earthquake in himachal) 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा में आया था. उसकी तीव्रता 7.8 थी और उस त्रासदी में 20 हजार लोगों ने जान गवाई. अगले ही साल यानी 1906 में 28 फरवरी को कुल्लू में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था. जब भी हिमाचल में भूकंप आते हैं तो लोगों के दिमाग में 1905 का भूकंप और उससे हुई तबाही तैर जाती है.

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