चंबा : हिमाचल को कोरोना फ्री स्टेट तक पहुंचाने की बात करने वाली जयराम सरकार प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर है. विपक्ष कोरोना एक्टिव केस फाइंडिंग को लेकर कई बार सवाल खड़े कर चुका है और जयराम सरकार पर टेस्टिंग पर ध्यान न देने के आरोप लगा चुका है. डलहौजी विधायक आशा कुमारी ने जयराम सरकार कोरोना महामारी के दौर में सही व्यवस्था न करने के आरोप लगाए हैं.
विधायिका आशा कुमारी का कहना है कि प्रदेश में कोरोना के शुरुआती दौर से टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ाने का मुद्दा उठाया जा रहा है, लेकिन सरकार ने विपक्ष की बातों पर ध्यान नहीं दिया. सरकार मानने को तैयार नहीं थी कि टेस्टिंग की रफ्तार कम है और इसे बढ़ाया जाना चाहिए. बाहरी राज्यों से लौटने वालों की वापसी पर विपक्ष भी हामी भरता है, लेकिन उचित व्यवस्था नहीं होने से प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है.
बाहरी राज्यों से लौट रहे लोगों द्वारा होम क्वारंटाइन के उल्लंघन पर विधायिका ने चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोग होम क्वांरटाइन का पालन नहीं कर रहे हैं और ऐसे में जब तक टेस्टिंग नहीं होगी तब तक मुश्किलात बढ़ती जाएगी. हालांकि कई मामले कांगड़ा और अन्य जिलों से सामने आए हैं, जो ज्यादा चिंता का विषय है. सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा और विशेष कदम उठाने होंगे.
कांग्रेस विधायिका आशा कुमारी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जिस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, उससे कहीं न कहीं आने वाले समय में मुश्किलें बढ़ जाएंगी. विपक्ष ने पहले भी सरकार से टेस्टिंग की ओर ध्यान देने का आग्रह किया था, लेकिन सरकार ने इसे संकट के समय राजनिति कहकर टाल दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाया है, जिससे यह लगे कि सरकार लोगों को लेकर गंभीर है. टेस्ट नहीं होंगे तो यह मामले लगातार बढ़ते जाएंगे और लोग बाहर से आ रहे हैं उनकी सही ढंग से टेस्टिंग होनी चाहिए, ताकि संक्रमण पर रोक लग सके. टेस्टिंग ही एकमात्र सहारा है, जिससे कोरोना से जंग जीती जा सकती है.