चंबा: देश भर में प्रसिद्ध मिंजर मेला हर साल जुलाई माह यानी सावन के महीने में आयोजित किया जाता है. चंबा जिला का मिंजर मेला हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक है. यहां हर साल मुस्लिम परिवार मिंजर तैयार करता है और उसके बाद भगवान रघुवीर को ये मिंजर चढ़ाई जाती है.
कोरोना वायरस के कारण इस बार मिंजर मेले में परंपरा को किस तरह से निभाया जाएगा, इसके लिए जिला प्रशासन ने सदर विधयाक की मौजूदगी में बैठक का आयोजन किया. इस बार मिंजर मेले के दौरान कुजड़ी मल्हार के गीतों को चंबा के चौगान में कलाकार गाएंगे, लेकिन चौगान में किसी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं होगी. सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
इसको लेकर पुलिस बल तैनात रहेगा और शुरुआत में चंबा में करीब 50 लोग नगर परिषद के माध्यम से मिंजर की शुरुआत करेंगे. कश्मीरी मोहल्ले का मिर्जा परिवार भगवान रघुबीर को मिंजर चढ़ाने का काम करेगा. हालांकि इसको लेकर चंबा जिला प्रशासन ने सदर के विधायक पवन नैय्यर और शहर की कई संस्थाओं ने प्रशासन को मिंजर को लेकर आपने अपने सुझाव दिए.
वहीं, दूसरी ओर चंबा के विधायक पवन नैय्यर का कहना है कि चंबा में मिंजर मेले को लेकर जिला प्रशासन सहित सभी बुद्धिजीवी लोग शामिल हुए. चंबा में मिंजर मेले को 26 जुलाई से शुरू किया जाएगा. इसमें सिर्फ चंबा में मिंजर की परंपरा निभाई जाएगी.
मिंजर की शुरुआत में सिर्फ पचास लोग शामिल होंगे और चौगान में सिर्फ चंबा की संस्कृति से जुड़े लोग अपनी गायकी का प्रदर्शन करेंगे, लेकिन चौगान बंद रहेगा. उसके बावजूद मिंजर का विसर्जन भी पचास लोग ही करेंगे, जबकि मेला नहीं होगा जिससे इस महामारी के चलते किसी को कोई परेशानी ना हो सके.
जाहिर सी बात है की चंबा का मिंजर मेला बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते मिंजर मेले पर भी असर पड़ा है.
पढ़ें: इस पौधे पर एक साथ लगते हैं 'प्याज' और मसाले, बीमारियों से भी रखता है दूर