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चंबा रूमाल का प्रशिक्षण लेने पहुंची विदेशी महिलाएं, सीखेंगी बारीकियां

ब्रिटिश ग्रुप इंग्लैंड के सदस्य मंगलवार को विश्व प्रसिद्ध चंबा रूमाल की बारीकियां सीखने के लिए जिला मुख्यालय पहुंचीं. इस दल में 18 महिलाएं शामिल हैं. दल दो गाइडों की मदद से चंबा पहुंचा.

चंबा रुमाल का प्रशिक्षण लेने पहुंची विदेशी महिलाएं
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Published : Oct 8, 2019, 10:35 PM IST

Updated : Oct 8, 2019, 10:48 PM IST

चंबा: ब्रिटिश ग्रुप इंग्लैंड के सदस्य मंगलवार को विश्व प्रसिद्ध चंबा रुमाल की बारीकियां सीखने के लिए जिला मुख्यालय पहुंचीं. इस दल में 18 महिलाएं शामिल हैं. दल दो गाइडों की मदद से चंबा पहुंचा.

राज्य स्तरीय सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित चंबा रुमाल की कढ़ाई में विशिष्टता हासिल कर चुकीं सिराज बेगम से महिलाओं के दल ने मुलाकात की. सिराज ने उन्हें चंबा रूमाल की बारीकियां सिखाईं. सिराज बेगम ने बताया कि विदेशी महिलाएं दो दिन तक यहां रुककर चंबा रूमाल बनाने का प्रशिक्षण लेंगी,

चंबा रूमाल रेशम व सूती कपड़े पर कढ़ाई करके तैयार किया जाता है. छोटे रूमाल के लिए एक दिन और टेबल, दीवार फ्रेम व बिस्तर की चादर के लिए एक सप्ताह से लेकर दो माह का समय लग जाता है. इसकी वजह यह होती है कि कढ़ाई में इस्तेमाल होने वाला टांका बेहद बारीकी से लगाया जाता है.चंबा रूमाल विश्व भर में प्रसिद्ध है. ऐसे में विदेशी भी इस कला को सीखने के लिए काफी उत्साहित रहते हैं.

चंबा: ब्रिटिश ग्रुप इंग्लैंड के सदस्य मंगलवार को विश्व प्रसिद्ध चंबा रुमाल की बारीकियां सीखने के लिए जिला मुख्यालय पहुंचीं. इस दल में 18 महिलाएं शामिल हैं. दल दो गाइडों की मदद से चंबा पहुंचा.

राज्य स्तरीय सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित चंबा रुमाल की कढ़ाई में विशिष्टता हासिल कर चुकीं सिराज बेगम से महिलाओं के दल ने मुलाकात की. सिराज ने उन्हें चंबा रूमाल की बारीकियां सिखाईं. सिराज बेगम ने बताया कि विदेशी महिलाएं दो दिन तक यहां रुककर चंबा रूमाल बनाने का प्रशिक्षण लेंगी,

चंबा रूमाल रेशम व सूती कपड़े पर कढ़ाई करके तैयार किया जाता है. छोटे रूमाल के लिए एक दिन और टेबल, दीवार फ्रेम व बिस्तर की चादर के लिए एक सप्ताह से लेकर दो माह का समय लग जाता है. इसकी वजह यह होती है कि कढ़ाई में इस्तेमाल होने वाला टांका बेहद बारीकी से लगाया जाता है.चंबा रूमाल विश्व भर में प्रसिद्ध है. ऐसे में विदेशी भी इस कला को सीखने के लिए काफी उत्साहित रहते हैं.

Intro:ब्रिटिश महिलाओं ने सीखी चंबा रुमाल की बारीकियां,

ब्रिटिश ग्रुप इंग्लैंड की सदस्य मंगलवार को विश्व प्रसिद्ध चंबा रुमाल की बारीकियां सीखने के लिए जिला मुख्यालय पहुंचीं। इस दल 18 महिलाएं शामिल हैं। वह दो गाइड की मदद से यहां पहुंची हैं। इस दौरान वह राज्य स्तरीय सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित चंबा रुमाल की कढ़ाई में विशिष्टता हासिल कर चुकीं सिराज बेगम से मिलीं। सिराज ने उन्हें चंबा रुमाल की बारीकियां बताई। उन्हें बताया गया कि यह किस प्रकार बनाया जाता है।Body:सिराज ने उन्हें चंबा रुमाल की बारीकियां बताई। उन्हें बताया गया कि यह किस प्रकार बनाया जाता है। ब्रिटिश महिलाओं ने चंबा रुमाल में काफी रुचि दिखाई और इसका प्रशिक्षण लेने की इच्छा जाहिर कीConclusion:सिराज बेगम ने बताया कि विदेशी महिलाएं दो दिन तक चंबा में रुककर चंबा रुमाल बनाने का प्रशिक्षण लेंगी। उन्हें बताया गया कि चंबा रुमाल रेशम व सूती कपड़े पर कढ़ाई कर तैयार किया जाता है। यह रेशम व सूती सादे कपड़े पर दोनों ओर एक सम्मान दो टांकों के साथ कढ़ाई के रूप में उकरने से तैयार किया जाता है। छोटे रुमाल के लिए एक दिन और टेबल, दीवार फ्रेम व बिस्तर की चादर के लिए एक सप्ताह से लेकर दो माह का समय लग जाता है। इसकी वजह यह होती है कि कढ़ाई में इस्तेमाल होने वाला टांका बेहद बारीकी से लगाया जाता है। चंबा रुमाल विश्व भर में प्रसिद्ध है। ऐसे में विदेशी भी इस कला को सीखने के लिए काफी उत्साहित रहते हैं। ब्रिटिश ग्रुप इंग्लैंड के समूह में ग्लोरिया पिट, लूसी बरनैट, केरिया ग्लेन, पॉली वूलस्टोन, वनीशा कुलै, जुला ऑक्सेड, रूठ जोनस, केई फ्रेंसिस सहित अन्य महिलाएं शामिल हैं।
Last Updated : Oct 8, 2019, 10:48 PM IST
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