शिमला: चंबा के नृशंस मनोहर हत्याकांड में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में प्रेस वार्ता में गंभीर सवाल उठाए. पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सवाल उठाया कि जिस परिवार ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है, उसके पास नोटबंदी के समय 95 लाख रुपए कैसे आए. जयराम ठाकुर ने दावा किया कि नोटबंदी के समय हत्या के आरोपी परिवार के मुखिया शरीफ मोहम्मद ने बैंकों में 95 लाख रुपए एक्सचेंज किए थे.
यही नहीं, पूर्व सीएम ने कहा कि आरोपी के बैंक खाते में दो करोड़ रुपए का डिपॉजिट कैसे आया? जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा ने इस पूरे मामले की जानकारी अपने माध्यम से जुटाई है. उसमें खुलासा हुआ है कि आरोपी परिवार के पास केवल तीन बीघा जमीन मल्कियत में दर्ज है, लेकिन उसने सौ बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा किया हुआ है. इसके अलावा आरोपी के पास केवल सौ भेड़-बकरियों का धण (संख्या) है, लेकिन वो सालाना 200 भेड़-बकरियां बेचता है. यही नहीं, सर्दियों में जब उस इलाके में छह फीट से अधिक बर्फ पड़ती है तो भी शरीफ मोहम्मद का परिवार वहां से नहीं जाता.
नेता प्रतिपक्ष ने एक और गंभीर खुलासा करते हुए कहा कि 1998 में चंबा जिला के कालाबन सतरुंडी इलाके में आतंकियों ने 35 लोगों की हत्या की गई थी. आतंकी अपने साथ सात लोगों को ले गए थे. उन सात लोगों का आज तक कोई अता-पता नहीं है. जयराम ठाकुर ने कहा कि उस समय भी शरीफ मोहम्मद को जांच एजेंसियों ने जांच के दायरे में शामिल किया था. इस परिवार के मुखिया का आपराधिक रिकार्ड रहा है.
चूंकि चंबा सीमावर्ती इलाका है और ये परिवार भारी बर्फबारी में भी दस हजार फीट की ऊंचाई वाला ये स्थान नहीं छोड़ता, ऐसे में मामले की गंभीरता बढ़ जाती है. आतंकियों से कनेक्शन की आशंका को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता. जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल के कुछ प्रभावशाली नेता आरोपियों का बचाव कर रहे हैं. उन्होंने मामले की एनआईए से जांच की मांग उठाई.