चंबा: जिला चंबा में बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार की गई कार्य योजना के तहत आरटी- पीसीआर टेस्टिंग की क्षमता को 400 टेस्ट प्रतिदिन किया जाएगा ताकि अधिकाधिक लोगों के टेस्ट संभव हो सकें.
उपायुक्त डीसी राणा ने बताया कि आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की क्षमता को बढ़ाने के लिए टेस्टिंग लैब को भी चौबीसों घंटे कार्यशील बनाए जाने की दिशा में कार्य किया जाएगा ताकि निरंतर टेस्टिंग सुनिश्चित हो सके.
एक्टिव केस फाइंडिंग मुहिम शुरू
डीसी चंबा ने यह भी कहा कि जिले में 60 वर्ष की आयु से अधिक के उन व्यक्तियों की पहचान करने को लेकर एक्टिव केस फाइंडिंग मुहिम शुरू की गई है, जो गंभीर बीमारियों से ग्रसित रहे हैं. इस कार्य को आशा वर्कर के अलावा हेल्थ वर्कर द्वारा अंजाम दिया जाएगा. उपायुक्त ने कहा कि एक्टिव केस फाइंडिंग के माध्यम से जिले में उन लोगों का डाटा इकट्ठा किया जाएगा जो गंभीर बीमारियों के चलते कोरोना वायरस की चपेट में जल्द आ सकते हैं.
देरी से जांच करवाना लोगों के पड़ रहा है महंगा
बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत व स्वाद में कमी होने के लक्षण हों तो तुरंत टेस्ट करवाएं और इसमें लापरवाही कदापि न बरतें. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो अब तक के आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं, उनके मुताबिक जिले में कोरोना से हुई मौतों की सबसे बड़ी वजह देरी से जांच करवाना भी रही है. मौजूदा सर्दी के मौसम को देखते हुए भी लोगों को बरती जानेे वालीवाली सभी कोई भी समझौता नहीं करना चाहिए.
चंबा में कोरोना से मृत्यु दर 1.5
डीसी चंबा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक जिले में कुल 38412 सैंपल के लिए गए. जिनमें से 1671 पॉजिटिव पाए गए जबकि 1453 मामले रिकवर हुए. मौजूदा समय में जिले में 196 एक्टिव मामले हैं. इस समय जिले में प्रति एक हजार की आबादी पर टेस्टिंग 74 है, जो कार्य योजना के लागू होते ही और बढ़ेगी. इस समय जिले में रिकवरी की दर 87 फीसदी है जबकि मृत्यु दर 1.5 फीसदी है.
नई रणनीति के बाद कोरोना मामलों कमी आने की उम्मीद
मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम और प्रबंधन के लिए बनाई गई रणनीति के कार्यान्वयन के बाद नतीजों में और बदलाव सामने आने की उम्मीद है. विभिन्न विभागों के परस्पर समन्वय के अलावा पंचायती राज और शहरी निकायों के प्रतिनिधियों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाने की दिशा में सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
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