डलहौजीः नगर परिषद डलहौजी के चुनाव परिणामों के बाद अब परिषद के गठन को लेकर गहमागहमी शुरू हो गई है जिसके लिए आज पूरा दिन यही जद्दोजहद चलती रही. गौरतलब है कि नगर परिषद के चुनाव में भाजपा के ही दो गुटों ने अपने अपने प्रत्याशी सभी 9 वार्डों में खड़े किए थे.
कांग्रेस ने भी अपने 9 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे. लेकिन भाजपा के दोनों गुटों के चार-चार प्रत्याशी चुनाव जीत गए. जिनमें जिला भाजपा अध्यक्ष डीएस ठाकुर गुट के चार प्रत्याशी और 15 साल से नगर परिषद डलहौजी के अध्यक्ष रहे व प्रदेश योजना बोर्ड के सदस्य मनोज चड्डा गुट के 4 प्रत्याशियों ने जीत हासिल की. जबकि कांग्रेस मात्र एक सीट पर ही विजय प्राप्त कर सकी.
दोनों ही गुट अपनी अपनी जगह अड़े
अब जब परिषद के गठन का सवाल बना तो दोनों ही गुट अपनी अपनी जगह अड़े रहे और इसी खींचतान को खत्म करने के लिए भाजपा हाईकमान ने प्रदेश के वन मंत्री राकेश पठानिया को जिम्मेदारी सौंपते हुए आज डलहौजी भेजा.
राकेश पठानिया ने दोनों गुटों से आज बैठकें की और साथ ही कांग्रेस की एकमात्र विजयी पार्षद को भी भाजपा में शामिल करवा लिया. जिससे अब नगर परिषद की 9 की 9 सीटें भाजपा की हो गई. अब रहा सवाल नगर परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाने का तो इस बारे में दोनों गुटों के साथ विचार-विमर्श करके राकेश पठानिया ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है जिसे कि वह भाजपा हाईकमान को सौंपेंगे और भाजपा हाईकमान अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पर फैसला करेगा.
वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा
इस बारे में जानकारी देते हुए वन मंत्री राकेश पठानिया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि डलहौजी भाजपा में किसी भी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है. सभी आपस में एकजुट हैं और अब तो नगर परिषद की सारी 9 सीटें भाजपा की ही हो गई हैं. इसलिए अब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष किसको बनाया जाए. इसका फैसला भाजपा हाईकमान करेगी.
एकजुटता का पाठ पढ़ाया
आज के अपने दौरे के दौरान राकेश पठानिया ने जिला भाजपा अध्यक्ष डीएस ठाकुर और प्रदेश योजना बोर्ड के सदस्य एवं गत लगातार 15 साल से नगर परिषद डलहौजी के अध्यक्ष रहे मनोज चड्डा दोनों से ही मुलाकात कर उनके मत जाने और सभी को एकजुटता का पाठ पढ़ाया. बहरहाल यह एकजुटता कब तक और कहां तक रहती है. यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि क्या यह एकजुटता सही मायनों में होगी या केवल मात्र दिखावे के लिए इस पर भी प्रश्नचिन्ह लगना लाजमी है.
ये भी पढ़ें- वीसी की नियुक्ति में सरकार ने UGC के नियमों को ताक पर रखकर चहेतों को पदों पर बैठाया: राजेंद्र राणा